उज्जैन। सोमवार से सावन माह की शुरूआत हो गई है. आज सावन का पहला सोमवार है. सभी मंदिरों और शिवालयों में भक्त महादेव की पूजा-अभिषेक करने पहुंच रहे हैं. वहीं तीनों लोकों में पूजनीय बाबा महाकाल की पहली सवारी भी सोमवार को निकली. सावन के पहले सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. राजा के रूप में महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया गया. शाम को ठाठ-बाट के साथ बाबा नगर भ्रमण पर निकले.
सावन के पहले सोमवार पर बाबा की सवारी
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक व अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि, श्रावण माह की पांच और भाद्रपद माह की दो सवारियां मिलाकर कुल 07 सवारियों में भगवान महाकालेश्वर विविध मोहक रूपों में भक्तों का हाल जानने निकलेंगे. जिसमें आज श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार को भगवान महाकाल की की सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए परम्परागत मार्ग से निकली. बाबा महाकाल की सवारी का सभा मंडप में पूजा-पाठ और अभिषेक हुआ. इसके बाद सवारी मंदिर परिसर से रवाना हुई. मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल की टुकड़ियों ने सलामी दी. पुलिस बैंड ने ओम नमः शिवाय की धुन बजाई. सवारी में भजन मंडली भी शामिल हुई.
सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल हुआ शामिल
इसके बाद महाकाल की सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए शिप्रा नदी पहुंची. जहां पर मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल की पालकी का पूजन अभिषेक हुआ. इसके बाद पालकी शहर के विभिन्न स्थानों से गोपाल मंदिर होते हुए महाकाल मंदिर पहुंची. यहां पालकी का समापन हुआ. महाकाल की सवारी में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट भी परिवार के साथ शामिल हुए. इसके अलावा जनजातीय कलाकारों का दल भी सवारी में शामिल हुआ. इस दौरान धार के भील जनजातीय भगोरिया नृत्य के सदस्यों के दल ने प्रस्तुति दी.
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7 सोमवार को अलग-अलग रूपों में होगा महाकाल का श्रृंगार
बता दें सातों सोमवार तक भगवान अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे. श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,श्री घटाटोप मुखोटा व श्री सप्तधान मुखारविंद में भगावन का श्रृंगार होगा.