लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हो रहे 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के दौरान गहमागहमी और विवाद का माहौल बना हुआ है. शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए मतदाताओं को बूथ पर जाने से रोकने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
चुनाव आयोग ने कानपुर की सीसामऊ में तैनात 2, मुरादाबाद के कुंदरकी में पोलिंग बूथ पर तैनात 1 और मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के पूलिंग बूथ पर 2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है. आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने मतदाताओं के वोटर आईडी चेक किए और मतदान केंद्रों पर जाने से रोका. वहीं, 3 बजे तक यूपी की 9 सीटों पर 41.92 फीसदी वोटिंग हुई है.
पुलिसकर्मी नहीं करेंगे मतदाताओं की आईडी चेक: उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने स्पष्ट किया कि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी मतदाताओं की आईडी चेक की जाएगी. आईडी चेकिंग केवल मतदान कर्मी करेंगे, पुलिसकर्मी नहीं. पुलिस सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेगी. निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मतदाताओं को किसी भी प्रकार की बाधा का सामना न करना पड़े. चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. उपचुनाव के ये नतीजे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर बड़ा असर डाल सकते हैं.
इन सीटों पर हो रहा चुनावः मुज्जफरनगर की मीरापुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, गाजियाबाद शहर विधानसभा, अलीगढ़ की खैर (सुरक्षित), मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकर नगर की कटेहरी और मिर्जापुर की मझवां सीट पर वोटिंग हो रही है.
यूपी में क्यों हो रहे उपचुनाव: बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 9 विधायक सांसद निर्वाचित हो गए थे. इसके बाद इन्होंने अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. जबकि, कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को गैंगस्टर मामले में सजा हो गई है. इसके चलते उनकी विधायकी चली गई और ये सीट खाली हो गई. जबकि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने थे लेकिन, कोर्ट में मामला होने के कारण उपचुनाव की घोषणा नहीं की थी. यह उपचुनाव पश्चिम से पूरब तक फैली 9 सीटों पर हो रहा है, जिनमें भाजपा, सपा और रालोद का वर्चस्व रहा है. भाजपा के खाते में गाजियाबाद, खैर और फूलपुर सीटें हैं, जबकि सपा के पास करहल, सीसामऊ और कुंदरकी जैसी सीटें. विपक्ष इन चुनावों को अपनी बढ़त बनाए रखने के अवसर के रूप में देख रहा है, जबकि भाजपा इसे सत्ता में अपनी पकड़ को मजबूत करने का मौका मान रही है.
90 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आजः उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कुल 149 नामांकन हुए थे. जिनकी जांच के बाद 95 उम्मीदवार योग्य पाए गए थे. 30 अक्टूबर, नाम वापसी की अंतिम तारीख थी, जिसमें पांच प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था. अब इन सीटों पर 90 उम्मीदवारों के लिए वोटिंग हो रही है.
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