लखनऊ: UP By Election: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच खींचतान बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल, समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी सीटों की डिमांड की है. इस पर कांग्रेस नेतृत्व के साथ अभी तक बातचीत पर सहमति नहीं बनी है.
इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव के बहाने प्रेशर पॉलिटिक्स के तहत सपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है और यूपी की 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात केंद्रीय नेतृत्व से कही है. ऐसे में आने वाले दिनों में दोनों दल के बीच गठबंधन को लेकर खींचतान और बढ़ सकती है.
एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. राजनीतिक तौर पर पिछले लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से अजय राय ने बयानबाजी की थी, उससे सपा असहज स्थिति में आई थी. अब एक बार फिर उपचुनाव के सहारे कांग्रेस पार्टी सपा पर दबाव बनाने की शुरुआत कर चुकी है.
सपा ने दूसरे राज्यों में सीटें मांगी तो कांग्रेस ने यूपी के उपचुनाव में खुद के लिए सीटों की संख्या बढ़ा दी. अब एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व को समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से बात करनी होगी. इंतजार तो सिर्फ चुनाव आयोग का था जिनको शुक्रवार को चुनाव तारीखों का एलान करना था पर शायद अभी समय मुफीद नहीं है. इसीलिए आयोग ने फिलहाल उपचुनाव की तिथियों का एलान नहीं किया.
सूत्रों की मानें तो एक बार फिर अब कांग्रेस और सपा को समय मिल गया है दोनों ही पार्टियों को आपसी बातचीत और समन्वय के साथ सीटों पर बातचीत करने के लिए केंद्रीय दूत तैनात करने की तैयारी है. पिछले चुनाव की तरह ही केंद्रीय नेतृत्व कमेटी बनाकर उपचुनाव की सीटों में साझेदारी को लेकर बातचीत आगे बढ़ाएगी. हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने अजय राय के नेतृत्व में हुए लोकसभा चुनाव की सफलता को सराहा है और उन्हें अपने स्तर से पॉलिटिक्स करने और कांग्रेस की नीतियों को तय करने का भी निर्देश दिया है.
समय-समय पर कांग्रेस के आला कमान ने भी हस्तक्षेप कर मामले को संभाला है. हालांकि सूत्रों के अनुसार कांग्रेस दो सीटों से भी संतुष्ट हो सकती है. क्योंकि, गाजियाबाद की सीट कांग्रेस के लिए सपा छोड़ने को तैयार है और किसी अन्य सीट पर दावेदारी स्वीकार नहीं कर रही. कांग्रेस ने यूपी की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की बात समाजवादी पार्टी से की है. इनमें वह सीटें हैं जो सपा के पास नहीं हैं.
फूलपुर और मंझवां सीट कांग्रेस हरहाल में लड़ना चाहती है. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हरियाणा और महाराष्ट्र के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत नहीं हो पाई है. ऐसी स्थिति में समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने 5 सीटों पर डिमांड करके प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि दोनों दल के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत जारी है. सीटों को लेकर कहीं कोई खींचतान नहीं है. बातचीत करके मामला तय कर लिया जाएगा. सभी 10 सीटों पर इंडी गठबंधन चुनाव जीतने का काम करेगा.
यूपी की किन सीटों पर होना है उपचुनाव
- फूलपुर विधानसभा: फूलपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रवीण पटेल विधायक थे. लेकिन, लोकसभा चुनाव में वे फूलपुर से ही सांसद निर्वाचित हो गए.
- खैर विधानसभा सीट: अलीगढ़ की खैर सीट पर भाजपा के अनूप प्रधान विधायक थे. लेकिन, अब वे हाथरस लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं.
- गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट: गाजियाबाद से भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग भी सांसद निर्वाचित हो गए हैं.
- मझवां विधानसभा सीट: निषाद पार्टी के मझवां से विधायक डॉ. विनोद कुमार बिंद भी भाजपा के टिकट से भदोही लोकसभा सीट जीते हैं.
- मीरापुर विधानसभा सीट: रालोद के मीरापुर के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बन गए हैं.
- मिल्कीपुर विधानसभा सीट: अयोध्या की मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं.
- करहल विधानसभा सीट: करहल के विधायक व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद बने हैं.
- कटेहरी विधानसभा सीट: अंबेडकरनगर की कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा भी सांसद निर्वाचित हुए हैं.
- कुंदरकी विधानसभा सीट: कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने संभल से लोकसभा चुनाव जीता है.
- सीसामऊ विधानसभा सीट: कानपुर की सीट से सपा के इरफान सोलंकी विधायक थे. गैंगस्टर के मामले में सजा होने पर उनकी विधायकी चली गई.
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