लखनऊः यूपी में लगातार बढ़ते सड़क हादसे को रोकने के लिए योगी सरकार ने खास प्लान तैयार किया है. सीएम ने कुछ माह पहले सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में निर्देश दिए थे परिवहन विभाग हर जिले में एक आरटीओ रोड सेफ्टी की तनाती करे. इस पद का सृजन किया जाए, सरकार अनुमति देगी. इसके बाद परिवहन विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज भी दिया गया जिसमें 75 एआरटीओ रोड सेफ्टी और तहसीलों पर 351 एएमवीआई के पद स्वीकृत करने की मांग की गई है. अब वह समय आ गया है कि इस पर मुहर लगने की उम्मीद है. अपर मुख्य सचिव वित्त के यहां परिवहन विभाग की तरफ से इन पदों को लेकर प्रेजेंटेशन दिया जाएगा. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पूरी उम्मीद है 75 एआरटीओ सड़क सुरक्षा और 351 एएमवीआई के पदों की स्वीकृति अपर मुख्य सचिव वित्त की तरफ से मिल जाएगी.
वाहनों की संख्या 20 गुना तक बढ़ी
परिवहन विभाग के सीनियर अफसर बताते हैं कि अपर मुख्य सचिव (वित्त) को जानकारी दी जाएगी की किस तरह सड़कों का जाल उत्तर प्रदेश में बढ़ा है. वाहनों की संख्या में 20 गुना तक वृद्धि हुई है, जनसंख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है, लेकिन 1999 के बाद से परिवहन विभाग में पद नहीं भरे गए हैं. 75 एआरटीओ रोड सेफ्टी की बहुत जरूरत महसूस की जा रही है. एएमवीआई भी तहसीलों पर आवश्यक हैं जिससे सड़क सुरक्षा का कार्य बेहतर तरीके से संपन्न हो सकेगा. कुल छह बिंदुओं को परिवहन विभाग के अधिकारी एसीएस (वित्त) के सामने रखेंगे. इनमें सबसे महत्वपूर्ण एआरटीओ रोड सेफ्टी और तहसीलों पर एएमवीआई की तैनाती होगा.
कुल 385 पदों पर होनी है भर्ती
परिवहन विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि साल 1999 से भर्ती नहीं हुई है जिससे परिवहन विभाग का स्टाफ बहुत कम हो गया है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की तुलना में उत्तर प्रदेश कई गुना बड़ा राज्य है. कई गुना ज्यादा वाहन हैं. जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां पर पीटीओ, आरआई, एआरटीओ, आरटीओ, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और एडिशनल ट्रांसपोर्ट को मिलाकर कुल 385 पद हैं, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में यह संख्या एक हजार से लेकर 1800 तक है. ऐसे में नए पदों का सृजन अब बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी को ध्यान में रखते हुए ही सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के साथ ही वाहनों की जांच के लिए एआरटीओ रोड सेफ्टी पद को सृजित करने की बात कही थी.
एआरटीओ रोड सेफ्टी का काम ये होगा?
जिले के हर आरटीओ कार्यालय में एक एआरटीओ (प्रशासन) और एआरटीओ प्रवर्तन के अलावा एक एआरटीओ (रोड सेफ्टी) भी तैनात रहेगा. इसका काम सड़क हादसों को रोकने के लिए प्लान बनाना, उनकी मॉनिटरिंग करना और लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई करना होगा. सड़क पर उतरकर एआरटीओ रोड सेफ्टी चेकिंग अभियान चलाएंगे. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यही अधिकारी हिस्सा लेंगे. जिलों में पहले से ही आरटीओ प्रवर्तन और एआरटीओ प्रवर्तन के साथ पीटीओ के दल तैनात होंगे. वह लगातार अभियान चलाएंगे. एआरटीओ रोड सेफ्टी को एआरटीओ प्रशासन और एआरटीओ प्रवर्तन की तरह ही सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. पदों की जरूरत को महसूस करते ही हुए ही परिवहन विभाग की तरफ से एआरटीओ सड़क सुरक्षा और असिस्टेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर पदों की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. अब इसके बाद शासन की तरफ से कल एसीएस वित्त के यहां प्रेजेंटेशन के बाद इन पदों पर स्वीकृति की मुहर लगने की उम्मीद है.
एमवीआई को मिलेगी बाइक और सुरक्षाकर्मी
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वर्तमान में जो उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग में कार्यरत आरआई हैं उन्हें मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर का पद दिया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश की 351 तहसीलों में असिस्टेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर तैनात किए जाएंगे. इन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की रैंकिंग टू स्टार दारोगा की होगी. इन्हें बाइक के साथ ही एक सुरक्षा कर्मी भी उपलब्ध कराया जाएगा तहसीलों पर इनकी तैनाती से सड़क पर चल रहे वाहनों की जांच हो सकेगी. इसके बाद दुर्घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगेगी, क्योंकि तकनीकी रूप से एएमवीआई दक्ष होंगे. वाहनों की तकनीकी जांच कर सकेंगे अनफिट वाहनों पर कार्रवाई कर सकेंगे.
यूपी में हर साल सड़क हादसों में 20-22 हजार मौतें होतीं
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ माह पहले परिवहन विभाग के एक कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना कालखंड में पूरे प्रदेश में दो वर्ष में 24000 से कम लोगों की मृत्यु हुई थी लेकिन दुखद है कि सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष 20 से 22 हजार लोगों की मौत होती है. सड़क दुर्घटना हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें अमूल्य जानों को बचाना होगा. हमें प्रयास करना होगा. सरकार भी चले, आप भी चलें, समाज का हर व्यक्ति जागरूक हो. वाहन ओवर स्पीड न चलाएं. नशे का प्रयोग कर वाहन न चलाएं. सड़क नियमों का पालन करें. रोड सेफ्टी पर विशेष तौर पर हमें ध्यान देना होगा. परिवहन विभाग को चाहिए कि हर जिले में एक एआरटीओ रोड सेफ्टी की तैनाती हो जिससे रोड सेफ्टी पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जा सके.
स्वीकृति मिलते ही भर्ती का रास्ता साफ होगा
इस संबंध में रोड सेफ्टी एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि सड़क सुरक्षा में कई अहम मुद्दे जुड़े हैं जिससे काम काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में एआरटीओ रोड सेफ्टी और तहसीलों पर एएमवीआई की आवश्यकता महसूस की जा रही है. अपर मुख्य सचिव वित्त के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया जाएगा यहां से स्वीकृति मिलने के बाद एआरटीओ सड़क सुरक्षा और एएमवीआई की तैनाती का रास्ता साफ हो सकेगा.
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