जयपुर: पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंबल रिवरफ्रंट की जांच की होगी. इसके अलावा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के जिन भी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की आशंका हैं, उन सभी की जांच की जाएगी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इन प्रोजेक्ट्स के जांच की बात कहते हुए स्पष्ट किया कि प्रोजेक्ट्स में कमी पाए जाने पर पिछली सरकार के किसी मंत्री की संलिप्तता सामने आती है, तो उसे भी उजागर की जाएगा.
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के अंतिम दिनों की जांच के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनी हुई है. बाकी जो काम है, उनके लिए मुख्यमंत्री से दो बार चर्चा हो चुकी है कि जांच ले लिए कोई अधिकारियों की कमेटी बने या मंत्रिमंडल की उप समिति बने. उन्होंने कहा कि जिन भी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की आशंका है. कहीं सीवरेज, कहीं निर्माण कार्य तो कहीं दो महीने में सड़क उखड़ने की गंभीर शिकायतें हैं. जांच में यदि कमी पाई जाती है, तो और उसमें पिछली सरकार के किसी मंत्री की संलिप्तता सामने आती है तो वो भी उजागर की जाएगी.
हिंडौन सिटी का नाला: खर्रा ने उदाहरण दिया कि कांग्रेस कार्यकाल में करोड़ों रुपए खर्च कर हिंडौन सिटी में एक नाला बनाया गया था. जिस उद्देश्य से वो नाला बनाया गया था, उसका 25 परसेंट भी उपयोग नहीं हो रहा है. उसका लेवल गलत है. जिसकी वजह से वहां जलभराव की समस्या हो गई. खर्रा ने बताया कि कोटा रिवरफ्रंट बनने के बाद उसे पहली भारी बरसात का सामना करना पड़ा है. रिवरफ्रंट में 1000 करोड़ से ज्यादा रुपए का खर्चा हुआ है. सूचना है कि रिवरफ्रंट में कुछ डैमेज हुए हैं. इसका आकलन करने के बाद गुणवत्ता की भी जांच होगी.
जयपुर के जवाहर सर्किल पर बनाए गए तोरण द्वार में भी डैमेज की शिकायतें मिली हैं. इस पर खर्रा ने स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे जो काम हुए हैं और उनकी गुणवत्ता खराब होने के कारण अगर उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान हुआ है, इस तरह की शिकायतें जैसे-जैसे संज्ञान में आएंगी, गंभीरता के साथ उन सब की जांच करवाई जाएगी.