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Rajasthan: रणथंभौर में एक साल में जन्मे 13 शावक, अब मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट होंगे दो बाघ

सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघ की शिफ्टिंग की जाएगी.

मुकुंदरा व रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट होंगे दो बाघ
मुकुंदरा व रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट होंगे दो बाघ (ETV Bharat (Symbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

भरतपुर : सवाई माधोपुर का रणथंभौर टाइगर रिजर्व इन दिनों जगह के अभाव की समस्या से जूझ रहा है. यहां क्षमता से 35% अधिक बाघ विचरण कर रहे हैं. इतना ही नहीं यहां पर बीते एक साल में कुल 13 शावकों ने जन्म लिया है. यही वजह है कि जल्द ही यहां से मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघ की शिफ्टिंग की जाएगी. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (एनटीसीए) की अनुमति मिलते ही शिफ्टिंग की तैयारी शुरू कर दी जाएगी.

रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर ने बताया कि रिजर्व में इस समय कुल 77 बाघ हैं, जबकि 392 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले अभ्यारण्य में आदर्श स्थिति में करीब 56 बाघों को रखा जा सकता है. ऐसे में इस समय अभ्यारण्य में करीब 21 बाघ अधिक हैं, इसलिए हम समय-समय पर बाघों को अन्य अभ्यारण्य में शिफ्ट करते रहते हैं. अभी भी मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में दो बाघों को शिफ्ट किया जाएगा.

पढ़ें. Rajasthan: सरिस्का में बाघिन एसटी-14 के शावकों को मिली पहचान, बाघिन एसटी-2401 और बाघ एसटी-2402 के नाम से जाने जाएंगे

सात साल में बढ़ गए 35% बाघ : सीसीएफ अनूप केआर ने बताया कि अभ्यारण्य में वर्ष 2017 में कुल 57 बाघ थे, लेकिन अब यहां 77 बाघ हैं, यानी 7 साल में बाघों की संख्या में करीब 35% की वृद्धि हुई है. बीते एक साल में सुल्ताना ने तीन शावक, रिद्धि ने 3, सिद्धि ने 1, एरोहेड ने 3 और एक अन्य बाघिन ने 3 शावकों को जन्म दिया है. यानी एक साल में कुल 13 शावकों ने जन्म लिया है. बाघों की औसत आयु 12 से 14 वर्ष होती है. उम्र अधिक होने पर बाघ की प्राकृतिक मौत हो जाती है. इसके अलावा अभ्यारण्य में क्षमता से अधिक बाघ हैं, इसलिए कई बार आपसी संघर्ष भी हो जाता है. अप्राकृतिक या शिकार की वजह से मौत की घटनाएं बहुत कम होती हैं.

भरतपुर : सवाई माधोपुर का रणथंभौर टाइगर रिजर्व इन दिनों जगह के अभाव की समस्या से जूझ रहा है. यहां क्षमता से 35% अधिक बाघ विचरण कर रहे हैं. इतना ही नहीं यहां पर बीते एक साल में कुल 13 शावकों ने जन्म लिया है. यही वजह है कि जल्द ही यहां से मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघ की शिफ्टिंग की जाएगी. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (एनटीसीए) की अनुमति मिलते ही शिफ्टिंग की तैयारी शुरू कर दी जाएगी.

रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर ने बताया कि रिजर्व में इस समय कुल 77 बाघ हैं, जबकि 392 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले अभ्यारण्य में आदर्श स्थिति में करीब 56 बाघों को रखा जा सकता है. ऐसे में इस समय अभ्यारण्य में करीब 21 बाघ अधिक हैं, इसलिए हम समय-समय पर बाघों को अन्य अभ्यारण्य में शिफ्ट करते रहते हैं. अभी भी मुकुंदरा और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में दो बाघों को शिफ्ट किया जाएगा.

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सात साल में बढ़ गए 35% बाघ : सीसीएफ अनूप केआर ने बताया कि अभ्यारण्य में वर्ष 2017 में कुल 57 बाघ थे, लेकिन अब यहां 77 बाघ हैं, यानी 7 साल में बाघों की संख्या में करीब 35% की वृद्धि हुई है. बीते एक साल में सुल्ताना ने तीन शावक, रिद्धि ने 3, सिद्धि ने 1, एरोहेड ने 3 और एक अन्य बाघिन ने 3 शावकों को जन्म दिया है. यानी एक साल में कुल 13 शावकों ने जन्म लिया है. बाघों की औसत आयु 12 से 14 वर्ष होती है. उम्र अधिक होने पर बाघ की प्राकृतिक मौत हो जाती है. इसके अलावा अभ्यारण्य में क्षमता से अधिक बाघ हैं, इसलिए कई बार आपसी संघर्ष भी हो जाता है. अप्राकृतिक या शिकार की वजह से मौत की घटनाएं बहुत कम होती हैं.

Last Updated : 2 hours ago
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