कानपुर: शहर के जाजमऊ क्षेत्र में बसी 200 से अधिक टेनरियां अब चार सालों बाद पूरी क्षमता के साथ एक बार फिर से चलेंगी. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. वहीं जो अभी तक टेनरियों के संचालन संबंधी रोस्टर की व्यवस्था थी उसको भी खत्म कर दिया गया है. अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक पहले 15 दिन तक टेनरियां खुलती थीं और उसके बाद फिर टेनरियों का संचालन 15 दिनों के लिये बंद कर दिया जाता था, मगर अब पूरे माह टेनरियों का संचालन शुरू होगा.
वहीं, टेनरियों के चलने से निश्चित तौर पर इसका पूरा लाभ जाजमऊ क्षेत्र में चमड़ा कारोबारियों को मिलेगा. अभी तक टेनरियों के बंद होने से चमड़ा कारोबारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता था. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आला अफसरों ने बताया कि एक समय जाजमऊ क्षेत्र में 400 टेनरियों का संचालन होता था. हालांकि मौजूदा समय में केवल 225 टेनरियों में ही संचालन हो रहा है.
कुंभ मेला में पहले की तरह व्यवस्था: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने कहा कि भले ही मौजूदा समय में टेनरियों के रोस्टर व्यवस्था को खत्म करके संचालन का आदेश जारी हो गया हो मगर माघ मेला के दौरान पहले की तरह ही बंदी रहेगी. आला अफसरों ने कहा कि माघ मेला के दौरान पहले पहले की तरह गीला काम करने पर चार दिन की बंदी लागू रहेगी. हालांकि पूरी तरीके से बंदी को लागू नहीं किया जाएगा. वहीं जाजमऊ में 20 एमएलडी क्षमता का बड़ा इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट अब चालू कर दिया गया है. ऐसे में इस इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के बन जाने से टेनरियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को साफ करके अब गंगा में भी प्रवाहित किया जा सकेगा, जबकि इससे पहले जो जाजमऊ में आठ एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट बना था. जब उसमें केमिकल युक्त पानी को शोधित किया जाता था तो काफी कुछ पानी का हिस्सा गंगा में पहुंच जाता था जिससे गंगा भी प्रदूषित होती थीं.
किसने क्या कहाः इस बारे में काउंसिल फ़ॉर लेदर एक्सपोर्ट के क्षेत्रीय अध्यक्ष असद इराकी का कहना है कि शहर के चमड़ा उद्योग के लिए यह एक राहत भरी खबर है कि टेनरियों का संचालन पूरी क्षमता के साथ होगा. लगातार टेनरियां महीने के 30 दिन संचालित रहेगी तो निश्चित तौर पर इसका उत्पादन बढ़ेगा और उसका असर निर्यात पर भी दिखने लगेगा. साथ ही साथ कानपुर के कारोबारियों को नया निवेश भी मिलेगा.
उप्र प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि टेनरियों के संचालन की रोस्टर व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. ऐसे में पूरे माह संचालित होंगी हालांकि संचालकों को इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा कि टेनरियों से प्रदूषण न फैले. अगर ऐसा हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
कानपुर की 200 चमड़ा टेनरियां क्यों है गदगद? किस सरकारी फैसले से बदलेगी तस्वीर, क्या बदलाव आएगा
Kanpur Tannery: कानपुर की टेनरियों की रोस्टर व्यवस्था खत्म. कुंभ में पुरानी व्यवस्था लागू रखी गई है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 23, 2024, 10:37 AM IST
कानपुर: शहर के जाजमऊ क्षेत्र में बसी 200 से अधिक टेनरियां अब चार सालों बाद पूरी क्षमता के साथ एक बार फिर से चलेंगी. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. वहीं जो अभी तक टेनरियों के संचालन संबंधी रोस्टर की व्यवस्था थी उसको भी खत्म कर दिया गया है. अभी तक की व्यवस्था के मुताबिक पहले 15 दिन तक टेनरियां खुलती थीं और उसके बाद फिर टेनरियों का संचालन 15 दिनों के लिये बंद कर दिया जाता था, मगर अब पूरे माह टेनरियों का संचालन शुरू होगा.
वहीं, टेनरियों के चलने से निश्चित तौर पर इसका पूरा लाभ जाजमऊ क्षेत्र में चमड़ा कारोबारियों को मिलेगा. अभी तक टेनरियों के बंद होने से चमड़ा कारोबारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता था. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आला अफसरों ने बताया कि एक समय जाजमऊ क्षेत्र में 400 टेनरियों का संचालन होता था. हालांकि मौजूदा समय में केवल 225 टेनरियों में ही संचालन हो रहा है.
कुंभ मेला में पहले की तरह व्यवस्था: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने कहा कि भले ही मौजूदा समय में टेनरियों के रोस्टर व्यवस्था को खत्म करके संचालन का आदेश जारी हो गया हो मगर माघ मेला के दौरान पहले की तरह ही बंदी रहेगी. आला अफसरों ने कहा कि माघ मेला के दौरान पहले पहले की तरह गीला काम करने पर चार दिन की बंदी लागू रहेगी. हालांकि पूरी तरीके से बंदी को लागू नहीं किया जाएगा. वहीं जाजमऊ में 20 एमएलडी क्षमता का बड़ा इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट अब चालू कर दिया गया है. ऐसे में इस इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के बन जाने से टेनरियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को साफ करके अब गंगा में भी प्रवाहित किया जा सकेगा, जबकि इससे पहले जो जाजमऊ में आठ एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट बना था. जब उसमें केमिकल युक्त पानी को शोधित किया जाता था तो काफी कुछ पानी का हिस्सा गंगा में पहुंच जाता था जिससे गंगा भी प्रदूषित होती थीं.
किसने क्या कहाः इस बारे में काउंसिल फ़ॉर लेदर एक्सपोर्ट के क्षेत्रीय अध्यक्ष असद इराकी का कहना है कि शहर के चमड़ा उद्योग के लिए यह एक राहत भरी खबर है कि टेनरियों का संचालन पूरी क्षमता के साथ होगा. लगातार टेनरियां महीने के 30 दिन संचालित रहेगी तो निश्चित तौर पर इसका उत्पादन बढ़ेगा और उसका असर निर्यात पर भी दिखने लगेगा. साथ ही साथ कानपुर के कारोबारियों को नया निवेश भी मिलेगा.
उप्र प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि टेनरियों के संचालन की रोस्टर व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. ऐसे में पूरे माह संचालित होंगी हालांकि संचालकों को इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा कि टेनरियों से प्रदूषण न फैले. अगर ऐसा हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.