लखनऊ: यूपी बोर्ड के 259 मूल्यांकन केंद्रों पर शनिवार से मूल्यांकन कार्य ठप पड़ा हुआ है. शिक्षक मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार पर हैं. इसको लेकर मंगलवार की शाम को प्रदेश के सभी शिक्षक संघों की बैठक आयोजित की जा रही है. जिसमें बुधवार से मूल्यांकन को लेकर निर्णय होना है.
संघ के तरफ से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी मांगों पर विचार करते हुए एसीएस होम को इस पूरे मामले पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद से शिक्षक संघ में नरमी देखने को मिल रही है.
16 मार्च से प्रदेश में कुल 259 केन्द्रों पर मूल्यांकन का काम शुरू हुआ था. इसमें राजधानी में 6 लाख प्रदेश में 3.1 करोड़ कॉपियां चेक होनी थीं. इस साल हाईस्कूल की परीक्षा में 29,47,311 एवं इंटर में 25,77,997 समेत कुल 55,25,308 परीक्षार्थी बैठे थे.
हाईस्कूल परीक्षा की 1.76 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 94,802 व इंटर परीक्षा की 1.25 कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 52,295 परीक्षकों की नियुक्ति की गई है. इस प्रकार कुल 3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 1,47,097 परीक्षकों को तैनात किया गया है.
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्याकांत शुक्ला ने बताया कि 23 मार्च तक पूरे प्रदेश में 83.46 प्रतिशत काफियों का मूल्यांकन हो चुका है, जबकि 16.54% कार्यों का मूल्यांकन शेष रह गया है. उन्होंने बताया कि 31 मार्च तक इसे भी पूरा कर दिया जाएगा.
लेकिन, शिक्षक संगठनों ने मिलकर शुक्रवार अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी. राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश के सभी शिक्षक संगठनों ने यह फैसला लिया. संघ द्वारा 19 मार्च को सरकार एवं विभाग को दिए गए मांगपत्र पर तीन दिन बाद भी कोई फैसला न लेने के चलते यह निर्णय लिया था.
2 दिन मूल्यांकन प्रक्रिया पहले ही बाधित हो चुकी है. ऐसे में 10 अप्रैल तक यूपी बोर्ड अपने परीक्षा परिणाम जारी करने की तैयारी में था, वह अब करीब एक सप्ताह विलंब होने की संभावना है.
माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों का कहना है कि अगर शिक्षकों ने मूल्यांकन बहिष्कार जारी रखा तो एक तो कॉपियों के मूल्यांकन में देरी होगी, उसके बाद तैयार रिजल्ट के स्क्रूटनी की प्रक्रिया भी प्रभावित होगी. जिसके कारण रिजल्ट 15 अप्रैल तक आने की उम्मीद जताई जा रही है.
संघ की सरकार से मांगें
- मुजफ्फरनगर में सिपाही द्वारा हत्या किए गए शिक्षक धर्मेंद्र यादव के परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने
- परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग
- उत्तर पुस्तिकाओं को एक शहर से दूसरे शहर ले जाने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने की मांग
- परीक्षा पारिश्रमिक में 33% की बढ़ोतरी की मांग
क्यों विरोध कर रहे शिक्षक: 18 मार्च की देर रात वाराणसी से मुजफ्फरनगर गए शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की सुरक्षा में लगे पुलिस आरक्षी ने उनकी गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी. जिसके विरोध में 19 मार्च को प्रदेश भर में सांकेतिक तौर पर मूल्यांकन बहिष्कार का हुआ था. इसके बाद सभी संगठनों ने बैठक कर पांच बिन्दुओं का मांगपत्र यूपी बोर्ड सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया था.