बहराइच/गाजीपुर/बलिया: यूपी के कई शहरों में रुक-रुक हो रही बारिश और पहाड़ों पर जमकर बरस रहे बदरा ने सूबे के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. बहराइच में घाघरा 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसी तरह बलिया, गाजीपुर, प्रयागराज में भी गंगा उफान पर है. बनारस में भी गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं. आगरा में भी चंबल नदी उफान है. इससे नदियों के किनारे बसे गांवों के लोग दहशत में हैं.
बहराइच में तीनों बैराजों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. इससे घाघरा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है. घाघरा नदी के तटवर्ती गांवों के लोगों ने सहमे हुए हैं. अभी भी एल्गिन ब्रिज पर घाघरा लाल निशान से काफी ऊपर बह रही है. महसी के घूरदेवी स्पर पर घाघरा खतरे के निशान से नीचे है. शनिवार को जिले के तीनों बैराजों से तीन लाख एक हजार 561 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
एल्गिन ब्रिज पर घाघरा लाल निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. घूरदेवी स्पर पर घाघरा लाल निशान से 26 सेंटीमीटर नीचे है. महसी के तिकुरी में अभी फिलहाल कटान बंद है, लेकिन तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने तराई क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ा रखी है. बारिश के चलते बैराजों बैराजों में जलस्तर बढ़ना स्वाभाविक है. पानी छोड़ने के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित तराई क्षेत्र के गांव होते हैं.
हालात ऐस रहे तो महसी,और बौंडी क्षेत्र के गांव भी बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे. सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शनिवार की सुबह 8 बजे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.46 मीटर रिकॉर्ड किया गया. शारदा बैराज से एक लाख 38 हजार 707, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 50 हजार 636 व सरयू बैराज से 12218 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
घाघरा नदी का गिरजापुरी बैराज पर खतरे का निशान 136.80 पर है, जबकि नदी का जलस्तर इस समय 135.55 है. घाघरा नदी का एल्गिन ब्रिज बैराज पर खतरे का निशान 106.07 पर है. जलस्तर 106.46 पर है. इसी तरह सरयू नदी का गोपिया बैराज पर खतरे का निशान 133.50 पर है. जल स्तर 131.50 है. शारदा नदी का खतरे का निशान 135.49 पर है. जलस्तर 135.00 है. घाघरा नदी का घूरदेवी बैराज पर खतरे का निशान 112.150 पर है. यहां जलस्तर 111.89 है. (जलस्तर मीटर में है).
बनारस और प्रयागराज में हालात विकट: वाराणसी और इलाहाबाद में बाढ़ को लेकर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. बनारस में गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है. कई मंदिर, घाट डूब चुके हैं. क्रूज, नावों की सवारी फिलहाल बंद कर दी गई है. दाह-संस्कार मकानों की छतों पर करना पड़ रहा है. इसी तरह से प्रयागराज में यमुना-गंगा दोनों नदियां उफान पर हैं. निचले इलाकों से लोग पलायन करने लगे हैं. मौसम विभाग की ओर से आज भी 27 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में इन जिलों में बारिश से नदियों का जलस्तर और बढ़ना स्वाभाविक है.
रायबरेली में घर-घर में घुसा बरसाती पानी: शहर में सुबह से शुरू हुई बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत तो दी, लेकिन नगर पालिका के दावों की पोल खोल दी. 2 घंटे तक झमाझम बारिश की वजह से लोगों के घरों में पानी चला गया. दुकानों में भी अंदर तक पानी घुस गया. शहर के कई वार्डों में जलभराव हो गया. जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. स्थानीय नागरिक फैजी खान ने कहा कि आजाद नगर व बहराना की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग जल भराव के कारण बन्द हो गया। चुनाव से पहले नगर पालिका अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर का एक नारा था ' काम करेंगे, सम्मान करेंगे, एक फोन पर काम करेंगे '. लेकिन अब न ही उनका फोन उठता है और न ही काम होता है. मेराज अली ने कहा कि जरा सी बारिश होती है तो यहां जलभराव हो जाता है. सभासद से लेकर चेयरमैन तक सभी को शिकायत की लेकिन कोई काम नहीं हो रहा है.
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