उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवार को कहा "संतों और अन्य धार्मिक नेताओं को हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में स्थायी आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी." मुख्यमंत्री ने 2028 में पवित्र शहर में आयोजित होने वाले सिंहस्थ मेले की तैयारियों के बारे में संवाददाता सम्मेलन में ये बात कही. मोहन यादव ने कहा "उज्जैन संतों के लिए जाना जाता है. 12 साल में एक बार होने वाला सिंहस्थ मेला 2028 में आयोजित किया जाएगा. शहर में साधु-संतों को ठहरने और अन्य गतिविधियों के लिए उचित स्थान की आवश्यकता होती है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने संतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्थायी आश्रम बनाने की योजना बनाई है".
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां, कई योजनाएं बनाईं
मुख्यमंत्री ने कहा "संत, महंत, अखाड़ों के प्रमुख और अन्य धार्मिक नेता सभी को आमंत्रित कर अपने आश्रम बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं." सिंहस्थ मेले के मद्देनजर सड़क, बिजली, पेयजल आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी काम किया जाएगा. हरिद्वार की तरह उज्जैन को भी धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए जनप्रतिनिधियों की मदद से योजना तैयार की गई है. बुनियादी सुविधाओं पर काम करते हुए फोर-लेन और सिक्स-लेन पुल समेत स्थायी बुनियादी ढांचे के काम किए जाएंगे और साथ ही आश्रम भी बनाए जाएंगे.
उज्जैन-इंदौर सिक्स-लेन हाईवे के लिए टेंडर
उन्होंने कहा "इच्छुक श्रद्धालुओं के माध्यम से धर्मशालाएं, चिकित्सा केंद्र और आयुर्वेद केंद्र समेत अन्य प्रतिष्ठान स्थापित करने को भी प्राथमिकता दी जाएगी." यादव ने कहा कि आश्रम के लिए संतों और साधुओं को अनुमति दी जाएगी, जिसमें पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह होगी. उज्जैन-इंदौर सिक्स-लेन हाईवे के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही उज्जैन-जावरा ग्रीन फील्ड फोर लेन रोड का शिलान्यास किया जाएगा.
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इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन को सैद्धांतिक मंजूरी
इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है. उज्जैन, देवास, फतेहाबाद और इंदौर को जोड़ने वाली एक सर्किल वंदे मेट्रो ट्रेन भी संचालित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन के सभी रेल मार्गों को मजबूत किया जा रहा है, साथ ही मौजूदा हवाई पट्टी को भी हवाई अड्डे के रूप में उन्नत किया जाएगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस स्मृति कार्यक्रम में भी भाग लिया.