उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में हुई चाकूबाजी की घटना में इलाज के दौरान छात्र देवराज की मौत हो गई थी, जिसका मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया. मृतक के पिता और चचेरे भाई ने उसे मुखाग्नि दी. इस पूरी घटना को लेकर परिवार और लोगों में भी काफी गुस्सा देखने को मिला. लोगों का कहना है कि आरोपी को जल्द से जल्द उसके गुनाहों की सजा मिलनी चाहिए. परिवार की गुहार है कि कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़े.
परिवार और लोगों का फूटा गुस्सा : मृतक के पिता ने बेटे को मुखाग्नि देने के बाद रुंधी आवाज में कहा कि आरोपी को उसके गुनाहों की सजा मिलनी चाहिए. आरोपी का कोई भी वकील केस नहीं लड़े और जल्द से जल्द बेटे को न्याय मिले. पुलिस-प्रशासन से यही अपील है.
आरोपी बख्शा नहीं जाएगा : गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संज्ञान लेकर उसका बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए थे. इसके लिए जयपुर से भी एक्सपर्ट की टीम गई थी, लेकिन हम उसे बच्चे को नहीं पाए. व्यवस्था की दृष्टि से स्थानीय प्रशासन और पुलिस पूरी तरीके से अलर्ट है. एक नाबालिग को डिटेन किया गया है. किसी भी तरह से आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. लोग इस तरह के माहौल में संयम बनाए रखें. सरकार भी पूरी तरह से गंभीर है.
दहशत फैलाने के लिए की गई घटना : मोची समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंती लाल मोची ने कहा कि यह बहुत ही जघन्य अपराध हुआ है. प्री प्लानिंग तरीके से इस तरह से चाकू मारने की घटना को अंजाम दिया गया है. दहशत फैलाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया. 10वीं क्लास के छात्र के पास धारदार हथियार होना बहुत बड़ी बात है. सरकार को भी इसपर ध्यान देना चाहिए. ऐसे कानून बने जिससे नाबालिग भी सजा से नहीं बच सके.
समाज के लोगों ने कहा कि इस घटना को लेकर पूरे उदयपुर में आक्रोश है. सरकार को और पुलिस को आरोपी के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए. आरोपी ने जिस उम्र में चाकू चलाना सीख लिया, वह नाबालिग नहीं हो सकता. उसे नाबालिग होने से सजा में छूट नहीं देनी चाहिए. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही आरोपी के माता-पिता को भी इस पूरे मामले में जांच करनी चाहिए. ऐसी घटना दोबारा नहीं देखने को मिले, इसलिए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.