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सीसामऊ नाले का दूषित पानी गंगा को कर रहा मैला, यूपीपीसीबी के अफसर बोले- होगा सख्त एक्शन - KANPUR NEWS

Contaminated water in Ganga river: सरकार गंगा के प्रदूषणमुक्त होने की बात कहते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

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सीसामऊ नाले का दूषित पानी गंगा में (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 3:48 PM IST

कानपुर: सीसामऊ नाले का करोड़ों लीटर गंदा पानी गंगा में लगातार गिर रहा है. अब इस मामले का संज्ञान नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने लिया है. वहीं, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने नाले की टैंपिंग को लेकर देखरेख करने वाली कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लि. (केआरएमपीएल) पर 27 मई से लेकर पांच दिसंबर तक प्रतिमाह पांच लाख रुपये जुर्माना लगाए जाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया है. खुद इसकी पुष्टि क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी अमित मिश्रा ने की. उन्होंने कहा, अब उक्त कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का वक्त आ चुका है.

नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें- महाकुंभ 2025; NGT ने गंगा की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर जताई नाराजगी, पर्यावरण मंत्रालय के प्रमुख सचिव को किया तलब

पिछले महीनों में कंपनी को कई नोटिस जारी की गई थीं. लेकिन, किसी तरह का सुधार देखने को नहीं मिला. वहीं, कानपुर में गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक जलकल, जल निगम और नगर निगम के अफसरों ने फील्ड पर रहते हुए सीसामऊ नाला की हकीकत खुद देखी. मानो नाला अफसरों का मुंह चिढ़ा रहा हो.

सिर पर महाकुंभ, बावजूद इसके गंगा हो रही मैली: एक ओर जहां खुद सीएम योगी कुंभ की तैयारियों को लेकर लगातार सतर्कता बरत रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कानुपर से ही रोजाना करोड़ों लीटर दूषित पानी गंगा के आंचल को मैला कर रहा है. जब कानपुर में गंगा दूषित होगी, तो स्वाभाविक है प्रयागराज में साफ जल पहुंचना असंभव है. अब, शासन स्तर से मामले का संज्ञान लेने के बाद कानपुर के जिम्मेदारों के कानों पर जूं रेंगी है. अफसर नाले की टैंपिंग को लेकर कवायद कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का आदेश; यमुना में गिरने से रोकें 43 नाले, 136 करोड़ रुपए की योजना तैयार, मंजूरी का इंतजार

कानपुर: सीसामऊ नाले का करोड़ों लीटर गंदा पानी गंगा में लगातार गिर रहा है. अब इस मामले का संज्ञान नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने लिया है. वहीं, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने नाले की टैंपिंग को लेकर देखरेख करने वाली कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्रा. लि. (केआरएमपीएल) पर 27 मई से लेकर पांच दिसंबर तक प्रतिमाह पांच लाख रुपये जुर्माना लगाए जाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया है. खुद इसकी पुष्टि क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी अमित मिश्रा ने की. उन्होंने कहा, अब उक्त कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का वक्त आ चुका है.

नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

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पिछले महीनों में कंपनी को कई नोटिस जारी की गई थीं. लेकिन, किसी तरह का सुधार देखने को नहीं मिला. वहीं, कानपुर में गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक जलकल, जल निगम और नगर निगम के अफसरों ने फील्ड पर रहते हुए सीसामऊ नाला की हकीकत खुद देखी. मानो नाला अफसरों का मुंह चिढ़ा रहा हो.

सिर पर महाकुंभ, बावजूद इसके गंगा हो रही मैली: एक ओर जहां खुद सीएम योगी कुंभ की तैयारियों को लेकर लगातार सतर्कता बरत रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कानुपर से ही रोजाना करोड़ों लीटर दूषित पानी गंगा के आंचल को मैला कर रहा है. जब कानपुर में गंगा दूषित होगी, तो स्वाभाविक है प्रयागराज में साफ जल पहुंचना असंभव है. अब, शासन स्तर से मामले का संज्ञान लेने के बाद कानपुर के जिम्मेदारों के कानों पर जूं रेंगी है. अफसर नाले की टैंपिंग को लेकर कवायद कर रहे हैं.

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