बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद में एक ऐसा गांव है जहां दीपावली पर शहीद जवानों के परिवारों का सम्मान किया गया. शहीद जवानों के परिवार के साथ दिवाली मनाई गई. धनेली गांव में यह खास आयोजन किया गया. 6 साल से यह परंपरा चली आ रही है जिसके तहत दिवाली का पर्व मनाया गया. आयोजक समिति के सदस्यों की मानें तो इस आयोजन के जरिए शहीद परिवार का सम्मान किया गया.
शहीदों के परिवारों का सम्मान: शहीदों के परिवारों के सम्मान कार्यक्रम में विधायक ललित चंद्राकर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि जिन परिवार के दीये बुझ चुके हैं उन परिवार के लोगों के साथ हमने दिवाली मनाई ताकि उन्हें शहीद जवानों की कमी महसूस न हो. इस मौके पर हम ऐसे परिवारों को अपनेपन का एहसास दिलाते हैं. वे अपने आपको पर्व त्यौहार के मौके पर अकेले न समझें. यह बताने की हम कोशिश करते हैं.
शहीद जवानों के परिवार के साथ दिवाली मनाकर हमें अच्छा लगा. हमारी तरफ से सैनिकों का भी सम्मान किया गया. यह एक अच्छी सोच का परिचायक है. शहीद जवानों के परिवारों को दुख न हो और वह अपने आप को अकेला न समझे. इसके लिए हमारी यह परंपरा बीते 6 साल से चली आ रही है: ललित चंद्राकर, विधायक
अपनों के साथ हर कोई दिवाली मनाता है. परंतु जब देश के जवानों के साथ त्यौहार मनाने का अवसर मिले तो उसकी बात कुछ और ही है. ऐसा ही आज हमें महसूस हो रहा है: पवन साहू, भाजपा जिला अध्यक्ष
"ऐसे आयोजन देश प्रेम को दिखाते हैं": भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृष्णकांत पवार ने कहा कि धनेली बालोद जिले का ऐसा गांव है. जहां इस तरह की पहल की गई है. बालोद जिले के इस गांव में अपनेपन का एहसास होता है. यह अपने आप में गौरवशाली क्षण है. यह आप सबकी एकजुटता और देश प्रेम को प्रदर्शित कर रही है. आप सब की एकजुटता और देश प्रेम को यह प्रदर्शित करता है.
इस कार्यक्रम के आयोजक दुर्गानंद साहू ने कहा कि हमारे गांव के इस पहल के साक्षी यहां के लोग हैं. यह परंपरा अब एक भव्य और सफल आयोजन का रूप ले चुका है. जबकि जिला पंचायत सदस्य ललिता साहू ने कहा कि यह वो असर है कि जहां हम देश के सभी शहीद जवानों को नमन करते हैं. इस दौरान झरोखा कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया.