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मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी, न्यायालय में चालान पेश करते ही किया जाएगा निलंबित - खर्रा - Mayor Munesh Gurjar case - MAYOR MUNESH GURJAR CASE

हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमा चलाने की स्वीकृति यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने दे दी है. अब एसीबी उनके खिलाफ अदालत में चालान पेश कर सकेगी. वहीं, मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने की राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को जानकारी दी.

Mayor Munesh Gurjar case
यूडीएच मंत्री ने जारी की मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 2:24 PM IST

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर: आखिरकार सरकार ने हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर ही दी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर साइन करने के बाद विभाग ने भी महापौर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के आदेश जारी कर दिए. अब एसीबी कोर्ट में स्वीकृत पत्र पेश करेगी. इधर, मंत्री खर्रा ने कहा है कि एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग को मिलने के तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर हटा दिया जाएगा. चूंकि मेयर का पद ओबीसी महिला आरक्षित है. इस वर्ग से आने वाली किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी.

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पत्र के 4 महीने बाद राजस्थान सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ राज्य अभियोजन स्वीकृति दी है. मामला पट्टे जारी करने के बदले 2 लाख रुपए रिश्वत लेने का है. दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था. इसमें 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों, नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया गया था. तलाशी के दौरान सुशील गुर्जर के घर से पट्टे की संबंधित फाइलें और 41 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे. साथ ही दलाल नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे.

पढ़ें: मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की फाइल पेंडिंग, यूडीएच मंत्री के साइन का इंतजार

जांच में आरोप साबित: जांच के दौरान मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित माने गए. मामले में एसीबी ने 2 मई 2023 को राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है.

चालान पेश होते ही मेयर को हटा देंगे: इस संबंध में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी हो गई है. एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग के पास आ जाएगी, उसके तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर दिया जाएगा. उसके बाद सरकार जिसे उचित समझेगी, जिस वर्ग के लिए मेयर का पद आरक्षित है, उस वर्ग के किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी. 60 दिन के बाद चुनाव भी हो सकते हैं और कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है.

मेयर को त्यागपत्र देना चाहिए: उन्होंने कहा कि कायदे से तो जिस दिन मेयर के खिलाफ अभियोजन की बात चली, उन्हें पद त्याग कर देना चाहिए था. अब उन्होंने नहीं किया तो उन्हें सरकारी आदेश से हटा दिया जाएगा. आगे महापौर पद पर चुनाव होगा या नहीं ये राज्य निर्वाचन आयोग पर निर्भर करता है. उन्होंने ये भी कहा कि कार्यकाल पूरा होने के बाद ही निगम को एक करने से संबंधित जवाब सुस्पष्ट रूप से मिल जाएगा.

यह भी पढ़ें: DLB निदेशक हाजिर होकर बताएं कि हेरिटेज मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति को लेकर अब तक निर्णय क्यों नहीं- हाईकोर्ट

कांग्रेस पार्षदों ने लगाया था आरोप: कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया था कि बीजेपी विधायकों का हाथ मेयर के साथ है, इसलिए अब तक अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर साइन नहीं हुए थे. इस पर झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, यदि कांग्रेस पार्षदों के पास कोई जानकारी है और उन्हें उपलब्ध कराया जाए, तो बीजेपी के जनप्रतिनिधियों से भी पूछ लेंगे कि किस वजह से उन्होंने मेयर पर हाथ रखा हुआ है. फाइल पर 4 महीने बाद साइन जरूर हुए हैं इसका जवाब प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेंगे. हालांकि वो भी अब बदल चुके हैं, उनसे जब मिलेंगे तब बात करेंगे.

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने की हाईकोर्ट को दी जानकारी : राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार ने हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुडे मामले में अभियोजन स्वीकृति जारी करने की जानकारी पेश की. वहीं, अदालत ने राज्य सरकार को मौखिक रूप से चालान पेश करने के लिए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुधांशु सिंह की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में डीएलबी निदेशक वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल ने अदालत को बताया कि गत 6 सितंबर को मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी गई है. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने चार महीने से मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है. जिस पर अदालत ने कहा कि दो सप्ताह का समय इसलिए ही दिया जा रहा है कि मामले में चालान पेश किया जा सके. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक को व्यक्तिगत तौर पर पेशी से भी छूट दे दी। गत सुनवाई को अदालत ने कहा था कि जब मुनेश के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मान लिया गया है तो अभियोजन स्वीकृति पर निर्णय क्यों नहीं किया गया.

याचिका मे कहा गया है कि पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत यह प्रावधान है कि अभियोजन मंजूरी से जुड़े मामलों में तीन माह में निर्णय किया जाएगा और यदि इसमें कानूनी राय लेनी तो एक माह का अतिरिक्त समय लिया जा सकता है. इसके बावजूद चार माह बीतने के बाद भी अब तक मुनेश की अभियोजन स्वीकृति पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. गौरतलब है कि मुनेश के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुडे मामले में एसीबी ने सुशील को गिरफ्तार किया था. वहीं, मुनेश को मेयर पद से निलंबित किया गया था. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने निलंबन रद्द कर दिया था.

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर: आखिरकार सरकार ने हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर ही दी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर साइन करने के बाद विभाग ने भी महापौर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के आदेश जारी कर दिए. अब एसीबी कोर्ट में स्वीकृत पत्र पेश करेगी. इधर, मंत्री खर्रा ने कहा है कि एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग को मिलने के तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर हटा दिया जाएगा. चूंकि मेयर का पद ओबीसी महिला आरक्षित है. इस वर्ग से आने वाली किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी.

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पत्र के 4 महीने बाद राजस्थान सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ राज्य अभियोजन स्वीकृति दी है. मामला पट्टे जारी करने के बदले 2 लाख रुपए रिश्वत लेने का है. दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था. इसमें 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों, नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया गया था. तलाशी के दौरान सुशील गुर्जर के घर से पट्टे की संबंधित फाइलें और 41 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे. साथ ही दलाल नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे.

पढ़ें: मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की फाइल पेंडिंग, यूडीएच मंत्री के साइन का इंतजार

जांच में आरोप साबित: जांच के दौरान मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित माने गए. मामले में एसीबी ने 2 मई 2023 को राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है.

चालान पेश होते ही मेयर को हटा देंगे: इस संबंध में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी हो गई है. एसीबी जैसे ही न्यायालय में चालान पेश करेगी और उसकी सूचना विभाग के पास आ जाएगी, उसके तुरंत बाद मुनेश गुर्जर को उनके पद से निलंबित कर दिया जाएगा. उसके बाद सरकार जिसे उचित समझेगी, जिस वर्ग के लिए मेयर का पद आरक्षित है, उस वर्ग के किसी भी पार्षद को सरकार अस्थाई रूप से 60 दिन के लिए मेयर का कार्य भार देने के आदेश जारी करेगी. 60 दिन के बाद चुनाव भी हो सकते हैं और कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है.

मेयर को त्यागपत्र देना चाहिए: उन्होंने कहा कि कायदे से तो जिस दिन मेयर के खिलाफ अभियोजन की बात चली, उन्हें पद त्याग कर देना चाहिए था. अब उन्होंने नहीं किया तो उन्हें सरकारी आदेश से हटा दिया जाएगा. आगे महापौर पद पर चुनाव होगा या नहीं ये राज्य निर्वाचन आयोग पर निर्भर करता है. उन्होंने ये भी कहा कि कार्यकाल पूरा होने के बाद ही निगम को एक करने से संबंधित जवाब सुस्पष्ट रूप से मिल जाएगा.

यह भी पढ़ें: DLB निदेशक हाजिर होकर बताएं कि हेरिटेज मेयर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति को लेकर अब तक निर्णय क्यों नहीं- हाईकोर्ट

कांग्रेस पार्षदों ने लगाया था आरोप: कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया था कि बीजेपी विधायकों का हाथ मेयर के साथ है, इसलिए अब तक अभियोजन स्वीकृति की फाइल पर साइन नहीं हुए थे. इस पर झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, यदि कांग्रेस पार्षदों के पास कोई जानकारी है और उन्हें उपलब्ध कराया जाए, तो बीजेपी के जनप्रतिनिधियों से भी पूछ लेंगे कि किस वजह से उन्होंने मेयर पर हाथ रखा हुआ है. फाइल पर 4 महीने बाद साइन जरूर हुए हैं इसका जवाब प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेंगे. हालांकि वो भी अब बदल चुके हैं, उनसे जब मिलेंगे तब बात करेंगे.

मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने की हाईकोर्ट को दी जानकारी : राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार ने हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुडे मामले में अभियोजन स्वीकृति जारी करने की जानकारी पेश की. वहीं, अदालत ने राज्य सरकार को मौखिक रूप से चालान पेश करने के लिए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुधांशु सिंह की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में डीएलबी निदेशक वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल ने अदालत को बताया कि गत 6 सितंबर को मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी गई है. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने चार महीने से मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है. जिस पर अदालत ने कहा कि दो सप्ताह का समय इसलिए ही दिया जा रहा है कि मामले में चालान पेश किया जा सके. इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक को व्यक्तिगत तौर पर पेशी से भी छूट दे दी। गत सुनवाई को अदालत ने कहा था कि जब मुनेश के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मान लिया गया है तो अभियोजन स्वीकृति पर निर्णय क्यों नहीं किया गया.

याचिका मे कहा गया है कि पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत यह प्रावधान है कि अभियोजन मंजूरी से जुड़े मामलों में तीन माह में निर्णय किया जाएगा और यदि इसमें कानूनी राय लेनी तो एक माह का अतिरिक्त समय लिया जा सकता है. इसके बावजूद चार माह बीतने के बाद भी अब तक मुनेश की अभियोजन स्वीकृति पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. गौरतलब है कि मुनेश के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुडे मामले में एसीबी ने सुशील को गिरफ्तार किया था. वहीं, मुनेश को मेयर पद से निलंबित किया गया था. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने निलंबन रद्द कर दिया था.

Last Updated : Sep 9, 2024, 2:24 PM IST
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