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होली की अनोखी बरात; हथौड़ा बनता दूल्हा, नहीं होती कोई दुल्हन, कद्दू में भरा जाता रंग - Holi 2024 - HOLI 2024

बरात की खासियत यह है कि एक हथौड़े को दूल्हा बनाया जाता है. हथौड़े को पूरे दूल्हे की तरह सजाया जाता है. उसकी बलैया भी एक दूल्हे की तरह लेकर उसकी नजरें भी उतारी जाती हैं. फिर रंग से भरा कद्दू का भंजन किया जाता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 6:26 PM IST

प्रयागराज में होली पर निकाली गई अनोखी हथौड़ा बरात.

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में होली पर एक ऐसी बरात निकाली जाती है जिसमें कोई दुल्हन नहीं होती. दूल्हा भी हथौड़े को बनाया जाता है. सदियों से संगम नगरी में होली के त्योहार के पहले हथौड़ा बरात निकालने की अनूठी परंपरा है.

इस बरात की खासियत यह है कि एक हथौड़े को दूल्हा बनाया जाता है. हथौड़े को पूरे दूल्हे की तरह सजाया जाता है. उसकी बलैया भी एक दूल्हे की तरह लेकर उसकी नजरें भी उतारी जाती हैं. फिर रंग से भरा कद्दू का भंजन किया जाता है.

उसके बाद धूमधाम से बैंड बाजे के साथ हथौड़े की बरात इंसान की बारात की तरह शहर भर में घुमाई जाती है. इसके बाद से ही प्रयागराज की होली की शुरुआत होती है. इस बरात के नजारे को जिसने भी देखा सभी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए.

प्रयागराज में रविवार को धर्म और आस्था की नगरी संगम नगरी प्रयागराज की अनूठी परंपरा के तहत हथौड़ा बरात निकाली गई. इससे पहले मंत्रोच्चार के बीच दूल्हे राजा हथौड़े का अजब-गजब श्रृंगार किया गया. मूसल नचाए गए और लोढ़ा घुमावन हुआ. लालटेन से दूल्हे की आरती उतारी गई तो सूप लोकावन के साथ राई-मिर्च से नजर भी उतारी गई.

इस अनूठी बरात के नजारे को जिसने भी देखा सभी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए. बरात में कद्दू के पुतले का भंजन किया गया. इसमें भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं. यह अनोखी परंपरा अपने आप में अदभुत है. सांस्कृतिक धरोहर के रूप में हथौड़ा बरात नए रंग-रोगन, साज-सज्जा और पूरे शानो-शौकत के साथ निकाली गई. इस हथौड़ा बरात में सभी समुदायों के लोगों ने मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की.

ढोल-ताशा डीजे बैंड, धोड़े, रोड लाइट की चकाचौंध में हथौड़ा बरात केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज मीरगंज से निकाली गई. हथौड़ा बरात मीरगंज से विभिन्न मार्गों से होते हुए खोवा मंडी, जीरो रोड, घंटाघर, बजाजा पट्टी, लाल डिग्गी, लोकनाथ चौराहा से मीरगंज वापस हुड़दंग स्थल पर पहुंची.

ये भी पढ़ेंः यूपी में होली 2024 की धूम; रामलला के दरबार में पुजारी और भक्तों ने उड़ाया अबीर-गुलाल

प्रयागराज में होली पर निकाली गई अनोखी हथौड़ा बरात.

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में होली पर एक ऐसी बरात निकाली जाती है जिसमें कोई दुल्हन नहीं होती. दूल्हा भी हथौड़े को बनाया जाता है. सदियों से संगम नगरी में होली के त्योहार के पहले हथौड़ा बरात निकालने की अनूठी परंपरा है.

इस बरात की खासियत यह है कि एक हथौड़े को दूल्हा बनाया जाता है. हथौड़े को पूरे दूल्हे की तरह सजाया जाता है. उसकी बलैया भी एक दूल्हे की तरह लेकर उसकी नजरें भी उतारी जाती हैं. फिर रंग से भरा कद्दू का भंजन किया जाता है.

उसके बाद धूमधाम से बैंड बाजे के साथ हथौड़े की बरात इंसान की बारात की तरह शहर भर में घुमाई जाती है. इसके बाद से ही प्रयागराज की होली की शुरुआत होती है. इस बरात के नजारे को जिसने भी देखा सभी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए.

प्रयागराज में रविवार को धर्म और आस्था की नगरी संगम नगरी प्रयागराज की अनूठी परंपरा के तहत हथौड़ा बरात निकाली गई. इससे पहले मंत्रोच्चार के बीच दूल्हे राजा हथौड़े का अजब-गजब श्रृंगार किया गया. मूसल नचाए गए और लोढ़ा घुमावन हुआ. लालटेन से दूल्हे की आरती उतारी गई तो सूप लोकावन के साथ राई-मिर्च से नजर भी उतारी गई.

इस अनूठी बरात के नजारे को जिसने भी देखा सभी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए. बरात में कद्दू के पुतले का भंजन किया गया. इसमें भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं. यह अनोखी परंपरा अपने आप में अदभुत है. सांस्कृतिक धरोहर के रूप में हथौड़ा बरात नए रंग-रोगन, साज-सज्जा और पूरे शानो-शौकत के साथ निकाली गई. इस हथौड़ा बरात में सभी समुदायों के लोगों ने मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की.

ढोल-ताशा डीजे बैंड, धोड़े, रोड लाइट की चकाचौंध में हथौड़ा बरात केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज मीरगंज से निकाली गई. हथौड़ा बरात मीरगंज से विभिन्न मार्गों से होते हुए खोवा मंडी, जीरो रोड, घंटाघर, बजाजा पट्टी, लाल डिग्गी, लोकनाथ चौराहा से मीरगंज वापस हुड़दंग स्थल पर पहुंची.

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