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4 लोगों की जान लेने वाला ये बिगडै़ल हाथी अब रहेगा 18 करोड़ के आशियाने में

UP News: गोरखपुर चिड़ियाघर में बिगड़ैल हाथी के रहने के लिए हो रहा खास इंतजाम. राजकीय निर्माण निगम ने बाड़े का निर्माण शुरू किया.

up gorakhpur zoo elephant that killed 4 people remain in enclosure worth Rs 18 crore
गोरखपुर जू का बिगड़ैल हाथी रहेगा शानदार बाड़े में. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 8:56 AM IST

Updated : Nov 3, 2024, 1:15 PM IST

गोरखपुर: तीन लोगों को कुचलकर मार डालने और अपने महावत को भी पटककर जान लेने वाला बिगड़ैल हाथी गंगा राम, अब सरकारी खर्च पर गोरखपुर के चिड़ियाघर (शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान) में रखा जाएगा. इसके लिए जो बाड़ा बनाया जा रहा उस पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राजकीय निर्माण निगम ने इसका निर्माण शुरू कर दिया है. यह प्रदेश का पहला हाथी बाड़ा होगा जिसको हर सुविधा के साथ बनाया जाएगा. इस बिगड़ैल हाथी को फिलहाल मौजूदा समय विनोद वन में काफी सुरक्षा में रखा गया है.

जब बाजा सुनकर बिदका गंगारामः गंगाराम नाम के इस हाथी ने ही कलश यात्रा में एक मासूम समेत तीन लोगों की जान तब ली थी जब, यज्ञ की शोभा यात्रा में बाजा बजने लगा और वह बिदक उठा. 15 फरवरी 2023 को यह कलश यात्रा जिले के मोहम्मदपुर माफी गांव में आयोजित हुई थी, जिसमें उसने दो महिलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड में लपेटकर पटकने के बाद कुचल दिया था. दोनों महिलाओं की मौके पर ही और बच्चे की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई थी. घटना के पांच घंटे बाद वन विभाग की टीम ने इस हाथी को काबू में कर रात में विनोद वन में रखा था, तभी से विनोद वन को भी दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया. यह एक बीजेपी विधायक का हाथी है लेकिन इस घटना के बाद वह पल्ला झाड़े हुए हैं. सत्ता से करीबी में वह इसे विनोद वन में रखने और अब चिड़ियाघर में बाड़ा बनवाने में सफल हो चुके हैं. यह उनके घर के भी बेहद करीब है.

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गोरखपुर जू का बिगड़ैल हाथी. (photo credit: etv bharat)
कितना बड़ा होगा बाड़ाः गंगाराम के लिए अशफ़ाकउल्ला खान चिड़ियाघर में बनाए जा रहे बाड़े के संदर्भ में यहां के चिकित्सक डॉक्टर योगेश सिंह ने बताया कि करीब 5000 वर्ग मीटर में यह बड़ा लोहे की मजबूत बाउंड्री के साथ बनाया जा रहा है. जू अथॉरिटी की संस्तुति और शासन की अनुमति के बाद इसका निर्माण चिड़ियाघर में शुरू हो चुका है. पहले सिर्फ एक हाथी के लिए ही या प्रोजेक्ट बनाया गया था लेकिन अब जो बड़ा बनाया जा रहा है उसमें दो हाथी रखे जा सकेंगे. इसमें हाथी के टहलने घूमने के साथ एक बड़ा तालाब भी बनाया जा रहा है जिसमें वह स्नान कर सकता है खाने के लिए उसके लिए दो प्लेटफार्म होगा एक प्लेटफार्म पर जहां उसे खाने की सामग्री दी जाएगी तो दूसरे को साफ सुथरा रखा जाएगा जिससे दूसरी बार उसे खाना देना आसान हो और पहले खाने वाले प्लेटफार्म की साफ सफाई भी संपत्ति तरीके से की जा सके.
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गोरखपुर जू में तैयार हो रहा हाथी का बाड़ा. (photo credit: etv bharat)

कितनी आयु हैः उन्होंने कहा कि गंगाराम अभी युवा अवस्था में है. वर्ष 2023 में जब वह पूजा के दौरान बिदका का था यानी कि भड़क उठा था तब वह मस्त स्थिति में था. यह इसके युवापन में ज्यादा स्थिति बनती है. जब वह पागल होकर मदमस्त हो जाता है. जब वह मोहम्मदपुर माफी गांव में भड़का था तब इसके नियंत्रण के लिए उन्होंने ही ट्रॅकुलाइजर गन से इसे बेहोश किया था, तब जाकर वह वन विभाग की पकड़ में आया था. इस दौरान जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद थे. इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में विनोद वन पहुंचाया गया, जहां वहां एक महावत की देखरेख में जीवन बिता रहा है. वहां के रखरखाव पर भी उसके ऊपर प्रतिमा करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च आते हैं. उन्होंने बताया की उम्मीद है कि गंगाराम का यह बाड़ा इस वर्ष दिसंबर माह तक तैयार हो जाएगा और उसे विनोद वन से यहां शिफ्ट कर लिया जाएगा.

गोरखपुर जू का हाथी अब रहेगा 18 करोड़ के बाड़े में. (photo credit: etv bharat)
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गोरखपुर जू में हाथी. (photo credit: etv bharat)
पहली बार किसी हाथी के लिए बनेगा ऐसा बाड़ाः यह उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में पहला अवसर होगा, जब किसी हाथी के लिए इस तरह का बाड़ा तैयार किया जा रहा है. फिलहाल विनोद वन में वह डॉक्टर की टीम और महावत निगरानी मे हैं. इस दौरान गंगाराम को खाने के लिए वनस्पति और फाइबर वाला भोजन दिया जाता है. इससे हाथी की पाचन शक्ति सही रहे. वहीं वन विभाग को इस समय जिले में कितने लोगों के पास लाइसेंसी हाथी हैं, इसकी जानकारी नहीं है. वर्ष 2018 में सर्वे के बाद 10 लोगों के पास 12 हाथी होने की पुष्टि हुई थी. इनमें से किसी के पास लाइसेंस नहीं था. उस समय शासन के निर्देश पर हाथी पालने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बावजूद हाथियों को शादी समारोहों आदि में ले जाकर कमाई का सिलसिला चलता रहा.
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गोरखपुर जू में तैयार हो रहा हाथी का बाड़ा. (photo credit: etv bharat)
निगरानी में भी गंगाराम ने तोड़ दी थी महावत के हाथ की हड्डी: गंगाराम पिछले डेढ़ साल से कुसम्ही जंगल के विनोद वन में वन विभाग की निगरानी में है. इस दौरान वह महावत पर भी हमला कर चुका है. उसमें महावत के हाथ की हड्डी टूट गई थी और उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था.पहले भी बिदके हैं हाथीः बात करें हाथी के बिगड़ने की तो गंगाराम के अलावा फरवरी 2019 में पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल के फार्म हाउस पर उनके हाथी ने भी एक महावत को पैरों से कुचल डाला था. उनके एक हाथी ने 15 साल पहले भी एक महावत की जान ली थी.ऐसे मामलों में भी कुछ हुआ नहीं. समझौता और मुआवजा में मामला शांत हो गया। गंगाराम के मामले में भी यही हुआ है.ये भी पढ़ेंः 'बंटेंगे तो कटेंगे' बयान पर मायावती का पलटवार, 'बीएसपी से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे'

ये भी पढ़ेंः IPL 2025: यूपी के इस छोरे पर क्यों आया राजस्थान रॉयल्स का दिल?, क्या थी खासियत जो लुटा दिए 14 करोड़, धोनी की कीपिंग से क्यों हो रही तुलना?

गोरखपुर: तीन लोगों को कुचलकर मार डालने और अपने महावत को भी पटककर जान लेने वाला बिगड़ैल हाथी गंगा राम, अब सरकारी खर्च पर गोरखपुर के चिड़ियाघर (शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान) में रखा जाएगा. इसके लिए जो बाड़ा बनाया जा रहा उस पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राजकीय निर्माण निगम ने इसका निर्माण शुरू कर दिया है. यह प्रदेश का पहला हाथी बाड़ा होगा जिसको हर सुविधा के साथ बनाया जाएगा. इस बिगड़ैल हाथी को फिलहाल मौजूदा समय विनोद वन में काफी सुरक्षा में रखा गया है.

जब बाजा सुनकर बिदका गंगारामः गंगाराम नाम के इस हाथी ने ही कलश यात्रा में एक मासूम समेत तीन लोगों की जान तब ली थी जब, यज्ञ की शोभा यात्रा में बाजा बजने लगा और वह बिदक उठा. 15 फरवरी 2023 को यह कलश यात्रा जिले के मोहम्मदपुर माफी गांव में आयोजित हुई थी, जिसमें उसने दो महिलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड में लपेटकर पटकने के बाद कुचल दिया था. दोनों महिलाओं की मौके पर ही और बच्चे की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई थी. घटना के पांच घंटे बाद वन विभाग की टीम ने इस हाथी को काबू में कर रात में विनोद वन में रखा था, तभी से विनोद वन को भी दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया. यह एक बीजेपी विधायक का हाथी है लेकिन इस घटना के बाद वह पल्ला झाड़े हुए हैं. सत्ता से करीबी में वह इसे विनोद वन में रखने और अब चिड़ियाघर में बाड़ा बनवाने में सफल हो चुके हैं. यह उनके घर के भी बेहद करीब है.

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गोरखपुर जू का बिगड़ैल हाथी. (photo credit: etv bharat)
कितना बड़ा होगा बाड़ाः गंगाराम के लिए अशफ़ाकउल्ला खान चिड़ियाघर में बनाए जा रहे बाड़े के संदर्भ में यहां के चिकित्सक डॉक्टर योगेश सिंह ने बताया कि करीब 5000 वर्ग मीटर में यह बड़ा लोहे की मजबूत बाउंड्री के साथ बनाया जा रहा है. जू अथॉरिटी की संस्तुति और शासन की अनुमति के बाद इसका निर्माण चिड़ियाघर में शुरू हो चुका है. पहले सिर्फ एक हाथी के लिए ही या प्रोजेक्ट बनाया गया था लेकिन अब जो बड़ा बनाया जा रहा है उसमें दो हाथी रखे जा सकेंगे. इसमें हाथी के टहलने घूमने के साथ एक बड़ा तालाब भी बनाया जा रहा है जिसमें वह स्नान कर सकता है खाने के लिए उसके लिए दो प्लेटफार्म होगा एक प्लेटफार्म पर जहां उसे खाने की सामग्री दी जाएगी तो दूसरे को साफ सुथरा रखा जाएगा जिससे दूसरी बार उसे खाना देना आसान हो और पहले खाने वाले प्लेटफार्म की साफ सफाई भी संपत्ति तरीके से की जा सके.
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गोरखपुर जू में तैयार हो रहा हाथी का बाड़ा. (photo credit: etv bharat)

कितनी आयु हैः उन्होंने कहा कि गंगाराम अभी युवा अवस्था में है. वर्ष 2023 में जब वह पूजा के दौरान बिदका का था यानी कि भड़क उठा था तब वह मस्त स्थिति में था. यह इसके युवापन में ज्यादा स्थिति बनती है. जब वह पागल होकर मदमस्त हो जाता है. जब वह मोहम्मदपुर माफी गांव में भड़का था तब इसके नियंत्रण के लिए उन्होंने ही ट्रॅकुलाइजर गन से इसे बेहोश किया था, तब जाकर वह वन विभाग की पकड़ में आया था. इस दौरान जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद थे. इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में विनोद वन पहुंचाया गया, जहां वहां एक महावत की देखरेख में जीवन बिता रहा है. वहां के रखरखाव पर भी उसके ऊपर प्रतिमा करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च आते हैं. उन्होंने बताया की उम्मीद है कि गंगाराम का यह बाड़ा इस वर्ष दिसंबर माह तक तैयार हो जाएगा और उसे विनोद वन से यहां शिफ्ट कर लिया जाएगा.

गोरखपुर जू का हाथी अब रहेगा 18 करोड़ के बाड़े में. (photo credit: etv bharat)
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गोरखपुर जू में हाथी. (photo credit: etv bharat)
पहली बार किसी हाथी के लिए बनेगा ऐसा बाड़ाः यह उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में पहला अवसर होगा, जब किसी हाथी के लिए इस तरह का बाड़ा तैयार किया जा रहा है. फिलहाल विनोद वन में वह डॉक्टर की टीम और महावत निगरानी मे हैं. इस दौरान गंगाराम को खाने के लिए वनस्पति और फाइबर वाला भोजन दिया जाता है. इससे हाथी की पाचन शक्ति सही रहे. वहीं वन विभाग को इस समय जिले में कितने लोगों के पास लाइसेंसी हाथी हैं, इसकी जानकारी नहीं है. वर्ष 2018 में सर्वे के बाद 10 लोगों के पास 12 हाथी होने की पुष्टि हुई थी. इनमें से किसी के पास लाइसेंस नहीं था. उस समय शासन के निर्देश पर हाथी पालने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बावजूद हाथियों को शादी समारोहों आदि में ले जाकर कमाई का सिलसिला चलता रहा.
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गोरखपुर जू में तैयार हो रहा हाथी का बाड़ा. (photo credit: etv bharat)
निगरानी में भी गंगाराम ने तोड़ दी थी महावत के हाथ की हड्डी: गंगाराम पिछले डेढ़ साल से कुसम्ही जंगल के विनोद वन में वन विभाग की निगरानी में है. इस दौरान वह महावत पर भी हमला कर चुका है. उसमें महावत के हाथ की हड्डी टूट गई थी और उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था.पहले भी बिदके हैं हाथीः बात करें हाथी के बिगड़ने की तो गंगाराम के अलावा फरवरी 2019 में पूर्व मंत्री पप्पू जायसवाल के फार्म हाउस पर उनके हाथी ने भी एक महावत को पैरों से कुचल डाला था. उनके एक हाथी ने 15 साल पहले भी एक महावत की जान ली थी.ऐसे मामलों में भी कुछ हुआ नहीं. समझौता और मुआवजा में मामला शांत हो गया। गंगाराम के मामले में भी यही हुआ है.ये भी पढ़ेंः 'बंटेंगे तो कटेंगे' बयान पर मायावती का पलटवार, 'बीएसपी से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे'

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Last Updated : Nov 3, 2024, 1:15 PM IST
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