मेरठ: मेरठ में एक बेहद ही दिलचस्प मामला सामने आया है. यहां एक फरियादी को जब इंसाफ नहीं मिला, तो उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर लिया. अब वादी को उम्मीद है कि उसे इंसाफ मिलेगा. मेरठ पुलिस ने करीब साढ़े चार साल पहले अनस के 28 ऊंट जब्त किए थे. वर्ष 2019 से अब तक उसे पुलिस ने उसके ऊंट वापस ही नहीं किये.
मेरठ के लिसाडी गेट के रहने वाले अनस ने वर्ष 2019 में अगस्त माह में ईद के दौरान 28 ऊंट लिए थे. तब पुलिस-प्रशासन की तरफ से सख्ती बरतते हुए ऊंट की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद 28 ऊंट लिसाड़ी गेट पुलिस ने जब्त कर लिये थे. वादी अनस का आरोप है कि उस वक्त पुलिस ने उन्हें तब यह जानकारी दी थी कि जो ऊंट पुलिस ने जब्त किए थे, वे सभी 28 ऊंट संरक्षण केंद्र में भिजवा दिए गए हैं.
ऊंटों के मालिक मो. अनस ने बताया कि पुलिस ने आज तक भी पकड़े गए ऊंट वापस नहीं किए. सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से भी ऊंट वापिस सौंपने का आदेश पुलिस को दिया गया था. इसके बावजूद भी ऊंट वापिस नहीं मिले. वादी के अधिवक्ता शम्स-उ-जमां ने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में सीओ कोतवाली को आदेश पारित किया था कि वादी के मामले में उचित कार्रवाई की जाए, उसके ऊंट वापिस दिलाएं, जिस पर कभी संज्ञान नहीं लिया गया.
इससे परेशान होकर 2022 में मो. अनस ने हाईकोर्ट की शरण ली और ऊंटों की वापसी के लिए न्याय की गुहार लगाई. 12 जनवरी 2023 को पुनः आदेश पारित कर ऊंट वापस करने को आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया.
न्याय न मिलने पर फरियादी अनस ने अब फिर याचिका दायर की है. फरियादी के वकील ने बताया कि इस बार प्रदेश पुलिस और प्रशासन के बड़े अफसरों को भी पार्टी बनाया गया है. फरियादी अनस का कहना है कि पुलिस ने ज़ब उसके ऊंट जब्त किए हैं तो वापस भी देने चाहिए. अब इस मामले की 18 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing in Allahabad High Court) होगी.
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