लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एरियल बंच कंडक्टर कंपनियां घटिया क्वालिटी के एबीसी का इस्तेमाल कर रही हैं. इसी का नतीजा है कि जरा सा ओवरलोड होने पर एरियल बंच कंडक्टर दगा दे देते हैं और बड़ा बिजली संकट खड़ा हो जाता है. केंद्रीय जांच प्रयोगशाला में एबीसी के सैंपल फेल हो गए हैं. इसके बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने एरियल बंच कंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को लेकर निर्देश जारी किए और इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी है.
एरियल बंच कंडक्टर की घटिया क्वालिटी का खुलासा होने पर अब इसमें भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है. 20 जुलाई को पश्चिमांचल के मेरठ में बिजली दर की सुनवाई में विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष व पाॅवर कॉरपोरेशन चेयरमैन सहित उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने यह मुद्दा उठाया था कि एरियल बच कंडक्टर अंडर साइज के खरीदे जा रहे हैं. घटिया क्वालिटी के हैं, इसीलिए ब्रेकडाउन लो वोल्टेज और विद्युत व्यवधान की घटनाएं हो रही हैं. एरियल बंच कंडक्टर के न्यूनतम वेट पर उदासीनता बरती जा रही है. जिससे एलटी एरियल बंच कंडक्टर मानक पर खरे नहीं उतर रहे.
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने एरियल बंच कंडक्टर कंपनी से पूछताछ शुरू कर दी है और उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई अंतिम चरण में चल रही है. वहीं उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने एक बार फिर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक तकनीकी से बात कर और भी कंपनियों के सैंपल की जांच करने की मांग की है. अवधेश कुमार वर्मा ने इसमें बड़े भ्रष्टाचार की संभावना जताई है. पक्षिमांचल में जिस कंपनी की एलटी एरियल बंच कंडक्टर फेल हुई उसका लगभग 200 करोड़ का आर्डर प्रक्रियाधीन है.
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में मामला तूल पकड़ने के बाद वितरण निगम ने देश की एक मानी जानी एरियल बंच कंडक्टर की कंपनी जिसको लगभग 200 किलोमीटर एलटी बंच कंडक्टर से ज्यादा का आर्डर मिला था, के सैंपल को सीपीआरआई (सेंट्रल पाॅवर रिसर्च इंस्टीट्यूट) नोएडा व बड़ोदरा में जांच करने के लिए भेजा. जांच के बाद सामने आया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम जो एरियल बंच कंडक्टर खरीद रहा है वह तीन कोर 120 एमएम एरियल बंच कंडक्टर तीनों फेस में जो उसका गारंटेड टेक्निकल पार्टिकुलर (जीटीपी) के तहत अल्युमिनियम का वेट 1016 किलोग्राम प्रति किलोमीटर होना चाहिए था, वह जांच में सिर्फ 867 किलोग्राम प्रति किलोमीटर यानी लगभग 149 किलोग्राम प्रति किलोमीटर कम निकला. एरियल बंच कंडक्टर न्यूट्रल केबल में जो 256 किलोग्राम प्रति किलोमीटर होना चाहिए वह भी 221 किलोग्राम प्रति किलोमीटर निकला. यानी लगभग 34 किलोग्राम प्रति किलोमीटर कम. एक्सएलपी केबिल हॉट टेस्ट क्वालिटी इंसुलेशन की जांच सामने आई वह भी घटिया क्वालिटी की निकली. इसी प्रकार जो बड़ोदरा को सैंपल भेजा गया था वह भी फेल साबित हुआ.
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में एरियल बंच कंडक्टर की अंडर साइज यानी अधो मानक का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया है. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने माना है कि इससे बड़े पैमाने पर बिजली संकट खड़ा हुआ. विभाग को वित्तीय हानि हुई है. इसके बाद तत्काल मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर अधीक्षण अभियंता स्टोर को निर्देश जारी किया गया कि तत्काल इस कंपनी का आईटी एरियल बंच केबल को किसी को भी लगाने के लिए न दिया जाए. इस बाबत गजरौला, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा को भी निर्देश जारी किए गए हैं.
यह भी पढ़ें : ऊर्जा मंत्री ने धन उगाही के आरोप में अमेठी के अवर अभियंता को किया निलंबित
यह भी पढ़ें : बिजली भार बढ़ने के बाद उपभोक्ताओं से सौदेबाजी में जुटे अभियंता, चेयरमैन से शिकायत