जयपुर. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने नगरीय निकायों में रिक्त पदों की समस्या को नासूर करार देते हुए जल्द ही इसके निराकरण करने की बात कही. साथ ही उन्होंने बताया कि जिन प्रोजेक्ट में शिकायत मिली है, उनको रोक दिया गया है और जो भी प्रोजेक्ट कछुए की चाल से चल रहे हैं, उनको रफ्तार दी जा रही है. खर्रा शुक्रवार को मानसरोवर में नारी शक्ति बंधन सम्मान समारोह में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने डे एनयूएलएम योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सम्मानित किया. साथ ही यहां सामुदायिक केंद्र में लगे विकसित भारत संकल्प यात्रा के शिविर का निरीक्षण किया. इस दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने आगामी महीने में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए एक प्लेटफार्म देने का भी ऐलान किया.
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को शुक्रवार को सम्मानित किया गया. इस दौरान मौजूद रहे यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि आजादी के 100 साल होते-होते भारत दुनिया का सबसे विकसित, सशक्त, संपन्न और सर्वाधिक सामाजिक समरसता वाले राष्ट्र के रूप में दुनिया में अपनी पहचान बनाए. उसके लिए भारत सरकार की जितनी भी जन कल्याणकारी योजनाएं हैं, उनका विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत लगाए गए शिविरों के जरिए प्रचार-प्रसार करते हुए पात्र लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है. उन्होंने प्रबुद्धजन का आह्वान करते हुए कहा कि वो कैंप से जानकारी लेकर अपने-अपने क्षेत्र में प्रयास कर रहे हैं कि इन योजनाओं से लाभान्वित होने वाला कोई वंचित तो नहीं हो रहा. इन योजनाओं का लाभ लेकर 2047 तक सभी लोग सशक्त होंगे तो निश्चित रूप से उनके परिवार में शिक्षा का प्रसार बढ़ेगा. लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा. स्वच्छता की ओर ध्यान देंगे और इस राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे.
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जयपुर को बनाएंगे आईटी सिटी : इस दौरान बजट घोषणा में शामिल मेट्रो विस्तार को लेकर झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार से भी चर्चा हुई है. प्रदेश में भी चर्चा हुई है और जल्द ही इसे मूर्त रूप देकर योजना को क्रियान्वित करवाएंगे. प्रदेश के विभिन्न शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि जिन प्रोजेक्ट में शिकायत मिली, उन्हें तो रोक दिया गया है. कुछ योजनाएं कछुए की चाल से चल रही हैं. इस संबंध में सभी विभागों से जानकारी ली जा रही है. अधिकारी मॉनिटरिंग में जुट गए हैं और आने वाले समय में इसको लेकर सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे. द्रव्यवती नदी में भी सफाई का कार्य शुरू किया गया है.
ऐसे में जल्द ही इस योजना को भी क्रियान्वित किया जाएगा. जहां तक नए प्रोजेक्ट का सवाल है तो इस संबंध में सूचनाएं विभागों से मांगी गई है. उसके आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. अधूरी सूचना के आधार पर कोई कमिटमेंट नहीं कर सकते हैं. इस दौरान उन्होंने आईटी सिटी कांसेप्ट को लेकर कहा कि जिस तरह बेंगलुरु ने आईटी सिटी को लेकर अपनी पहचान बनाई है. उसी तरह जयपुर में भी आईटी सिटी की परिकल्पना कर रहे हैं और उसे अब मूर्त रूप देंगे. ऐसे में यहां निवेश बढ़ेगा. साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और राजस्थान को आर्थिक रूप से उसका फायदा मिलेगा.
नासूर का करेंगे उचित इलाज : वहीं, नगरीय निकायों में रिक्त चल रहे पदों को लेकर यूडीएच मंत्री ने कहा कि एक फुंसी शरीर पर होती है तो उसका तत्काल इलाज हो जाता है. अगर वो फोड़े का रूप ले लेती है तो सप्ताह, 15 दिन लग जाते हैं और यदि वो नासूर बन जाती है तो इलाज में काफी समय लगता है, लेकिन इस नासूर का इलाज हम करके छोड़ेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी अधिकारी ने गलत नोटिस देकर आम जनता को परेशान किया है तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बहुत ही सरकारी जमीन है, जिन पर अतिक्रमण के मामले सामने आए हैं. उनकी जानकारी जुटाई जा रही है. बहुत से मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. उस पर भी प्रभावी पैरवी करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला करने का प्रयास करेंगे.
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अन्नपूर्णा रसोई को लेकर कही ये बात : आगे उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा रसोई पर यदि लगातार निगरानी रखेंगे, तभी उसकी गुणवत्ता बनी रहेगी. लापरवाही कर देंगे तो गुणवत्ता खत्म हो जाएगी. ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को वहां नियमित रूप से जाकर गुणवत्ता की जांच करते रहना चाहिए. जहां तक अन्नपूर्णा रसोइयों की संख्या बढ़ाने का सवाल है तो इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं, जहां सच में जरूरत होगी, वहां नई अन्नपूर्णा रसोई भी शुरू की जाएगी.
शिक्षा पद्धति पर उठाए सवाल : इससे पहले उन्होंने मंच से शिक्षा पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में मातृ शक्ति का सम्मान करने की परंपरा रही है, लेकिन पूर्व में देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई. इससे देश के महान लोगों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं मिल सकी. एक समय था, जब दो तरह के गुरुकुल हुआ करते थे. एक गुरुकुल प्रत्येक बस्ती में था, उसमें एक शिक्षक होते थे. उस शिक्षक के सभी आवश्यकताओं की पूर्ति पूरा समाज मिलकर करता था. कुछ गुरुकुल जंगल में स्थित होते थे, जिसमें बच्चों को एक आयु वर्ग का होने पर गुरुकुल में डाला जाता था और 25 साल तक गुरुकुल में रहकर पढ़ाई करके किसी न किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करते थे, लेकिन आज मैकाले की जिस शिक्षा पद्धति के अनुसार पढ़ाई हो रही है, उससे दो तरह के लोग बन रहे हैं. एक वाइट कॉलर और एक ब्लू कॉलर. ब्लू कॉलर के लोग मेहनत करके अपने आप को, अपने परिवार को और राष्ट्र को आगे बढ़ाने की सोचता है और व्हाइट कॉलर के बारे में ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है.
मेयर सौम्या गुर्जर ने किया ये ऐलान : इस दौरान मौजूद रही मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है. उनमें स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी शामिल हैं, जिनकी हौसला अफजाई करने के लिए महिलाओं को सम्मानित किया गया है. ये स्वयं सहायता समूह की महिलाएं खाद्य सामग्री, पापड़, अचार, आंवला कैंडी के साथ-साथ अब गाय के गोबर के दीपक, धूपबत्ती, फूलों के रसों से सुगंधित परफ्यूम, वस्त्र और लाख की चूड़ियों का निर्माण कर रही हैं. साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि कौशल विकास से जुड़ी, जो भी ट्रेनिंग उन महिलाओं दी जाती है, उसमें दक्ष होने का वो प्रयास कर रही हैं और आगामी मार्च महीने के पहले सप्ताह के अंदर ही शक्ति वंदन प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसके जरिए मातृशक्ति को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा.