रतलाम: भ्रष्टाचार और फर्जी रजिस्ट्री कांड से सुर्खियों में आए रतलाम नगर निगम में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब लोकायुक्त उज्जैन की टीम जांच करने नगर निगम रतलाम पहुंची. हालांकि लोकायुक्त की टीम फर्जी रजिस्ट्री मामले की नहीं बल्कि शहर में बनी घटिया सड़कों की जांच के लिए यहां पहुंची थी. जिसकी जांच के बाद लोकायुक्त की टीम अपने साथ रतलाम नगर निगम की सड़कों से संबंधित दस्तावेज भी लेकर गई.
लोकायुक्त टीम ने अधिकारियों से की पूछताछ
दरअसल बीते साल शहर के कई इलाकों में सीमेंट कंक्रीट की सड़कों का निर्माण किया गया था, लेकिन महीने भर बाद ही सड़के उखड़ने लगी थी. घटिया निर्माण की शिकायत उज्जैन लोकायुक्त पुलिस को की गई. लोकायुक्त की टीम ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया और गुरुवार को लोकायुक्त का दल नगर निगम के लोक निर्माण विभाग में इन सड़कों की फाइल खंगालने पहुंचा था. लोकायुक्त टीम ने सड़क निर्माण के टेंडर की शर्तों की जांच की है. इस दौरान लोकायुक्त की टीम ने नगर निगम के लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों से भी पूछताछ की.
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घटिया सामग्री से किया गया था सड़कों का कार्य
गौरतलब है कि शहर के बीचों-बीच इन घटिया सड़कों का निर्माण हुआ था. जिससे शहर के लोगों के टैक्स का पैसा नगर निगम के जिम्मेदारों ने शहरवासियों को घटिया सड़क की सौगात देने में बर्बाद कर दिया. इस मामले पर उज्जैन लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि ''पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा को कुछ सड़कों के घटिया निर्माण कार्य की शिकायत मिली थी. जिनमें चांदनी चौक से गणेश देवरी, श्मशान रोड, घास बाजार और भी कुछ रोड हैं जिनका निर्माण बहुत घटिया क्वालिटी से हुआ है जिससे यह उखड़ गई हैं. विगत दो-तीन सालों में ये सड़कें बनी हैं. हमने नगर निगम में उन सड़कों से संबंधित फाइलें देखी हैं. ये जांच अभी चल रही है और जांच के बाद भी इसमें कुछ कहा जाएगा.''