जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर प्यासे कंठों पर राजनीति करने का बड़ा आरोप लगाया है. शेखावत ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जनता ने उनको पाप की सजा दी है. शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को अशोक गहलोत राजनीतिक गोटी की तरह इस्तेमाल कर रहे थे. बार-बार इसको लेकर राजनीतिक लाभ के लिए टिप्पणियां करते थे.
सोमवार सुबह अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे शेखावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्वी राजस्थान में सिंचाई के निमित्त अटल जी के समय पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को जोड़ने की परिकल्पना की गई थी, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति न बन पाने के कारण परियोजना को स्थगित कर दिया गया था. बाद में वसुंधरा राजे की सरकार के समय राजस्थान के पूर्वी हिस्से के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई को लेकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की परिकल्पना की गई थी, लेकिन तब भी दोनों राज्यों में सहमति नहीं बन पाई थी. साथ ही, अशोक गहलोत सरकार की हठधर्मिता के चलते भी वो सिरे पर नहीं चढ़ पाई.
पीएम ने कहा- रुकने से नहीं होगा समाधान : शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत इसको राजनीतिक गोटी की तरह इस्तेमाल कर रहे थे. बार-बार इसको लेकर राजनीतिक लाभ के लिए टिप्पणियां करते थे. मैंने प्रधानमंत्री से निवेदन किया था तो उन्होंने कहा कि कहीं भी रुकने से समाधान नहीं होता, इससे आगे सोचना है. जोधपुर के एलीवेडेट प्रोजेक्ट पर शेखावत ने कहा कि यह बहुत जल्द होने वाला है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों में अब भाजपा सरकार है. मैंने चुनाव के समय भी कहा था कि अशोक गहलोत सुखी धरती और किसान की अपेक्षाओं और प्यासे कंठों पर राजनीति कर रहे हैं. अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसको चारे और गोटी के रूप में उपयोग में लेने का पाप कर रहे हैं. इस पाप का दंश उनको निश्चित रूप से भोगना पड़ेगा. आखिर वही हुआ. जनता ने उनको पाप की सजा दी है.
मैंने कहा था कि आने वाले समय में हम पहली कैबिनेट के साथ इसको पूरा करेंगे. रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव दोनों साथ बैठे. अधिकारियों को साथ लेकर इसमें आने वाले गतिरोधों को दूर किया गया, और परियोजना के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. यह निश्चित रूप से 13 जिलों के लिए एक जीवनदायनी गंगा के रूप में तो साबित होगी ही, लेकिन साथ में आर्थिक परिदृश्य को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगी.
देश भर के विशेषज्ञों से ली राय : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने देशभर के हाइड्रोलॉजी के विशेषज्ञ और मध्य प्रदेश व राजस्थान के इंजीनियर्स को साथ बैठाया. पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और ईआरसीपी को इंटीग्रेटेड कर एक नदी जोड़ने की परियोजना पर विचार किया गया. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई इंटरलिंकेज ऑफ रिवर की कमेटी ने इसे इंटरलिकेंज ऑफ रिवर्स के रूप में मान्यता प्रदान की है.