दुर्ग : कहते हैं हमारे देश की आत्मा गांवों में बसती है. किसी ने कहा है कि यदि आपको असली भारत की तस्वीर देखनी है तो शहर छोड़कर गांव का रुख करें.गांव में शहर जैसी आधुनिकता नहीं होती.फिर भी यहां के सीधे साधे लोग अपने जुगाड़ से वो सारे काम करते हैं,जिनके लिए शहरों में मोटे पैसे खर्च करने पड़ते हैं.आज हम आपको गांव के ऐसे ही नौजवानों से मिलाने जा रहे हैं,जिन्होंने शिक्षा की सीढ़ी चढ़कर प्रयोग का ऐसा मुकाम पाया,जो आने वाले कल में कई किसानों की बड़ी मुश्किल आसान कर देगी.आईए जानते हैं कि नौजवानों ने ऐसा कौन सा कारनामा किया है. दुर्ग जिले के उतई के रहने वाले तीन लोगों ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो खेत में लगे पानी मोटर पंप को सिर्फ फोन कॉल से चालू और बंद कर सकता है.
इंजीनियरिंग के छात्रों ने बनाया स्मार्ट पंप : बीआईटी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले धामेंद्र और युगल किशोर साहू के साथ रूंगटा कॉलेज के छात्र मुनिश वर्मा ने मिलकर स्मार्ट पंप तैयार किया है.इस पंप की खासियत ये है कि इसे आप दुनिया के किसी भी हिस्से में रहकर ऑपरेट कर सकते हैं.इस पंप को टेस्ट करने के लिए तीनों स्टूडेंट ने मिलकर अपने ही परिवार के खेत में इसे इंस्टाल किया.
कैसे करता है पंप काम ? : तीनों स्टूडेंट ने मिलकर स्मार्ट मोटर पंप का डिजाइन तैयार किया.जिसमें हार्डवेयर में सॉफ्टवेयर को लिंक किया गया है. मोटर पंप के पास ही इसे इंस्टॉल किया गया है. साफ्टवेयर में दो नंबर रजिस्टर्ड किए गए हैं. रजिस्टर्ड नंबर से कॉल आने पर मोटर चालू हो जाता है.इसके बाद दोबारा कॉल करने पर पंप बंद होता है. मोटर पंप बंद होने पर रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज भी आता है.
इस सॉफ्टवेयर को जीएसएम टेक्नालॉजी का उपयोग करके तैयार किया गया है. इसमें एक सिम लगा हुआ है और इसमें दो अलग-अलग नंबर हैं. मोटर पंप को चालू करने के रजिस्टर्ड नंबर से फोन किया जाता है तो मोटर ऑन होता है. फिर दोबारा कॉल आते ही मोटर बंद हो जाता है. मोटर ऑन और ऑफ होने पर रजिस्टर्ड नंबर पर मैसेज भी आ जाएगा.जब तक विद्युत सप्लाई रहेगा यह मोटर तब तक चालू रहेगा. घर में जो पैनल है, उसमें कनेक्ट किया जा सकता है- धामेंद्र साहू, बीसीए स्टूडेंट
धामेंद्र के मुताबिक इस स्मार्ट मोटर पम्प को तैयार करने में एक महीने से अधिक समय लगा है.इसे बनाने में लिए इंटरनेट का उपयोग किया गया है. इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए बहुत जगह संपर्क भी किया जा रहा है. वहीं युगल किशोर ने बताया कि इसमें इलेक्ट्रिकल वायरिंग का काम हुआ है. यह प्रोजेक्टर अभी थ्री फेस में काम करता है. यदि एक फेस बंद हो जाता है तो मोटर तुरंत बंद हो जाता है.
इस प्रोजेक्टर में जैसे हम फोन कॉल करते हैं तो एक मैसेज आता है और उस मैसेज को रिसीव करते हैं. फिर से मोटर बंद करने के लिए फिर से कॉल करते है तो मैसेज रिसीव करते ही मोटर पम्प बंद हो जाता है. यह जो अभी थ्री फेस में काम कर रहा है. इसे एक फेस में काम करने के लिए अभी और डेवलप करना होगा- युगल किशोर, इंजीनियरिंग स्टूडेंट
दसवीं में ही मशीन बनाने का आया था ख्याल : वहीं वायरिंग का काम करने वाले मुनिश वर्मा ने बताया कि वो तीन दोस्त हैं. तीनों ने मिलकर ये प्रोजेक्ट तैयार किया है. पम्प मोटर को फोन कॉल के माध्यम से बंद और चालू किया जा सकता है.आप कहीं पर भी हो यह ऑल ओवर वर्ल्ड से ऑपरेट कर सकते हैं. इस स्मार्ट मोटर बनाने की सोच कक्षा दसवीं में ही आ गई थी.लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वो काम पर नहीं लगे थे.लेकिन अब जुगाड़ से पंप तैयार कर लिया गया है. वहीं धालेंद्र के पिता कुशल साहू ने बताया कि बच्चों ने सॉफ्टवेयर बनाया है.ये सक्सेसफुल तरीके से टेस्ट हो चुका है.मोबाइल कॉल से मोटर चालू हो जाता है,वहीं मोबाइल से ही इसे बंद कर सकते हैं.इसकी टेस्टिंग भी की जा चुकी है.
तीनों छात्रों की मेहनत लाई रंग : इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने में तीनों छात्रों ने कड़ी मेहनत की है. युगल किशोर संजय रूंगटा ग्रुप भिलाई से आईटीआई सेकेंड ईयर का छात्र है. वहीं धामेंद्र साहू बीसीए का स्टूडेंट है.वहीं मुनिश ने सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए जरुरी सामान का इंतजाम किया है. इसमें युगल और धालेंद्र ने सबसे ज्यादा अपना दिमाग लगाया है.