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यूपी में पितृ पक्ष का अनूठा प्रयास; यहां होता कोख में मार दी गईं बेटियों का तर्पण - Pitru Paksha 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

कानपुर शहर की युग दधीचि देहदान संस्थान के सदस्यों की ओर से ये अनूठी कवायद साल 2011 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य यही रखा गया कि उन मां-बाप तक एक कड़ा संदेश पहुंचे जो बेटी होने की जानकारी मिलने के बाद कोख में ही उनकी हत्या करा देते हैं.

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युग दधीचि देहदान संस्थान की ओर से कानपुर में गंगा किनारे इस तरह महिला सदस्य करती हैं अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण. (Photo Credit; Organization Media Cell)

कानपुर: इन दिनों पूरे देश में पितृ पक्ष की गतिविधियां जारी हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार अपने पूर्वजों या पितरों को प्रसन्न करने के लिए लोग पूरे विधि-विधान से पितृ पक्ष में पूजा-अर्चना करते हैं. इसी पितृ पक्ष में कानपुर में एक ऐसी अनूठी कवायद होती है, जिसकी चर्चा हर किसी की जुबां पर रहती है. संसार में बेटियां जन्म ले सकें, इस मकसद को पूरा करने के लिए यहां महिलाएं अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण करती हैं.

कानपुर शहर की युग दधीचि देहदान संस्थान के सदस्यों की ओर से ये अनूठी कवायद साल 2011 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य यही रखा गया कि उन मां-बाप तक एक कड़ा संदेश पहुंचे जो बेटी होने की जानकारी मिलने के बाद कोख में ही उनकी हत्या करा देते हैं.

युग दधीचि देहदान संस्थान के सदस्य अजन्मी बेटियों का तर्पण करते हुए. (Video Credit; Organization Media Cell)

13 साल होंगे पूरे, महिलाएं हमेशा की तरह तैयार: युग दधीचि देहदान संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष मनोज सेंगर ने बताया कि उन्होंने कानपुर में सबसे पहले लोगों से देहदान का फॉर्म भरवाना शुरू किया था. उसके बाद जब बेटियों की हत्याएं न हों, इसके लिए कुछ करने की ठानी तो कानपुर में अजन्मी बेटियों का तर्पण कराना शुरू कर दिया. आमतौर पर महिलाएं घाटों पर पहुंचकर तर्पण में शामिल नहीं होतीं हैं.

इसलिए हमने अपनी सभी महिला सदस्यों को इस काम में लगाया. हमारा मकसद था कि जो माता-पिता यह नहीं चाहते कि उनके घर पर बेटी जन्मे, उन्हें इस कवायद से शायद सबक जरूर मिलेगा. संस्था की सभी सदस्य ठीक वैसे ही गंगा किनारे पहुंचकर अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण करती है, जैसे हर घर के सदस्य अपने पितरों या पूर्वजों के लिए पूजा पाठ करते हैं. इस साल भी संस्था की ओर से आयोजन होगा. अब इस आयोजन के 13 साल पूरे हो जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः निशांत की दर्दभरी कहानी; मां-बाप ने 8 साल पहले अस्पताल में छोड़ा, अब हो गई मौत, कौन करेगा अंतिम संस्कार

कानपुर: इन दिनों पूरे देश में पितृ पक्ष की गतिविधियां जारी हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार अपने पूर्वजों या पितरों को प्रसन्न करने के लिए लोग पूरे विधि-विधान से पितृ पक्ष में पूजा-अर्चना करते हैं. इसी पितृ पक्ष में कानपुर में एक ऐसी अनूठी कवायद होती है, जिसकी चर्चा हर किसी की जुबां पर रहती है. संसार में बेटियां जन्म ले सकें, इस मकसद को पूरा करने के लिए यहां महिलाएं अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण करती हैं.

कानपुर शहर की युग दधीचि देहदान संस्थान के सदस्यों की ओर से ये अनूठी कवायद साल 2011 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य यही रखा गया कि उन मां-बाप तक एक कड़ा संदेश पहुंचे जो बेटी होने की जानकारी मिलने के बाद कोख में ही उनकी हत्या करा देते हैं.

युग दधीचि देहदान संस्थान के सदस्य अजन्मी बेटियों का तर्पण करते हुए. (Video Credit; Organization Media Cell)

13 साल होंगे पूरे, महिलाएं हमेशा की तरह तैयार: युग दधीचि देहदान संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष मनोज सेंगर ने बताया कि उन्होंने कानपुर में सबसे पहले लोगों से देहदान का फॉर्म भरवाना शुरू किया था. उसके बाद जब बेटियों की हत्याएं न हों, इसके लिए कुछ करने की ठानी तो कानपुर में अजन्मी बेटियों का तर्पण कराना शुरू कर दिया. आमतौर पर महिलाएं घाटों पर पहुंचकर तर्पण में शामिल नहीं होतीं हैं.

इसलिए हमने अपनी सभी महिला सदस्यों को इस काम में लगाया. हमारा मकसद था कि जो माता-पिता यह नहीं चाहते कि उनके घर पर बेटी जन्मे, उन्हें इस कवायद से शायद सबक जरूर मिलेगा. संस्था की सभी सदस्य ठीक वैसे ही गंगा किनारे पहुंचकर अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण करती है, जैसे हर घर के सदस्य अपने पितरों या पूर्वजों के लिए पूजा पाठ करते हैं. इस साल भी संस्था की ओर से आयोजन होगा. अब इस आयोजन के 13 साल पूरे हो जाएंगे.

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