लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दिया था, कि ज्यादातर सेवाएं हर हाल में फेसलेस की जाएं, नहीं तो जिस अधिकारी की लापरवाही सामने आएगी, उसका प्रमोशन रोक दिया जाएगा. इसके बाद उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने फेसलेस सेवाओं के मामले में रफ्तार पकड़ी. अब उत्तर प्रदेश फेसलेस सेवाओं के मामले में देश में नंबर वन बन चुका है.
लक्षद्वीप टार्गेट से कोसों दूर: अब तक परिवहन विभाग ने 49 सेवाएं फेसलेस कर दी हैं. फेसलेस सेवाओं के मामले में लक्षद्वीप अपने लक्ष्य से कोसों दूर रह गया है. यहां पर अब तक सिर्फ एक सेवा ही फेसलेस हो पाई है. इसके साथ ही असम ने जनता को सुविधा देने के लिए फेसलेस सेवाओं पर भरपूर काम किया. इसका नतीजा यह है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे हाईटेक स्टेटस को हराकर असम ने दूसरी रैंक हासिल की है.
असम उत्तर प्रदेश के काफी करीब: उत्तर प्रदेश में अब ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही वाहनों से संबंधित कामों के लिए जनता को आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते. बल्कि घर बैठे ही चुटकियों में काम पूरा हो रहा है. ड्राइविंग लाइसेंस की सभी सेवाएं फेसलेस होने से जनता को काफी सहूलियत मिली है. वाहन से संबंधित तमाम कामों के लिए भी अब तक लोगों को आरटीओ कार्यालय जाकर लाइन में लगना पड़ता था. इससे उनका समय खर्च होता था.
अब परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को आरटीओ कार्यालय आने से मुक्ति दे दी है. विभाग की अब तक 49 सेवाएं फेसलेस कर दी गई हैं. जो शेष रह गई हैं, उन्हें भी जल्द फेसलेस किए जाने की तैयारी है. उत्तर प्रदेश अब फेसलेस सेवाओं के मामले में पहले स्थान पर काबिज हो गया है. बाकी राज्य उत्तर प्रदेश की तुलना में काफी पीछे हैं. हालांकि इस मामले में असम उत्तर प्रदेश के काफी करीब है. असम में भी अब तक 46 सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं.
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किस राज्य की कितनी सेवाएं हुईं फेसलेस : उत्तर प्रदेश में 49, असम में 46, वेस्ट बंगाल में 46, तमिलनाडु में 45, कर्नाटक में 42, महाराष्ट्र में 42, आंध्र प्रदेश में 42, राजस्थान में 35, गुजरात में 34, हरियाणा में 34, जम्मू कश्मीर में 31, बिहार में 31, गोवा में 27, दादरा नगर हवेली में 26, मध्य प्रदेश में 24, दिल्ली में 22, पंजाब में 22, छत्तीसगढ़ में 21, चंडीगढ़ में 21, केरल में 20, हिमांचल प्रदेश में 17, मणिपुर में 13, सिक्किम में 12, उड़ीसा में 12, मेघालय में 11, झारखंड में नौ, पुडुचेरी में नौ, लद्दाख में पांच, मिजोरम में चार, अरुणाचल प्रदेश में तीन, नागालैंड में तीन, त्रिपुरा में तीन, उत्तराखंड में तीन, अंडमान एंड निकोबार में दो और लक्षद्वीप में एक सेवा फेसलेस हुई है.
ये व्यवस्थाएं हुईं ऑनलाइन : परिवहन विभाग की ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन और परमिट सम्बंधी 49 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया. इनमें से 16 सेवाएं ऐसी हैं जिनमें ऑटो अप्रूवल की व्यवस्था बनाई गई. ऑटो अप्रूवल वाली सेवाओं के लिए आवेदकों को आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी. लर्नर लाइसेंस में पता बदलने, लर्नर लाइसेंस में फोटो व साइन बदलना, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस जारी करना, लर्नर लाइसेंस निकलवाने का प्रावधान करना, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण (जिसमें वाहन चलाने की दक्षता जांचने की जरूरत नहीं है), ड्राइविंग लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स बदलना ऑनलाइन हो गया है.
वहीं ड्राइविंग लाइसेंस में फोटो व साइन बदलना, लाइसेंस से वाहन का श्रेणी समर्पण, डुप्लीकेट सार्वजनिक सेवा वाहन (पीएसवी) बैज जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट कंडक्टर लाइसेंस जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस निकलवाने का प्रावधान करना, कंडक्टर लाइसेंस में पता बदलना, कंडक्टर लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स बदलना, पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क जमा करना, पंजीकरण प्रमाणपत्र में पता बदलना जैसी सेवाएं शामिल हैं. वाहन फोर से सम्बंधित पांच सेवाओं, सारथी फोर से सम्बंधित 22 सेवाओं और परमिट से सम्बंधित छह सेवाओं को पोर्टल पर लाइव किया गया है.
क्या कहते हैं परिवहन मंत्री : उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह का कहना है, कि यह हमारे प्रदेश की जनता के लिए खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हमारा विभाग लगातार बेहतर कर रहा है. अब हम जनता को सुविधा देने के मामले में देश में पहले स्थान पर हैं. सबसे ज्यादा फेसलेस सेवाएं हमारे प्रदेश के परिवहन विभाग ने की हैं. अब जनता के समय और पैसे दोनों की बचत हो रही है. फेसलेस सेवाओं का लोग लाभ उठा रहे हैं.
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