कानपुर: तिल की पैदावार करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर निकाल कर सामने आई है. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) में एक नया शोध कार्य किया जा रहा है. इसमें तिल की फसल को गर्मी के मौसम में उगाया गया है. अभी तक गर्मी के मौसम में तिल की फसल सबसे अधिक मध्य प्रदेश में की जाती थी. पहली बार मध्य प्रदेश से तिल के खास बीजों को मंगवाकर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालयल में लगाया गया है.
मध्य प्रदेश से मंगाए गए 16 प्रजातियों के बीज: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग के प्रभारी प्रोफेसर राम बटुक सिंह ने बताया कि पहली बार तिल की फसल को गर्मियों में उगाने का काम किया जा रहा है. अगर यह शोध सफल रहा तो यूपी के किसानों के लिए यह काफी ज्यादा फायदेमंद होगा. इतना ही नहीं किसान गर्मी और सर्दी दोनों ही सीजन में तिल की पैदावार कर सकेंगे. साथ ही किसान इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकेंगे. उन्होंने बताया कि avts 1 से लेकर avts 16 तक की प्रजातियों के बीच यहां पर मध्य प्रदेश से मंगाए गए है. जिन्हें CSA की प्रयोगशाला भूमि पर लगाया गया है. बीज की अलग-अलग प्रजातियो के सीड को 16 विभाग में डिवाइड करके लगाया गया है. इनमें सफेद और काले दोनों ही प्रकार के तिल शामिल हैं.
वैज्ञानिक कर रहे फसल की देखरेख: प्रोफेसर राम बटुक ने बताया कि इस शोध कार्य की वैज्ञानिक लगातार स्क्रीनिंग कर रहे हैं. इन तिल के बीजों को लगाए हुए करीब एक महीने का समय पूरा हो चुका है. तिल की फसल को तैयार होने में करीब 75 से 80 दिन का समय लगता है. जिसमें यह पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है. उनका मानना है कि आने वाले दो महीना में इसके परिणाम सामने आ जाएंगे. अगर यह शोध सफल होता है तो यूपी के किसानों के लिए यह बहुत बड़ी खुशखबरी होगी. तिल की फसल बेहद मुनाफे वाली होती है. ऐसे में अब अगर किसान सर्दी और गर्मी दोनों ही सीजन में तिल की खेती कर सकेंगे तो उन्हें काफी मुनाफा होगा.
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