बालोद: बालोद जिले में ऐतिहासिक धरोहर के रूप में पहचाने जाने वाले गंगासागर तालाब का सेफ्टी वॉल अब कमजोर पड़ चुका है. साथ ही यहां का पानी भी बेहद मैला हो गया है. अब इसे संवारने का जिम्मा नगर पालिका ने उठाया है. नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा पूरे गंगासागर तालाब के साफ-सफाई और नवनिर्माण का काम देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई साल पहले बनाया गया सेफ्टी वॉल अब कमजोर हो चुका है. नीचे से यह धंसने लगा है, जिसे हम पुनः नए आधार स्तंभ के रूप में बनाएंगे. यह उद्यान और तालाब एक नए आकर्षण के रूप में जनता के सामने आएगा.
नहीं मिली स्वीकृति, स्वयं के मद से संवारेंगे: नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि, "हमने इस तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई स्वीकृति नहीं मिली है. चूंकि काम को जल्द ही पूरा करना है. इसलिए हम स्थानीय पार्षद दीप्ति विनोद शर्मा, धनेश्वरी ठाकुर, मेरे स्वयं के अध्यक्ष निधि के पैसों को मिलाकर तालाब को संवारने का काम हम करेंगे. तालाब का 90 फीसद पानी सूख चुका है. इसके गहरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही किनारे में नए दीवाल का निर्माण भी किया जाएगा."
पुरातात्विक धरोहर है गंगासागर तालाब:बालोद शहर का गंगासागर तालाब पुरातात्विक धरोहर के रूप में जाना जाता है. यहां से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. साथ ही इस तालाब के किनारे बालोद शहर की मां शीतला देवी मंदिर और शनि मंदिर के साथ-साथ साइन मंदिर और भगवान परशुराम का मंदिर भी बना हुआ है. पास में खूबसूरत चौपाटी है, जो कि विशेष आकर्षण का केंद्र है. इसलिए इस तालाब को संवारने का बीड़ा नगर पालिका ने उठाया है. नगर पालिका अध्यक्ष तीन से चार दिन हो गए हैं, इस तालाब में पूरी जिम्मेदारी के साथ डटे हुए हैं.
15 दिन में काम होगा पूरा: नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने बताया कि, "गंगासागर तालाब के सौंदर्यीकरण और गहरीकरण का काम 15 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा. हम युद्ध स्तर पर इसको करने में जुटे हुए हैं, क्योंकि यदि बारिश होती है तो काम में रुकावट आ सकती है और जल संग्रहण शुरू हो जाएगा, इसलिए सभी पहलुओं को देखते हुए हमने गर्मी में ही इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है."
दल-दल से पट चुका था गंगासागर तालाब: गंगासागर उद्यान पूरी तरह दलदल से पट चुका था. पानी से भी काफी बदबू आने लगा था. अब इस तालाब की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. यहां पर लोग डुबकी लगाने पहुंचते हैं. पूजन सामग्री विसर्जन करने पहुंचते हैं.यही कारण है कि तालाब गहरीकरण के साथ ही किनारे में घास लगाकर तालाब में बैठने के लिए बेहतरीन व्यवस्था की जाएगी. ताकि लोग यहां आकर बैठ सके.