मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : सावन के पवित्र महीने में देवालयों में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है.सुबह से लेकर शाम तक भक्त महादेव की आराधना में लीन हैं.ऐसा माना जाता है कि सावन के माह में शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.इसलिए भक्त सावन के महीने में भोलेनाथ का जलाभिषेक करके उन्हें प्रसन्न करते हैं.इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़ के प्राचीन श्री संकट मोचन मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को महिलाओं ने सामूहिक रूप से जलाभिषेक किया.
नाकेश्वर महादेव का जलाभिषेक: इस मौके पर सभी महिला शिव भक्तों ने मंदिर से जल भरकर नाकेश्वर महादेव मंदिर तक कांवड़ यात्रा निकाली. जिनमें महिलाओं की भक्ति और उत्साह की झलक देखते ही बनती थी. यह धार्मिक कार्यक्रम सुबह से ही प्रारंभ हुआ, जहां महिलाओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की फिर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद सभी महिला श्रद्धालुओं ने मिलकर नाकेश्वर महादेव मंदिर में सामूहिक रूप से जलाभिषेक किया.
पार्थिव शिवलिंग का पूजन : इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली महिलाओं ने शिव भक्तों के संगठित होकर इस तरह के धार्मिक आयोजनों को उत्साहपूर्वक मनाने का संदेश दिया. सावन के महीने में पार्थिव शिव पूजन का विशेष महत्व है. यही वजह है कि शिव भक्त इन दिनों घर-घर भगवान शिव की पार्थिव मूर्ति बनवाकर पूजन अर्चन कर रहे हैं. तो वहीं शहर के वार्ड क्रमांक 12 स्थित संकट मोचन मंदिर भगवान शिव का पार्थिव पूजन किया गया. इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में जमा हुए.
प्राचीन मंदिर में विराजे हैं भोलेनाथ : आपको बता दें कि सीएमओ बंगला के सामने शहर का प्राचीन श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर स्थित है. मंदिर परिसर में ही विशालकाय पीपल का वृक्ष है, जिसके नीचे भगवान शिव की मूर्ति विराजित है. यहां सावन के महीने में नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा आराधना होती है. मंदिर से जुड़ी लक्ष्मी जायसवाल ने बताया कि विश्व कल्याण की मंगल कामना को लेकर सामूहिक पूजन किया गया. भगवान शिव के पूजन के लिए शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तों ने भोलेबाबा की विशेष-पूजा अर्चना की. कई लोगों ने पार्थिव शिवलिंग भी बनाएं.
शिवजी का अभिषेक करने श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे थे. यह क्रम देर शाम तक अनवरत चलता रहा. भक्तों ने भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, अकौआ के फूल भोलेनाथ को अर्पित किए.मंदिर में शिवजी की विशेष श्रृंगार झांकी लगाई गई. सुबह अभिषेक एवं शाम को भव्य आरती हुई. शाम के समय विशेष श्रृंगार कर आरती एवं प्रसादी वितरण का आयोजन हुआ.