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स्विटजरलैंड जैसी यूपी की पढ़ाई: 9वीं-12वीं के 1 लाख स्टूडेंटों को पढ़ाई संग खास ट्रेनिंग, रोजगार-व्यापार में पा सकेंगे बड़ा मुकाम - up board news

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

यूपी में भी अब स्विटजरलैंड के मॉडल की तर्ज पर शिक्षा पद्दति विकसित की जा रही है. इसका लाभ यूपी बोर्ड (UP Board) के 9वीं से 12वीं स्टूडेंट को मिलेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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प्रतीकात्मक फोटो. (photo credit: etv bharat archive)

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने छात्रों में कौशल विकास को निखारने और युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ (Project Praveen) कार्यक्रम के तहत इस साल 1 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. शैक्षिक सत्र 2024-25 में इस योजना का विस्तार करते हुए इसे प्रदेश भर के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा. प्रोजेक्ट प्रवीण न केवल प्रदेश के युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने में भी सक्षम बना रहा है.

हर दिन 90 मिनट की ट्रेनिंगः प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 63,000 से अधिक छात्र/छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

आत्मनिर्भर बनाना है मकसदः इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रतिदिन 90 मिनट की अवधि का अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशलों से सुसज्जित करना है, ताकि वे रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें. प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत वर्ष 2022-23 में की गई थी, और इसकी सफलता को देखते हुए इसे नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में और विस्तारित किया जा रहा है.


हर बैच में 35 छात्रों को प्रशिक्षणः कौशल विकास मिशन निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों के चयनित विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के समन्वयकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो अलग-अलग जॉब रोल का चयन किया जाएगा. हर बैच में 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर एक या दो जॉब रोल का चयन किया जा सकता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन सेक्टरों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं और जिनमें विद्यार्थियों की रुचि है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए.



महिला सशक्तीकरण पर भी जोरः इस योजना में महिला सशक्तिकरण को भी प्रमुखता देते हुए अधिक से अधिक बालिकाओं को इस कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए बालिका विद्यालयों का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. महिला छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगी.

दुनिया में नंबर एक स्विट्जरलैंड की शिक्षा प्रणाली: विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की 2023 वैश्विक नवाचार रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में पहले स्थान पर है. यहां शिक्षा और प्रशिक्षण (VET) प्रणाली से संचालित होती है. इसमें बच्चों के पढ़ाई के साथ ही उसके पसंदीदा क्षेत्र की ट्रेनिंग दी जाती है. इसी की बदौलत वे आगे चलकर नवाचार की दुनिया में कुछ बड़ा कर पाते हैं. इस स्विस मॉडल से ही यूपी का प्रोजेक्ट प्रवीण काफी हद तक मिलता-जुलता है. इस वजह से इसकी तुलना इस स्विस मॉडल से हो रही है.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने छात्रों में कौशल विकास को निखारने और युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ (Project Praveen) कार्यक्रम के तहत इस साल 1 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. शैक्षिक सत्र 2024-25 में इस योजना का विस्तार करते हुए इसे प्रदेश भर के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा. प्रोजेक्ट प्रवीण न केवल प्रदेश के युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने में भी सक्षम बना रहा है.

हर दिन 90 मिनट की ट्रेनिंगः प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 63,000 से अधिक छात्र/छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

आत्मनिर्भर बनाना है मकसदः इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रतिदिन 90 मिनट की अवधि का अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशलों से सुसज्जित करना है, ताकि वे रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें. प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत वर्ष 2022-23 में की गई थी, और इसकी सफलता को देखते हुए इसे नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में और विस्तारित किया जा रहा है.


हर बैच में 35 छात्रों को प्रशिक्षणः कौशल विकास मिशन निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों के चयनित विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के समन्वयकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो अलग-अलग जॉब रोल का चयन किया जाएगा. हर बैच में 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर एक या दो जॉब रोल का चयन किया जा सकता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन सेक्टरों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं और जिनमें विद्यार्थियों की रुचि है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए.



महिला सशक्तीकरण पर भी जोरः इस योजना में महिला सशक्तिकरण को भी प्रमुखता देते हुए अधिक से अधिक बालिकाओं को इस कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए बालिका विद्यालयों का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. महिला छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगी.

दुनिया में नंबर एक स्विट्जरलैंड की शिक्षा प्रणाली: विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की 2023 वैश्विक नवाचार रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में पहले स्थान पर है. यहां शिक्षा और प्रशिक्षण (VET) प्रणाली से संचालित होती है. इसमें बच्चों के पढ़ाई के साथ ही उसके पसंदीदा क्षेत्र की ट्रेनिंग दी जाती है. इसी की बदौलत वे आगे चलकर नवाचार की दुनिया में कुछ बड़ा कर पाते हैं. इस स्विस मॉडल से ही यूपी का प्रोजेक्ट प्रवीण काफी हद तक मिलता-जुलता है. इस वजह से इसकी तुलना इस स्विस मॉडल से हो रही है.

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