दुमका: बैंक मैनेजर या कोई बड़ा अधिकारी बनकर और आधार कार्ड में सुधार के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले सरैयाहाट के साइबर अपराधी प्रफुल्ल मंडल को पुलिस ने जब धर दबोचा है. हालांकि पुलिस को देखकर उसके बाकी साथी भाग निकले. गिरफ्त में आये प्रफुल्ल ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह में कुल बीस सदस्य हैं और वे गिरोह बनाकर साइबर क्राइम के माध्यम से ठगी करते हैं. पुलिस ने उसके 19 सदस्यों के नाम-पता हासिल कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. इधर प्रफुल्ल मंडल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
क्या है पूरा मामला
दुमका के सरैयाहाट थाना प्रभारी निरंजन कुमार को एसपी से सूचना मिली कि कुछ साइबर अपराधी सालजोरा बंदरी डंगाल गांव में एकत्रित होकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं. प्रतिबिंब पोर्टल से प्राप्त मोबाइल नंबर के बारे में पता किया तो उसकी लोकेशन बंदरी डंगाल ही बताया. इसके बाद टीम गठित कर दबिश दी गई. पुलिस की गाड़ी को देखकर लोग भागने लगे. काफी पीछा करने के बाद बंदरी गांव के प्रफुल्ल मंडल को पुलिस ने धर दबोचा. उसके पास से दो मोबाइल भी बरामद हुए. इसमें एक नंबर प्रतिबिंब पोर्टल में अंकित भी था.
फर्जी दस्तावेज से लेते थे सिम कार्ड
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि साइबर ठगी करने के लिए फर्जी दस्तावेज पर सिम लेते थे. सभी लोग संगठित होकर काम करते थे. एक साथ मिलकर बैंक मैनेजर या अधिकारी बताकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट अपडेट, आधार कार्ड में सुधार व विभिन्न योजना का लाभ दिलाने के लिए व्हाट्सएप पर फर्जी लिंक भेजते थे. जैसे ही कोई व्यक्ति लिंक को खोलने के बाद मांगी हुई जानकारी देता, तब तक उसके खाते से पैसा उड़ाकर अपने बैंक खाते की बजाय दूसरे के खाते में भेज देते. बाद में उस व्यक्ति को 20 फीसद कमीशन देते हैं.
इन फरार अपराधियों की तलाश
जेल गए प्रफुल्ल मंडल के साथ विक्की मंडल, सुमन मंडल, पंकज मंडल, मुकेश मंडल, राजेंद्र मंडल, माेहन मंडल, सोनू यादव, अशोक यादव, पंकज मंडल, मितन मंडल, सुमन मंडल, फुलेश्वर मंडल, विवेक मंडल, राजा मंडल, किशोर कुमार, मणिकांत मंडल, विजय मंडल, लक्ष्मण मंडल व अनिल मंडल लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. अधिकांश आरोपित बंदरी गांव के रहने वाले हैं.
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
इस पूरे मामले पर सरैयाहाट के थाना प्रभारी निरंजन कुमार ने बताया कि गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल प्रफुल्ल ने अपने जिन साथियों के नाम बताएं हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि कि ये सभी लगभग एक वर्ष से साइबर क्राइम का एक संगठित आपराधिक गिरोह चला रहे हैं, जिन्हें जल्द सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.
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