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नौतपा की भीषण गर्मी को मात दे गये ये दंपत्ति, दंडवत करते उज्जैन तक 665 किलोमीटर का तय किया सफर - ujjain dandvat yatra

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से आई भक्ति की इस तस्वीर ने लोगों के होश उड़ा दिए. भोले के इस भक्त के आगे सूर्य देव की तपिश भी फीकी साबित हो रही है. इस भीषण गर्मी में भोले बाबा का ये भक्त दंडवत करते हुए 665 किमी दूर से उज्जैन पहुंचा है.

UJJAIN DANDVAT YATRA
चिलचिलाती गर्मी में दंडवत करते शख्स पहुंचा महाकाल मंदिर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 9:53 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना लाखों लोग दर्शन करने आते हैं. शुक्रवार को बाबा महाकाल के मंदिर से आस्था की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, नौतपा में जहां आम जन ही नहीं पशु पक्षियों का भी घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, एक दंपत्ति नंगे पैर 665 किलोमीटर की दंडवत यात्रा कर उज्जैन पहुंचा. यह जोड़ा नर्मदा नदी में अपनी यात्रा पूरी करेगा.

भक्ति के सामने सूर्य की तपिश भी नतमस्तक (ETV Bharat)

चिलचिलाती गर्मी में कर रहे दंडवत

दम्पत्ति का कहना है कि उन्होंने मन्नत के चलते ये कदम उठाया है. आज से डेढ़ साल पहले राजस्थान के बाड़मेर से यात्रा शुरू की थी. शहर के महाकाल थाने में पदस्थ एएसआई चंद्रभान व शहर के कई नागरिकों ने दम्पत्ति की मदद के लिए आगे आए. बता दें कि झुलसा देने वाली गर्मी में दंपत्ति हाथ में नारियल लिए नंगे पैर और जमीन पर लेटकर कठिन तपस्या करते हुए बाबा महाकाल मंदिर पहुंचे.

दंपत्ति ने 665 किलोमीटर का सफर तय किया

भीषण गर्मी में दंडवत करने वाले भक्त की पहचान 55 वर्षीय प्रह्लाद उर्फ शंभु बुनकर के रूप में हुई है. उनकी पत्नी का नाम पूजा बताया जा रहा है. मन्नत पूरी होने के बाद ये दोनों राजस्थान के बाड़मेर स्थित अपने निवास से ओंकारेश्वर पहुंचे. जहां उन्होंने नर्मदा नदी में स्नान किया और दान पुण्य कर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए निकले. हालांकि 665 किलोमीटर की इस यात्रा में अब तक दम्पत्ति रामदेवरा, अजमेर, पुष्कर होकर उज्जैन पहुंचे हैं. महिला हाथ में झोला और भगवान का झण्डा लिए है. वहीं, पुरुष हाथ में नारियल लेकर चिलचिलाती धूप में लगातार दंडवत करते उज्जैन पहुंचे.

यहां पढ़ें...

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यात्रा के दौरान लोगों ने मदद की

दंपत्ति ने बातचीत करते हुए बताया कि "इस यात्रा के दौरान कई लोग हमारी मदद को आगे आए. लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर रात में ठहरने का भी इंतजाम किया. उन्होंने कहा कि जब हम धर्मनगरी उज्जैन पहुंचे तो यहां पर भी एक पुलिसकर्मी व अन्य कई लोगों ने हमारी मदद की. हमारी यह यात्रा ओंकारेश्वर तक जारी रहेगी."

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना लाखों लोग दर्शन करने आते हैं. शुक्रवार को बाबा महाकाल के मंदिर से आस्था की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, नौतपा में जहां आम जन ही नहीं पशु पक्षियों का भी घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, एक दंपत्ति नंगे पैर 665 किलोमीटर की दंडवत यात्रा कर उज्जैन पहुंचा. यह जोड़ा नर्मदा नदी में अपनी यात्रा पूरी करेगा.

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दम्पत्ति का कहना है कि उन्होंने मन्नत के चलते ये कदम उठाया है. आज से डेढ़ साल पहले राजस्थान के बाड़मेर से यात्रा शुरू की थी. शहर के महाकाल थाने में पदस्थ एएसआई चंद्रभान व शहर के कई नागरिकों ने दम्पत्ति की मदद के लिए आगे आए. बता दें कि झुलसा देने वाली गर्मी में दंपत्ति हाथ में नारियल लिए नंगे पैर और जमीन पर लेटकर कठिन तपस्या करते हुए बाबा महाकाल मंदिर पहुंचे.

दंपत्ति ने 665 किलोमीटर का सफर तय किया

भीषण गर्मी में दंडवत करने वाले भक्त की पहचान 55 वर्षीय प्रह्लाद उर्फ शंभु बुनकर के रूप में हुई है. उनकी पत्नी का नाम पूजा बताया जा रहा है. मन्नत पूरी होने के बाद ये दोनों राजस्थान के बाड़मेर स्थित अपने निवास से ओंकारेश्वर पहुंचे. जहां उन्होंने नर्मदा नदी में स्नान किया और दान पुण्य कर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए निकले. हालांकि 665 किलोमीटर की इस यात्रा में अब तक दम्पत्ति रामदेवरा, अजमेर, पुष्कर होकर उज्जैन पहुंचे हैं. महिला हाथ में झोला और भगवान का झण्डा लिए है. वहीं, पुरुष हाथ में नारियल लेकर चिलचिलाती धूप में लगातार दंडवत करते उज्जैन पहुंचे.

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यात्रा के दौरान लोगों ने मदद की

दंपत्ति ने बातचीत करते हुए बताया कि "इस यात्रा के दौरान कई लोग हमारी मदद को आगे आए. लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर रात में ठहरने का भी इंतजाम किया. उन्होंने कहा कि जब हम धर्मनगरी उज्जैन पहुंचे तो यहां पर भी एक पुलिसकर्मी व अन्य कई लोगों ने हमारी मदद की. हमारी यह यात्रा ओंकारेश्वर तक जारी रहेगी."

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