गिरिडीह: स्टोन चिप्स के परिवहन में चौकाने वाला मामला लगातार सामने आ रहे हैं. मामला स्टोन चिप्स लदी ट्रकों की रफ्तार और परिवहन परमिट से जुड़ा है. ऐसी ट्रकें एक घंटे में एक किमी से कम की दूरी तय कर रही हैं, जी हां एक घंटे में एक किलोमीटर से कम की दूरी. इसका खुलासा गावां अंचलाधिकारी अविनाश रंजन और गावां थाना प्रभारी की संयुक्त जांच में हुआ है.
दरअसल प्रशासन को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि गिरिडीह-कोडरमा से परिवहन परमिट के बगैर ही हर रोज 100 से अधिक ट्रकें (गिट्टी लदी) गावां होकर बिहार जा रही हैं. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक शर्मा के निर्देश पर इसकी जांच शुरू की गई. पहली जांच 12 जून को की गई. इस दौरान सीओ ने लगभग 8-10 गिट्टी लदी ट्रकों को रोका. ट्रक पर सवार चालक से परिवहन परमिट के साथ साथ अन्य कागजात की मांग की गई.
यूपी के सहारनपुर-बिहार के पश्चिमी चम्पारण का मिला परमिट
यहां ट्रक चालकों ने पत्थर क्रशर से जारी परमिट दिखाया. सभी गाड़ियों में परिवहन परमिट उतर प्रदेश के सहारनपुर या बिहार के पश्चिमी चम्पारण तक निर्गत था. यूपी जानेवाली गाड़ियों में मिले चालान की वैधता 72-73 घंटे की थी, लेकिन क्रशर से गावां तक लगभग 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करने में ही सभी गाड़ियों को 50-60 घंटे का समय लग चुका था. यह देख कर सीओ चौंक गए. उन्होंने सभी चालकों से पूछताछ की तो सभी ने एक ही रटा रटाया जवाब दिया. चालक के द्वारा कहा गया कि ट्रक ब्रेकडाउन हो गया था, इसी वजह से उन्हें देरी हुई. चूंकि वाहन का परमिट था तो सभी वाहनों को छोड़ दिया गया. इस चेकिंग के चार पांच दिन बाद फिर से गिट्टी लदी ट्रकों को रोका गया तो 12 जून की कहानी फिर से सामने आयी. फिर उसी तरह 50 किमी की दूरी तय करने में 50-60 घंटे का समय लगा था और चालक का जवाब वही था कि वाहन खराब हो गया था.
कई सवाल ने लिया जन्म
अब जब प्रशासन ने जांच शुरू की है तो कई सवालों में जन्म ले लिया है. सवाल यह है कि जब 50-60 घंटे में मालवाहक 50 से 70 किमी का दूरी तय कर सका तो आखिर बाकी बचे 10-15 घंटे में मालवाहक कैसे अपनी पूरी दूरी तय करेगा. सवाल यह भी है कि एक साथ सभी वाहन किस परिस्थित में ब्रेकडाउन हो रहे हैं. क्या वाहन का खराब होना सिर्फ इत्तेफाक है या फिर एक परमिट पर एक वाहन द्वारा बिहार में तीन-चार बार गिट्टी गिराने की चालाकी. प्रशासन द्वारा इस बिंदू पर जांच शुरू कर दी गई है.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी
इस पूरे विषय पर जांच करने वाले पदाधिकारी गावां के अंचलाधिकारी अविनाश रंजन से बात की गई. उन्होंने पूरे मामले से अवगत कराया. बताया कि गावां थाना प्रभारी संग मिलकर संयुक्त जांच किया गया. गिट्टी लदे 10-12 ट्रकों को चेक किया गया तो चालान शाहजहांपुर या सहारनपुर (उत्तर प्रदेश ) का था. 50 से 52 घंटा होने के बावजूद वाहन सिर्फ 50 से 70 किमी की दूरी तय कर सका था. सभी वाहन के चालकों का कहना था कि ट्रक खराब हो गया था. सीओ ने बताया कि इसकी शिकायत जिला खनन पदाधिकारी से की गई हैं. जिला खनन पदाधिकारी ने कहा है कि जिस किसी क्रशर द्वारा इस तरह का चालान निर्गत किया गया है उनसे पूछताछ होगी. सीओ ने कहा कि इस मामले कि जांच गंभीरता से होनी चाहिए और इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी.
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