लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने बेरोजगारों को भौकाली ऑफिस और महंगी गाड़ियों का प्रभाव दिखाकर सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरफ्तार हुए जालसाजों ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. आरोपियों के पास से कई विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र और नकली मार्कशीट बरामद हुई है.
सरकारी विभाग के नाम पर बना रखी थी फर्जी संस्था : पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, उन्होंने ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लि. लखनऊ के नाम से फर्जी संस्था खोल रखी है. जिसका नाम सरकारी विभाग के नाम पर बना रखा है. पूछताछ में बताया कि नवयुवकों को सरकारी नौकरी देने के नाम पर दफ्तर बुलाते हैं और उन्हें फर्जी विज्ञापन, महंगी कार, ऑफिस दिखाकर भौकाल बनाते थे. इतना ही नहीं खुद को भारत सरकार में पदस्थ उच्चाधिकारी बताकर इंटरव्यू भी लेते थे. इतना ही नहीं नौकरी देने के नाम पर उनसे पैसा लेते थे और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर दे देते थे. उनका एक साथी भानु दीक्षित पहले भी कई बार ऐसे ही मामलो में जेल जा चुका है. आरोपी भानु सिंह ने बताया गया कि उसका दिल्ली में भी एक ऐसा मामला चल रहा है. हम सभी लोग मिलकर एक जगह पर ऑफिस कुछ ही दिन चलाते हैं. लैटर पैड पर अंकित मोबाइल नम्बर 7317510711 के बारे मे बताया कि यह हम लोगों ने फ्रॉड करने के लिए ही फर्जी नाम पते पर लिया है.
फर्जी नियुक्ति पत्र और नकली मार्कशीट बरामद : एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर कई गिरोह युवक-युवतियों से ठगी कर रहे हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को लखनऊ के रहने वाले भानू प्रताप सिंह और सत्येंद्र पाठक को विभूतिखंड से गिरफ्तार किया गया है. दोनों के पास से कई सरकारी विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र और नकली मार्कशीट बरामद हुई है.
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