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Delhi: गाजियाबाद में 110 करोड़ की टैक्स चोरी मामले में 2 कारोबारी गिरफ्तार, फर्म ने 621 करोड़ के फर्जी इनवॉइस किए जारी - GHAZIABAD TAX EVASION

केंद्रीय माल और सेवाकर आयुक्तालय (CGST) गाज़ियाबाद ने 110 करोड़ की टैक्स चोरी मामले में 2 कारोबारी को गिरफ्तार किया है.

गाजियाबाद टैक्स चोरी मामला
गाजियाबाद टैक्स चोरी मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 17, 2024, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्रीय माल और सेवाकर आयुक्तालय (CGST) गाजियाबाद ने फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. आयुक्त संजय लवानिया की अगुवाई में CGST ने मेसर्स ANVS ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें 110 करोड़ के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट का खुलासा हुआ है. इस मामले में दो लोगों छत्रपाल और गौरव तोमर को गिरफ्तार किया गया है.

CGST अफसरों ने अपनी जांच में पाया है कि दो वर्षों की छोटी सी अवधि के दौरान माल और सेवाओं का वास्तविक उत्पादन किए बिना इस फर्म ने 621 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस जारी किए और 100 से अधिक फर्जी फर्मों (इकाइयों) का निर्माण कर उसमें 110 करोड़ के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया. ये फर्म छत्रपाल शर्मा द्वारा चलायी जा रही है. जिन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर GST पंजीकरण लिया था. जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि गौरव तोमर फर्जी इनवॉइस के इस रैकेट के मास्टरमाइंड के रूप में काम कर रहा था.

"इस मामले में अभी तक छत्रपाल और गौरव तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है. फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के खिलाफ दूसरे अखिल भारतीय अभियान में CGST गाजियाबाद निरंतर कंपनियों के अस्तित्व की सच्चाई को टोटल रहा है और महीनों के अथक परिश्रम के बाद इतनी बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. CGST गाजियाबाद उन फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है जो व्यापार के नाम पर कर की चोरी करते हैं और देश की आर्थिक बुनियाद के लिए खतरा हैं." - संजय लवानिया, केंद्रीय माल और सेवा कर के आयुक्त

जानकारी के आधार पर गौरव तोमर के आवासीय परिसर की जांच की गई. इस दौरान इनके आवास से कई फर्जी GSTIN की जानकारी, उनसे संबंधित मोबाइल नंबर, ईमेल और ई वे बिल आदि प्राप्त हुए. अब तक की जांच से संकेत मिला है कि गौरव तोमर फर्जी फर्मों (इकाइयों) के पंजीकरण और प्रबंधन का एक रैकेट चला रहे हैं. जांच में यह भी पाया गया कि कई GSTIN, एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल ID से पंजीकृत हैं.

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CGST अफसरों ने अपनी जांच में पाया है कि दो वर्षों की छोटी सी अवधि के दौरान माल और सेवाओं का वास्तविक उत्पादन किए बिना इस फर्म ने 621 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस जारी किए और 100 से अधिक फर्जी फर्मों (इकाइयों) का निर्माण कर उसमें 110 करोड़ के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया. ये फर्म छत्रपाल शर्मा द्वारा चलायी जा रही है. जिन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर GST पंजीकरण लिया था. जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि गौरव तोमर फर्जी इनवॉइस के इस रैकेट के मास्टरमाइंड के रूप में काम कर रहा था.

"इस मामले में अभी तक छत्रपाल और गौरव तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है. फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के खिलाफ दूसरे अखिल भारतीय अभियान में CGST गाजियाबाद निरंतर कंपनियों के अस्तित्व की सच्चाई को टोटल रहा है और महीनों के अथक परिश्रम के बाद इतनी बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. CGST गाजियाबाद उन फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है जो व्यापार के नाम पर कर की चोरी करते हैं और देश की आर्थिक बुनियाद के लिए खतरा हैं." - संजय लवानिया, केंद्रीय माल और सेवा कर के आयुक्त

जानकारी के आधार पर गौरव तोमर के आवासीय परिसर की जांच की गई. इस दौरान इनके आवास से कई फर्जी GSTIN की जानकारी, उनसे संबंधित मोबाइल नंबर, ईमेल और ई वे बिल आदि प्राप्त हुए. अब तक की जांच से संकेत मिला है कि गौरव तोमर फर्जी फर्मों (इकाइयों) के पंजीकरण और प्रबंधन का एक रैकेट चला रहे हैं. जांच में यह भी पाया गया कि कई GSTIN, एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल ID से पंजीकृत हैं.

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