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भ्रष्ट पुलिसवालों पर योगी सरकार का एक्शन: जमीन विवाद में घूस लेकर बेकसूर लोगों को भेजा जेल, चौकी इंचार्ज समेत 8 सस्पेंड - Kanpur Police Action

कानपुर में पुलिस ने जमीन से जुड़े एक मामले में एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेकर 8 लोगों को जेल भेज दिया था. शिकायत पर मामले की जांच शुरू हुई तो रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई. इसके बाद इन पर कार्रवाई की गई.

शिकायत के बाद शुरू कराई गई थी जांच.
शिकायत के बाद शुरू कराई गई थी जांच. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 8:27 AM IST

Updated : Aug 9, 2024, 12:10 PM IST

जांच के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. (Video Credit; ETV Bharat)

कानपुर : कानपुर पुलिस इन दिनों सुर्खियों में है. बिल्हौर थाने में तैनात 2 सिपाहियों को घूसखोरी के मामले में डीसीपी वेस्ट ने जांच के बाद निलंबित कर दिया था. इसी कड़ी में अब गुरुवार को घाटमपुर थाने के पतारा कस्बे में जमीन से जुड़े विवाद में बिना जांच के ही रिश्वत लेकर एक पक्ष के 8 लोगों को जेल भेजने के मामले में 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही इस मामले में इंस्पेक्टर घाटमपुर और एडिशनल इंस्पेक्टर के खिलाफ भी जांच शुरू करा दी गई है.

घाटमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पतरा निवासी राम लखन तिवारी ने बताया कि रायपुर रोड पर स्थित उनके प्लॉट पर 24 जुलाई को केवड़िया के रहने वाले ओम प्रकाश यादव निर्माण कार्य करा रहे थे. इस बात की सूचना जैसे ही उन्हें मिली तो वह प्लॉट पर पहुंच गए. कई लोग लाठी-डंडे लिए खड़े हुए थे. उन्होंने गाली-गलौज के साथ धमकाया भी. कहा कि अगर प्लाट चाहिए तो 10 लाख रुपए दे दो नहीं तो जमीन को भूल जाओ. इस पूरे मामले की शिकायत पतारा पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई.

इसके बाद घाटमपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. बिना जांच के ही ओमप्रकाश, अजीत, सतीश, राहुल सिंह, पवन, निखिल कुशवाह, परशुराम, संजीव कुशवाहा को गिरफ्तार कर अवैध वसूली की धारा में जेल भेज दिया. मामले में जेल गए पक्ष ने डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार से मिलकर उन्हें इस मामले की जानकारी दी. आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले उनसे 10 हजार लिए और फिर दूसरे पक्ष से 70 हजार वसूले.

डीसीपी साउथ ने इस पूरे मामले की जांच एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा को सौंपी. एडीसीपी साउथ की जांच में पता चला कि दोनों पक्षों के बीच जमीन का विवाद है. पुलिस ने इस मामले में अवैध वसूली की धारा लगाई. वरिष्ठ अधिकारियों को गलत सूचना दी. पुलिसकर्मियों के पास अवैध वसूली से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं थे. बावजूद इसके उन्होंने आठ लोगों को जेल भेज दिया. डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने बताया कि मामले में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही एडिशनल इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं.

एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. इसमें 4 सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल शामिल हैं. चौकी इंचार्ज पतारा एसआई जयवीर सिंह, पतारा बीट इंचार्ज संकित तौगड, एसआई आशीष चौधरी, एसआई शिवशरण शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रथम सिंह, सिपाही जितेंद्र, कुबेर सिंह और पंकज सिंह को निलंबित किया गया है. इंस्पेक्टर घाटमपुर प्रदीप सिंह और एडिशनल इंस्पेक्टर खुर्शीद अहमद के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : नाग देवता का रहस्यमयी मंदिर, आज तक कोई नहीं डलवा पाया छत, यहां से पत्थर ले जाने पर मिलती है सजा, पढ़िए डिटेल

जांच के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. (Video Credit; ETV Bharat)

कानपुर : कानपुर पुलिस इन दिनों सुर्खियों में है. बिल्हौर थाने में तैनात 2 सिपाहियों को घूसखोरी के मामले में डीसीपी वेस्ट ने जांच के बाद निलंबित कर दिया था. इसी कड़ी में अब गुरुवार को घाटमपुर थाने के पतारा कस्बे में जमीन से जुड़े विवाद में बिना जांच के ही रिश्वत लेकर एक पक्ष के 8 लोगों को जेल भेजने के मामले में 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही इस मामले में इंस्पेक्टर घाटमपुर और एडिशनल इंस्पेक्टर के खिलाफ भी जांच शुरू करा दी गई है.

घाटमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पतरा निवासी राम लखन तिवारी ने बताया कि रायपुर रोड पर स्थित उनके प्लॉट पर 24 जुलाई को केवड़िया के रहने वाले ओम प्रकाश यादव निर्माण कार्य करा रहे थे. इस बात की सूचना जैसे ही उन्हें मिली तो वह प्लॉट पर पहुंच गए. कई लोग लाठी-डंडे लिए खड़े हुए थे. उन्होंने गाली-गलौज के साथ धमकाया भी. कहा कि अगर प्लाट चाहिए तो 10 लाख रुपए दे दो नहीं तो जमीन को भूल जाओ. इस पूरे मामले की शिकायत पतारा पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई.

इसके बाद घाटमपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. बिना जांच के ही ओमप्रकाश, अजीत, सतीश, राहुल सिंह, पवन, निखिल कुशवाह, परशुराम, संजीव कुशवाहा को गिरफ्तार कर अवैध वसूली की धारा में जेल भेज दिया. मामले में जेल गए पक्ष ने डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार से मिलकर उन्हें इस मामले की जानकारी दी. आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले उनसे 10 हजार लिए और फिर दूसरे पक्ष से 70 हजार वसूले.

डीसीपी साउथ ने इस पूरे मामले की जांच एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा को सौंपी. एडीसीपी साउथ की जांच में पता चला कि दोनों पक्षों के बीच जमीन का विवाद है. पुलिस ने इस मामले में अवैध वसूली की धारा लगाई. वरिष्ठ अधिकारियों को गलत सूचना दी. पुलिसकर्मियों के पास अवैध वसूली से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं थे. बावजूद इसके उन्होंने आठ लोगों को जेल भेज दिया. डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने बताया कि मामले में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही एडिशनल इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं.

एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. इसमें 4 सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल शामिल हैं. चौकी इंचार्ज पतारा एसआई जयवीर सिंह, पतारा बीट इंचार्ज संकित तौगड, एसआई आशीष चौधरी, एसआई शिवशरण शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रथम सिंह, सिपाही जितेंद्र, कुबेर सिंह और पंकज सिंह को निलंबित किया गया है. इंस्पेक्टर घाटमपुर प्रदीप सिंह और एडिशनल इंस्पेक्टर खुर्शीद अहमद के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : नाग देवता का रहस्यमयी मंदिर, आज तक कोई नहीं डलवा पाया छत, यहां से पत्थर ले जाने पर मिलती है सजा, पढ़िए डिटेल

Last Updated : Aug 9, 2024, 12:10 PM IST
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