चित्तौड़गढ़. लोगों के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं, पूछताछ में आरोपियों ने उनके गिरोह में शामिल 12 अन्य शातिरों के भी नाम बताए हैं. पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि नीमच निवासी जतिन सिंह गहलोत ने साइबर थाने में रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में उसने बताया था कि उसके दुकान मालिक ने सरकारी योजनाओं के रुपए बैंक खाते में आने का प्रलोभन देकर उसका आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में करंट अकाउंट खुलवाया था. साथ ही उसने किसी बड़े अधिकारी से बात कराई और उसे चित्तौडगढ़ उसके बैंक से संबंधित दस्तावेज व चेक बुक के साथ ही एटीएम, सिम कार्ड लेकर खाते को ऑनलाइन कराने के लिए भेजा था.
हालांकि, जब वो चित्तौडगढ़ पहुंचा तो वहां अंकित लखेरा नाम का शख्स उसे मिला, जिसने अपने अन्य साथी रविकांत पंचोली से मिलाया. रविकांत ने उसके अकाउंट के दस्तावेज जैसे चेक बुक, एटीएम, सिम कार्ड प्रार्थी जतिन से ले लिए और उसके अकाउंट के बदले 50 हजार रुपए देने के लिए कहा. इतना ही नहीं उसने कहा कि उसके बैंक खाते में ढेर सारे रुपए आएंगे, जो उसे देने होंगे. इस पर जतिन को दोनों पर शक हुआ. उसे लगा कि ये लोग उसके खाते का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में उसने रविकांत से उसके बैंक खाते के दस्तावेज वापस मांगे, लेकिन रविकांत ने उसे देने से इनकार कर दिया. उसके बाद अंकित लखेरा और रविकांत वहां से चले गए. जतिन की रिपोर्ट पर साइबर थाने ने धोखाधड़ी व आईटी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया.
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प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एएसपी मुकेश सांखला के सुपरविजन में पुलिस निरीक्षक शब्बीर खान के नेतृत्व में थाना साइबर की विशेष टीम गठित कर प्रकरण में अज्ञात बदमाशों की तलाश शुरू की गई. हुलिए व चित्तौडगढ़ शहर में सीसीटीवी फुटेज लिए व आरोपियों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर शहर में तलाश की गई और अंतत: दोनों आरोपियों को डिटेन कर लाया गया. वहीं, विस्तृत पूछताछ कर आरोपी 22 वर्षीय रविकांत पंचोली पुत्र शिव कुमार पंचोली निवासी गांव महाराज की खेड़ी डबोक पुलिस थाना डबोक जिला उदयपुर और 25 वर्षीय अंकित लखेरा पुत्र घनश्याम लखेरा नीमच को गिरफ्तार कर लिया.
वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी इस तरह की वारदात को अंजाम देने के बाद अपना लोकेशन बदल लेते थे. पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों की टीम में अन्य कई सदस्य शामिल हैं, जिसमें तोसिफ खान पठान चित्तौडगढ, सोनू पठान भीलवाड़ा, दिग्गविजय सिंह चुण्डावत उदयपुर, कुलदीप चौहान उदयपुर, मुकूल उदयपुर, शुभम मोची गंगरार, दीपक चित्तौडगढ़, विशाल चित्तौडगढ़, शाहरूख विजयनगर, निकू पंडित फतेहनगर, दिपांशु सुवालका और शुभम सेन चित्तौडगढ़ शामिल हैं.
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ऐसे देते थे वारदात को अंजाम : गरीब व कम पढ़े लिखे लोगों को सरकारी योजनाओं के रुपए बैंक खाते में आने का प्रलोभन देकर अकाउंट खुलवाते थे. इसके बाद अकाउंट के दस्तावेज जैसे चेक बुक, एटीएम, सिम कार्ड, नेट बैकिंग आदि के जरिए दूसरे खातों से रुपए लेनेदेने का काम करते थे.