नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय (एमओई)-एआईसीटीई इन्वेस्टर नेटवर्क कार्यक्रम लांच किया. कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक निवेशकों और इंडस्ट्री लीडर्स ने भाग लिया. लॉन्च के बाद शिक्षा मंत्री के साथ इन विशेषज्ञों का एक इंटरएक्टिव सेशन भी हुआ. इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह अभूतपूर्व और परिवर्तनकारी पहल नवाचार की संस्कृति को मजबूत करने और स्टार्टअप फंडिंग संबंधी मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए छात्रों, शिक्षकों, निवेशकों और बाजार को एक मंच पर लाएगी.
नई शिक्षा नीति- 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप स्टार्टअप परिदृश्य को और अधिक बढ़ावा देने एवं नवाचार के क्षेत्र में भारत को शीर्ष पर ले जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में यह एक और ठोस पहल है. इन्वेस्टर नेटवर्क के साथ हम गतिशील इनोवेटर्स के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहे हैं. वेंचर कैपिटलिस्ट सिर्फ निवेशक नहीं हैं.
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वे संरक्षक और भागीदार भी हैं. इन्वेस्टर्स ही इनोवेटर्स की प्रतिभा को पहचानकर उनके आइडिया पर रिस्क लेते हैं. आप असली जौहरी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए जितना जोर दिया है, उतना जोर कई दशकों तक किसी सरकार ने नहीं दिया है.
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन से भी कई बच्चे अपना स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं. इनमें से काफी तो बहुत सफल साबित हुए हैं. देश के हजारों शिक्षा संस्थानों में करोड़ों छात्र हैं. 15 साल से ऊपर यानी 11वीं, 12वीं से लेकर पीएचडी तक के छात्रों के पास बहुत से इनोवेटिव आइडिया होते हैं. इनको आर्थिक बैकअप देना विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काफी सहायक होगा.
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीतारम ने कहा कि इनोवेटर्स और निवेशकों के बीच सहयोग नवाचार को चलाने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और नए विचारों को फलीभूत करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है. इन्वेस्टर नेटवर्क के माध्यम से रणनीतिक साझेदारी के जरिये नए विचारों, आविष्कारों और मौजूदा समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा.
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे ने कहा कि एमओई - एआईसीटीई इन्वेस्टर नेटवर्क 'निवेशकों को उच्च शिक्षा संस्थानों में इनोवेटिव विचारों का समर्थन करने का अवसर देगा. यह नेटवर्क शिक्षा और प्रौद्योगिकी की उन्नति में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों और परिवर्तनकारी शैक्षिक पहल के बीच के अंतर को पाटेगा. इनोवेशन में सार्थक निवेश के अवसर की तलाश करने वाले निवेशकों और नवाचार करने वाले नवोदित छात्र और संकाय स्टार्टअप के बीच के सहयोग को बढ़ावा देगा. यह निवेश केवल संस्थानों में नहीं बल्कि विचारों में भी निवेश करने जैसा है. यह केवल वर्तमान में नहीं बल्कि बेहतर भविष्य के के लिए भी एक निवेश है.
ऐसे काम करेगा नेटवर्क
एमओई-एआईसीटीई इन्वेस्टर नेटवर्क शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) की संयुक्त पहल है. इस नेटवर्क का लक्ष्य छात्र या संकाय के नेतृत्व वाले प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता, सलाह और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करना है. शिक्षा मंत्रालय इस नेटवर्क के माध्यम से छात्र और संकाय के नेतृत्व वाले स्टार्टअप में सरकारी फंडिंग से परे निजी निवेश को प्रोत्साहित करना चाहता है. इस नेटवर्क के माध्यम से निवेशकों को अपने सेक्टर के प्रमुख लोगों के साथ जुड़ने और सहयोग का आदान प्रदान करने का अवसर भी मिलेगा.
संचालन समिति का किया गया है गठन
एमओई-एआईसीटीई इनवेस्टर नेटवर्क के सुचारू रूप से संचालन, निवेशकों के प्रभावी चयन और नीति तैयार करने के लिए एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे की अध्यक्षता में एक 10 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया गया है. समिति विविध प्रोफाइल के साथ 100 निवेशकों की ऑनबोर्डिंग सुनिश्चित करेगी. पॉलिसी डॉक्युमेंट्स, निवेशकों के लिए दिशानिर्देश और फंडिंग की मांग करने वाले स्टार्टअप और इनोवेटर्स के लिए पात्रता मानदंड तैयार करेगी.
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा सचिव संजय के. मूर्ति, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम, उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे, सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
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