वाराणसी: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में अंतिम चरण में होने वाले मतदान को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी बड़े खेल की तैयारी में है. शायद यही वजह है की अंतिम चरण के चुनाव से कुछ दिन पहले ही पूर्वांचल की कई सीटों पर समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं.
बलिया के बड़े नेता समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में है. नारद राय और राम इकबाल सिंह ने ओपी राजभर के साथ अमित शाह से मुलाकात करके एक नया मैसेज देने का काम किया है. वाराणसी में इन दोनों ने गृह मंत्री अमित शाह से एक होटल में मुलाकात की थी.
वहीं मंगलवार की शाम जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने भी वाराणसी में होटल में रुके गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी तस्वीर शेयर करते हुए अमित शाह से मुलाकात की जानकारी दी है. श्रीकला ने अमित शाह से यह दूसरी मुलाकात की है. इसके पहले उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से 15 मई को भी मुलाकात की थी.
नारद राय और राम इकबाल की मुलाकात से क्या बदलेगी सियासत: फिलहाल माना जा रहा है कि पहले बलिया से नारद राय और राम इकबाल सिंह के बाद जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्वांचल की राजनीति में कुछ बड़ा होने जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह फिलहाल अंतिम चरण के चुनाव के लिए वाराणसी में ही डेरा डाले हुए हैं.
गृहमंत्री अमित शाह पूर्वांचल के लिए बना रहे खास रणनीति: पूरे दिन पूर्वांचल की अलग-अलग सीटों पर जनसभा करने के बाद गृह मंत्री वाराणसी में ही रात्रि विश्राम कर रहे हैं. रविवार सोमवार और मंगलवार को गृह मंत्री वाराणसी में ही एक पांच सितारा होटल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे थे. शाम को वाराणसी आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला ने वाराणसी पहुंचकर मुलाकात की है.
पूर्वांचल की रणनीति में राजभर की खास भूमिका: सबसे बड़ी बात यह है कि इन सभी से मुलाकात की जिम्मेदारी वाराणसी में ओपी राजभर निभा रहे हैं. चर्चा यह भी है कि घोसी लोकसभा सीट पर राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर के चुनावी समीकरण को सेट करने के लिए नारद राय और इकबाल सिंह को बीजेपी के पाले में लाने की तैयारी कर रहे हैं.
राम इकबाल पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा नाम: इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि राम इकबाल सिंह का घोसी लोकसभा सीट पर अच्छा प्रभाव है. वहीं नारद राय भी पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा नाम है. अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अलावा गोरखपुर में और पूर्वांचल की 13 सीटों पर चुनाव होने है.
भाजपा के लिए पूर्वांचल की 11 सीटें काफी अहम: इनमें 11 ऐसी सीटें हैं जहां मुकाबला बेहद ही कड़ा है. इन सीटों पर जरा सा भी इधर-उधर मामला होने पर भाजपा के 80 की 80 यूपी की सीट जीतने का दावा हवा हवाई हो सकता है. इसलिए अंतिम समय में अमित शाह वाराणसी में डेरा डालकर पूर्वांचल की सभी सीटों पर बड़ा गेम प्लान करने में जूटे हुए हैं.
पूर्वांचल की इन सभी मुख्य 11 सीटों पर जिनमें घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज की सीटों पर रणनीति बनाने में अमित शाह वाराणसी से जुटे हैं और गठबंधन के सहयोगी ओपी राजभर के सहारे बलिया जौनपुर, गाजीपुर, मऊ घोसी समेत कई अन्य सीटों पर फेर बदल करते हुए कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रहे हैं.
नारद और राम इकबाल का भाजपा में आना बड़ा संकेत: एक दिन पहले नारद राय का मंच से समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान करना और इकबाल सिंह का भी उनके साथ आना कहीं ना कहीं से पूर्वांचल की कई सीटों पर बड़ा असर डालने वाला साबित हो सकता है. राम इकबाल सिंह बलिया और घोसी सीट पर अच्छा प्रभाव रखते हैं, जबकि नारद राय का पूर्वांचल की मऊ घोसी, बलिया समेत कई अन्य सीटों पर भी अच्छा प्रभाव है.
ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं और यहां ठाकुर, भूमिहार मतों को एकजुट करने के लिए राजभर ने राम इकबाल और नारद राय को पार्टी के साथ जोड़कर बड़ा दांव खेलने की भी कोशिश की है.
फिलहाल धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला की मुलाकात के बाद पूर्वांचल की राजनीति में 1 जून से पहले और 4 जून के बाद कुछ बड़ा होने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. जिसकी पटकथा गृह मंत्री अमित शाह वाराणसी में बैठकर लिखते दिखाई दे रहे हैं.
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