नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी सहित एनसीआर क्षेत्र में रेकी करने के बाद महज तीस सेकेंड में दो पहिया वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह के दो बदमाशों को थाना सेक्टर-63 पुलिस ने शनिवार को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों की निशानदेही पर चोरी की चार मोटरसाइकिल और दो स्कूटी बरामद हुई है. पांच फर्जी नंबर प्लेट भी आरोपियों के पास से मिली है. दोनों के खिलाफ अलग-अलग थाने में कुल 15 मुकदमे दर्ज हैं.
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल हृदेश कठेरिया ने बताया कि, "आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए थाना सेक्टर-63 पुलिस थाना प्रभारी की अगुवाई में गश्त कर रही थी. इसी दौरान टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि सेक्टर-63 के सी ब्लॉक के पास दो वाहन चोर चोरी के वाहनों को बेचने जा रहे हैं. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और दो संदिग्धों को घेरा बंदी कर पकड़ लिया. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना नाम पर्थला निवासी रमेश कुमार और बिहार के सीतामढ़ी निवासी संतोष श्याम राय बताया."
हृदेश कठेरिया ने कहा,"कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने बताया कि वह वाहन चोर हैं और चोरी के वाहन को बेचने जा रहे थे. उनके गिरोह का सरगना फर्रूखाबाद निवासी सरवन है. सरवन के निर्देश पर ही गिरोह के सदस्य नोएडा सहित एनसीआर के अन्य शहरों में रेकी करने के बाद दो पहिया वाहनों की चोरी करते हैं. इनके निशाने पर नई मोटरसाइकिल और स्कूटी रहती है. सुनसान जगहों और घरों के बाहर खड़े वाहनों को गिरोह के बदमाश निशाना बनाते हैं."
पुलिस पुछताछ में आरोपियों ने बताया कि रमेश मैकेनिक का काम करता है. वह चोरी के वाहनों का हुलिया बदलकर उसमें फर्जी नंबर प्लेट लगा देता है और मौका पाते ही मोटरसाइकिल को महज 20 से 25 हजार रुपये में बेच देता है. वाहन बेचने समय सरगना सरवन खरीदने वालों को महज एक महीने के भीतर कागज देने की बात कहता है. जो भी रकम मिलती है सरगना सहित गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते हैं. पुलिस ने इस मामले में गैंग के सरगना सरवन को भी वांछित बनाया है. जितने भी वाहन बरामद हुए हैं, उसे गैंग के बदमाशों ने पांच माह के भीतर नोएडा के अलग-अलग थानाक्षेत्र से चोरी किया था."
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेचते हैं वाहन: गैंग के बदमाश नोएडा में वाहनों की चोरी करते थे और उसे दूर-दराज के जिलों के गांवों में ले जाकर बेहद कम दामों में बेच देते थे. गांव में पुलिस की चेकिंग कम होती है और कुछ किलोमीटर की क्षेत्र में ही लोगों का बाइक से आना जाना होता है, ऐसे में चोरी के वाहन लंबे समय तक पकड़ में नहीं आ पाते हैं. आरोपियों से चोरी के वाहनों को कौन खरीदता था पुलिस उनकी जानकारी भी जुटा रही है. गैंग के बदमाशों ने अबतक 40 से अधिक मोटरसाइकिल और स्कूटी चोरी की वारदात की है. गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. सरगना का भी आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है.