कोरबा : नगर निगम हो या नगर पालिका समान रूप से विकास हर एक क्षेत्र तक पहुंचे, इसके लिए ही परिसीमन की प्रक्रिया अपनाई जाती है. मापदंडों के आधार पर वार्डों का परिसीमन प्रस्तावित है. लेकिन कोरबा में वार्ड परिसीमन को लेकर कई तरह की विसंगतियां सामने आ रही हैं. लोगों की शिकायत है कि अधिकारी अपने दफ्तर में बैठकर ही वार्डों की सीमा निर्धारित कर रहे हैं. इससे परेशानी पैदा होगी. एक ही गली को जब दो वार्ड में बांट दिया जाएगा. तब विकास कार्यों का टेंडर करने के साथ अन्य समस्याएं सामने आएंगी. हालांकि अफसरों का कहना है कि अभी अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है. लोगों के सुझाव के आधार पर ही परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
एक जैसे होनी चाहिए वार्डों की जनसंख्या : समय के साथ बदलाव और जनसंख्या में वृद्धि के कारण परिसीमन की प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन ने 12 जून को ही शासन के समस्त कलेक्टरों को निर्देश जारी किए थे.जिसमें परिसीमन के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने को कहा गया था. स्पष्ट निर्देश है कि नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के पहले वार्डों की रचना इस प्रकार से होनी चाहिए कि प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या यथासंभव एक जैसी ही हो. जनसंख्या में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नए सिरों से वार्डों का परिसीमन किया जाना है.
जनगणना 2011 के ब्लॉक बेहद महत्वपूर्ण : जनगणना 2011 में जनसंख्या को नापने के लिए क्षेत्रवार ब्लॉक बनाए गए थे. एक ब्लॉक में मोहल्ला और क्षेत्र का नाम है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस ब्लॉक को विभाजित ना किया जाए. जनसंख्या में हुई वृद्धि और क्षेत्र के अनुसार जनगणना 2011 के ब्लॉक को विभाजन नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं. परिसीमन के प्रस्ताव में वार्ड की चारों दिशा की सीमा स्पष्ट तौर पर दिखनी चाहिए. प्रत्येक प्रस्तावित वार्ड की जनसंख्या और वहां निवास एसटी, एससी वर्ग के लोगों की जनसंख्या के आंकड़ों को भी शामिल करना है.
59 वार्डों में सिमटा है कोरबा निगम : कोरबा से पृथक कर नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा आकर ले चुका है. जहां पहली बार चुनाव होंगे. नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा में 30 वार्ड बनाए गए हैं. पूर्व में यह इलाका नगर पालिका निगम कोरबा के अंतर्गत आता था. पिछले चुनाव में नगर पालिका निगम कोरबा में कुल 67 वार्ड थे. लेकिन अब बांकीमोंगरा के अस्तित्व में आने के बाद फिलहाल वार्डों की संख्या 59 रह गई है. परिसीमन जारी है, इसके बाद नगर निगम कोरबा में भी जनसंख्या के आधार पर नए वार्ड आकार लेंगे. जिससे वार्डों की संख्या बढ़ेगी, सूत्रों के अनुसार वार्डों की संख्या एक बार फिर 65 से 70 के बीच हो सकती है.
एक गली को दो वार्ड में बांट रहे विकास कार्य होंगे प्रभावित : नगर निगम कोरबा के दादर निवासी पूर्व पार्षद कृष्णा द्विवेदी का कहना है कि नगर पालिक निगम के अधिकारी अपने दफ्तर में बैठकर ही परिसीमन कर रहे हैं. वह फील्ड पर जाने के बजाय अपने टेबल पर नक्शा काट रहे हैं. एक गली को दो वार्ड में बांट दिया गया है. अब जब नाली या सड़क निर्माण के लिए टेंडर किया जाएगा तो यह किस आधार पर होगा? आधी गली का विकास होगा और आधी गली का विकास नहीं हो पाएगा.
''चुनाव में भी समस्या आएगी, इस कदर लापरवाही बरती जा रही है कि पति एक वार्ड में वोट देगा, तो पत्नी दूसरे वार्ड के लिए मतदान करेगी. अधिकारियों को चाहिए कि वह अपने ऑफिस से निकलें, जनसुनवाई का आयोजन करें. फील्ड में आकर परिसीमन करें. यदि हमारे सुझावों को अनदेखा किया गया तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे.''- कृष्णा द्विवेदी,पूर्व पार्षद
परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हुई सबके सुझाव से भेजेंगे अंतिम प्रस्ताव : नगर निगम की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया कि परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. फिलहाल प्रारंभिक प्रस्ताव का प्रकाशन भी नहीं हुआ है. अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. जनता के सुझाव भी हमें प्राप्त हो रहे हैं. जिस पर नगर पालिक निगम की समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाना है.
''हमें ट्रेनिंग में बताया गया है कि जनगणना 2011 के ब्लॉक को ध्यान में रखते हुए परिसीमन किया जाए. ब्लॉक का विभाजन न किया जाए. यथासंभव प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या को एक जैसा रखा जाए. औसत जनसंख्या सभी वार्डों में एक जैसी होनी चाहिए. फिलहाल प्रक्रिया शुरू हुई है. अंतिम प्रस्ताव भेजने तक परिस्थितियां और भी स्पष्ट हो जाएगी.''- प्रतिष्ठा ममगाई, आयुक्त
परिसीमन के लिए प्रमुख कार्यक्रम : कोरबा में परिसीमन के लिए 24 जून से 8 जुलाई तक प्रस्ताव तैयार होगा. इसके बाद 9 से 15 जुलाई तक प्रारंभिक प्रकाशन और दावा आपत्ति मंगवाएं जाएंगे.18 जुलाई तक शासन को अंतिम प्रस्ताव भेजा जाना है.