लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगरों की सूरत सुधारने के लिए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने बजट के पिटारे से 14 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की परियोजनाएं निकाली हैं. इन परियोजनाओं के जरिए प्रदेश के नगरीय इलाकों का विकास तेज होगा. वित्त मंत्री का दावा है कि शहरों के समग्र विकास के लिए हर संभव बजट का प्रावधान किया गया है.
महाकुम्भ मेला 2025 के लिए 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 लाख मकान निर्मित किए गए, जबकि वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35,236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई है. योजना के लिए लगभग 3,948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वर्ष 2021 में प्रारम्भ की गई अमृत 2.0 योजना के लिए 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वहीं, महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किए जाने के लिए 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है.
विकास योजना के लिए 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित : इसके अलावा प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्त करने के लिए अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गई. इसके लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना के लिए 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है. नगरीय सेवाएं और अवस्थापना विकास की नई योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. राज्य स्मार्ट सिटी योजना के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है. कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है.
यह भी पढ़ें : एक्स पर अखिलेश यादव को पछाड़ सीएम योगी बने देश के सीएम नंबर वन, अब हो गए इतने फॉलोवर