रांची: नक्सलवाद के खिलाफ रांची पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस के दबाव और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर टीएसपीसी के एरिया कमांडर राहुल गंझू उर्फ खलील जी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसके खिलाफ रांची के बुढ़मू, ठाकुरगांव, खलारी, सुखदेवनगर, मांडर, पिपरवार और रातू थाना में कुल 21 मामले दर्ज हैं. इसपर हत्या, फिरौती और आर्म्स एक्ट समेत कई आरोप हैं.
प्रेमिका ने छुड़वाया हथियार
पुलिस ने बताया कि नक्सली राहुल उर्फ खलिलजी के आत्मसमर्पण के पीछे उसकी प्रेमिका की अहम भूमिका है. राहुल खुद नौवीं कक्षा तक पढ़ा है. लोहरदगा की अनिता बीए पास है. अनिता ने ही उसे समाज की मुख्यधारा में लौट कर नई जिंदगी शुरू करने के लिए प्रेरित किया.
राहुल उर्फ खलिलजी कैसे बना नक्सली
आत्मसमर्पण के बाद राहुल उर्फ खलिलजी ने पुलिस को बताया कि बुढ़मू थानाक्षेत्र के सीरम गांव का निवासी है. गांव के जंगली क्षेत्र के करीब होने की वजह से अक्सर टीएसपीसी नक्सली उसके गांव में आया करते थे. उसी दौरान नक्सली सागर गंझू और जगु उर्फ जागेश्वर गंझू और उनके दस्ता के सदस्यों से हुई. 2016 में किशुन गंझू के कहने पर संगठन में शामिल हो गया था.
2020 में बना था एरिया कमांडर
2019 में जोनल कमांडर जगू उर्फ जागेश्वर गंझू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. इसके बाद सब जोनल कमांडर हजारीबाग के रामेश्वर उर्फ पहाड़ी को कमांडर बना दिया गया. रामेश्वर ने एक साल बाद यानी 2017 में राहुल को .315 बोर का राइफल दे दिया. फिर साल 2020 में एके 47 देकर उसे एरिया कमांडर बना दिया गया. राहुल को उमेडंडा, बुढ़मू, खलारी, चान्हों, मांडर और रातु इलाके की जिम्मेदारी दी गई थी.
ग्रामीण इलाकों में वसूलता था लेवी
इसको सरकारी काम में लगे ठेकेदारों से लेवी वसूलने का काम दिया गया था. राहुल को 20 दिसंबर 2021 को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. साल 2023 में होटवार जेल से बाहर आते ही कमांडर रामेश्वर महतो उर्फ पहाड़ी से मिलकर फिर एक्टिव हो गया. जनवरी 2024 में रातु में फ्लाईओवर निर्माण करा रहे ठेकेदार को लेवी के लिए धमकी दी. फरवरी 2024 में चकमे स्थित पेट्रोल पंप मालिक को धमकी दी और फायरिंग भी की. जन प्रतिनिधि मोहन जयसवाल को फरवरी 2024 में लेवी की मांग की. यह शख्स मई 2024 में सीरम के जंगलों में पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में भी शामिल था.
टीएसपीसी में होता है शोषण
उसने पुलिस को बताया कि संगठन अब शोषण और लेवी वसूली की पार्टी हो गई है. बेवजह, ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जाता है. इससे वह परेशान था. अब वह परिवार के साथ सामान्य जीवन बिताना चाहता है. उसने अपने साथियों से ही हथियार छोड़कर सरेंडर करने की अपील की है. आपको बता दें कि सरेंडर पॉलिसी के तहत राहुल उर्फ खलिलजी को ओपन जेल में रखा जाएगा. इसके सरेंडर करने से रांची के ग्रामीण इलाकों में शांति बहाली की उम्मीद जगी है.
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