रांची: इंडियन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी द्वारा डोरंडा के शौर्य सभागार में दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस गैस्ट्रोकॉन-24 की शुरुआत शनिवार को हुई. कॉन्फ्रेंस में झारखंड के अलावा देश के अन्य राज्यों के पेट और लीवर रोग के ख्यातिप्राप्त सैकड़ों विशेषज्ञ चिकित्सक भाग ले रहे हैं.
गैस्ट्रोकॉन-24 सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को 20 से ज्यादा पेट एवं लिवर रोगों से संबंधित टॉपिक पर चिकित्सकाें ने अपना प्रेजेंटेशन दिया. हर प्रेजेंटेशन के बाद डिस्कशन सेशन भी रखा गया था, इसमें युवा डॉक्टरों ने अपने मन में उठ रहे कई सवालों का जवाब विशेषज्ञ डॉक्टरों से पाया. बिहार की राजधानी पटना से आए डॉ वी के अग्रवाल ने कहा कि हर स्पेशलिटी में तरह-तरह की पढ़ाई हो रही है और इसमें नए गुणात्मक सुधार भी हो रहे हैं, ऐसे में अपने विभाग यानी पेट और लीवर रोग का इलाज करने वाले चिकित्सकों को नई तकनीक की जानकारी देने में इस कॉन्फ्रेंस का अहम रोल होगा.
हरियाणा के फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल से आये गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ कपिल कुमार शर्मा ने कहा कि नई और एडवांस एंडोस्कोपी मशीन आ गई है, इसमें एनेस्थीसिया देकर मरीज की एंडोस्कोपी की जाती है, जिससे मरीज को दर्द नहीं होता है.
वहीं रांची के प्रख्यात गैस्ट्रो चिकित्सक डॉ जयंत घोष ने कहा कि इस सम्मेलन में देश के अलग-अलग प्रदेशों से करीब 200 चिकित्सक शामिल हुए हैं. रांची के एक निजी अस्पताल में हुई सर्जरी का लाइव डेमोंस्ट्रेशन सम्मेलन के सभागार में भी किया गया, इससे नए जेनरेशन को और चिकित्सक समुदाय को ऑपरेशन की बारीकियों को समझने और जानने का मौका मिलेगा. कॉन्फ्रेंस के पहले दिन पैंक्रियाटिक, सिरोसिस, गैस्ट्रो कैंसर, लीवर फाइब्रोसिस जैसी जटिल बीमारियों को लेकर डॉक्टरों ने अपने अपने ज्ञान को साझा किया.
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