लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर देने का आदेश दिया था. इसे लेकर यूपी पुलिस के कर्मचारियों को भी इस नियम का पालन करते हुए अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना था. डीजीपी के अनुसार करीब 99 फीसद पुलिसकर्मियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,36,571 राज्यकर्मियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से देना था. सोमवार को इसकी अंतिम तारीख थी. डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी पुलिस के 3.17 लाख कर्मियों में 99 फीसद यानी कि 3,15,857 पुलिसकर्मियों ने मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्यौरा दे दिया है. जिन कर्मियों ने अब तक जानकारी नहीं दी है, उनमें वे कर्मी हो जो लंबे समय से गैरहाजिर या फिर निलंबित हैं.
वहीं बीते दिनों डीजीपी मुख्यालय ने 17 निरक्षकों की एक लिस्ट जारी की थी, जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा पोर्टल पर जारी नही किया था. मुख्यालय ने उनका प्रमोशन तक रोक दिया था. इनमें सीबीसीआईडी में तैनात उमेश प्रताप सिंह, डीजीपी मुख्यालय में तैनात सतीश यादव, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात ब्रजेश कुमार वर्मा, इंटेलीजेंस मुख्यालय में तैनात भानु प्रताप सिंह, मेरठ में तैनात राजेंद्र कुमार नागर, प्रयागराज के दीपक शर्मा, आजमगढ़ के संजय सिंह, गाजीपुर के सतीश कुमार रावत, ईओडब्ल्यू लखनऊ के अंजनी कुमार श्रीवास्तव, अमरोहा के सतीश वर्मा, सीतापुर के शैलेंद्र कुमार सिंह, रोहिताश सिंह, लक्ष्मी सिंह चौहान, राजेश कुमार भारतीय, सुरजन सिंह, द्रविड़ कुमार सिंह और मुस्लिम लता शामिल थीं.
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