लखनऊ : लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है. यहां रेडियोडायग्नोसिस विभाग में दो नई सीटी स्कैन मशीन लगाने की तैयारी है. एक हाॅस्पिटल ब्लाॅक तो दूसरी मशीन शहीद पथ स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल में लगेगी. वहीं, एक एमआरआई मशीन को अपग्रेड किया जाएगा. इस पर कुल करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह से तीनों मशीनों से जांच शुरू हो जाएगी.
लोहिया संस्थान में रोजाना लगभग साढ़े तीन हजार मरीजों की ओपीडी होती है. इनमें करीब 5 से 7 प्रतिशत मरीजों को एमआरआई या सीटी स्कैन जांच की सलाह दी जाती है. यहां मौजूदा समय में सिर्फ एक सीटी स्कैन और एक एमआरआई मशीन लगी है. अधिक दबाव के चलते यहां मरीजों को एक से दो माह की वेटिंग मिलती है. इसकी वजह से कई बार गंभीर रोगियों का इलाज भी प्रभावित होता है.
प्रो. सीएम सिंह का कहना है कि संस्थान के मुख्य परिसर में एक सीटी स्कैन मशीन लगेगी, जबकि एमआरआई मशीन को अपग्रेड किया जाएगा. इसके अलावा मातृ एवं शिशु अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाने जा रहे हैं. दरअसल, अभी तक मातृ एवं शिशु अस्पताल के मरीजों को जांच के लिए करीब आठ किलोमीटर लोहिया संस्थान के मुख्य परिसर तक दौड़ लगानी पड़ती है. उन्होंने बताया कि दो सीटी स्कैन मशीन पर करीब 15 करोड़ और एमआरआई को अपग्रेड करने पर पांच करोड़ रुपये की लागत आएगी. सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं. जुलाई आखिरी सप्ताह तक मशीनें आ जाएंगी और अगस्त पहले सप्ताह से जांच शुरू हो जाएगी.
लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मुताबिक, यह मरीजों को बेहतर उपचार कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. संस्थान में तीन सीटी स्कैन और दो एमआरआई मशीन लगने से अधिक से अधिक रोगियों की समय से जांच हो सकेगी. इससे इलाज में देरी नहीं होगी.
लेप्रोस्कोपी से जटिल ऑपरेशन संभव : अब लेप्रोस्कोपी (दूरबीन विधि) से हर प्रकार के जटिल ऑपरेशन करना संभव है. जबकि, शुरू में इस तकनीक का उपयोग सिर्फ पित्त की थैली में पथरी आदि में किया जाता था. यह बातें डॉ. विकास सिंह ने लोहिया संस्थान के सर्जरी विभाग में आयोजित कार्यशाला में चिकित्सकों और रेजीडेंट के लिए यूपी चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया एवं मिनिमल एक्सेस सर्जरी प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं. जूनियर डॉक्टरों को इस तकनीक की बारीकियां बताई गईं.
इस मौके पर लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह, एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रोबाल नियोगी, यूपी चैप्टर असोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. अमित अग्रवाल व डॉ. निखिल सिंह उपस्थित रहे. कार्यशाला में ड्राई और वैट लैब में प्रशिक्षण दिया गया.