प्रयागराजः माध्यमिक शिक्षा परिषद के 101 साल के इतिहास में पहली बार 20 अप्रैल को दसवीं बारहवीं का परीक्षा परिणाम घोषित करने का रिकॉर्ड कायम किया है. बोर्ड के सचिव दिब्यकान्त शुक्ला ने बताया कि यूपी बोर्ड के स्कूलों के शिक्षक और बोर्ड कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि 20 अप्रैल को परिणाम जारी कर दिया गया है. पहले पिछले साल 25 अप्रैल को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था. 2023 में सौ सालों में कम समय में परिणाम जारी करने का रिकॉर्ड टूटा था.
12 दिन में कॉपियों का हुआ मूल्यांकन
बोर्ड के सचिव दिब्यकान्त शुक्ला ने बताया कि यूपी बोर्ड ने 12 कार्यदिवसों में दसवीं बारहवीं की परीक्षा करवाने के साथ ही 12 कार्य दिवसों में कॉपियों का मूल्यांकन का काम भी सम्पन्न करवाया है. यूपी बोर्ड ने इस बार मात्र 12 कार्य दिवसों में 52 लाख से अधिक छात्रों के 2 करोड़ 85 लाख से अधिक कॉपियों को रिकॉर्ड समय में कॉपियों को जांचने के काम पूरा किया है. 16 से 31 मार्च तक प्रदेश भर के 259 मूल्यांकन केंद्रों पर 1 लाख 47 हजार 97 शिक्षकों ने मिलकर कॉपियों को जांचने के काम पूरा किया. यूपी बोर्ड के सचिव दिव्याकांत शुक्ला ने परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद 10वीं और 12वीं के सफल अभ्यर्थियों को बधाई दी.उन्होंने कहा कि जो भी छात्र 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सफल हुए हैं.वह अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मेहनत और लगन के साथ आगे की पढ़ाई करें. असफल छात्र मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करें, जिससे अगली बार परीक्षा में उन्हें सफलता हासिल हो सके.
जेल के बंदियों का सफलता प्रतिशत स्कूलों से भी ज्यादा
प्रदेश भर की जेलों में बंद बंदियों का सफलता प्रतिशत स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के मुकाबले उत्साहवर्धक है. प्रदेश भर की जेलों में निरुद्ध बंदियों में दसवीं का सफलता प्रतिशत 97.80 है. इसी तरह बारहवीं का सफलता प्रतिशत 82.86 प्रतिशत है. बोर्ड की परीक्षा में प्रदेश के 30 जिलों की जेलों में निरुद्ध बंदियों ने भी परीक्षा दी थी. 115 बंदियों ने दसवीं की परीक्षा के लिए पंजीकरण करवाया था. जिसमें से 91 बंदी परीक्षा में शामिल हुए थे और 89 सफल घोषित हुए हैं. इसी तरह से बारहवीं की परीक्षा के लिए 135 बंदियों का पंजीकरण हुआ था. जिसमें से 105 बंदियों ने परीक्षा दी और 87 पास हुए. इस प्रकार से जेल में बंद बंदियों का सफलता प्रतिशत स्कूलों में पढ़ने जाने वाले छात्रों से भी ज्यादा कहा जा सकता है. क्योंकि 30 में से 22 जेलों से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की सफलता शत प्रतिशत रही है. दसवीं में 30 में से 16 जेलों का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है.वहीं इंटर की परीक्षा में एक जेल और दसवीं की परीक्षा में दो जेलों का परिणाम शून्य भी रहा है.
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