उज्जैन: प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी दर्शन विवाद के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने मंदिर में होने वाली भस्म आरती को लेकर औचक निरीक्षण किया. बताया गया कि मंदिर में कुछ दिनों से भस्म आरती की परमिशन के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद प्रशासक अपना भेष बदलकर रात के समय निरीक्षण करने पहुंचे.
परमिशन के बावजूद 300 श्रद्धालु गैरमौजूद
इस मामले की कार्रवाई के दौरान खुलासा हुआ कि 1705 श्रद्धालुओं को भस्म आरती के लिए परमिशन दी गई थी, लेकिन सिर्फ 1400 श्रद्धालु ही आरती में सम्मिलित हुए. जिससे कहा जा रहा है कि महाकालेश्वर मंदिर में फर्जी तरीके से भस्म आरती की परमिशन बेची जा रही है. प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि "जांच के दौरान 300 श्रद्धालु, जिन्हें आरती की अनुमति मिली थी, मंदिर नहीं पहुंचे. इसको लेकर प्रशासन को सचेत किया कि मंदिर के नाम पर अवैध गतिविधियां हो रही हैं. अब मंदिर प्रशासन फर्जी परमिशन और अवैध वसूली के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है."
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VIP दर्शन विवाद पर प्रशासन का सख्त रुख
वीआईपी दर्शन को लेकर भी प्रशासन ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अब किसी भी अति विशिष्ट व्यक्ति की जानकारी एक दिन पहले मंदिर प्रशासन को देनी अनिवार्य होगी. साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मचारियों वीआईपी अटेंडर के रूप में भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. वहीं, महाकाल मंदिर प्रशासन के अनुसार, भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को सही और पारदर्शी व्यवस्था मिल सके.