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MP के दमोह से भी गुजरती है कर्क रेखा, सर्वे में पुष्टि, जानिए इसका क्या असर होगा - MP TROPIC OF CANCER

दमोह जिले से भी कर्क रेखा गुजरती है. सर्वे आफ इंडिया ने उन पॉइंट को चिह्नित किया है, जहां से कर्क रेखा गुजरती है.

MP Tropic of Cancer
दमोह जिले से भी कर्क रेखा गुजरती है, सर्वे ऑफ इंडिया ने की पुष्टि (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 1:16 PM IST

दमोह : पुरातात्विक, ऐतिहासिक धरोहरें दमोह जिले में भरपूर हैं. पर्यटन की भी बहुत संभावनाएं यहां हैं. अब पता चला है कि दमोह जिले के दो गांवों से कर्क रेखा भी गुजरी है. सर्वे ऑफ इंडिया से दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने संपर्क कर सर्वे करने के लिए आग्रह किया. इसके बाद टीम ने गुरुवार को दमोह जिले के दो गांवों को चिह्नित किया, जहां से कर्क रेखा गुजरती है. भारत सरकार के सर्वे ऑफ इंडिया में डिप्टी सर्वेयर जयप्रकाश पाटीदार ने बताया "दमोह के 2 ग्रामों के 4 स्थानों का सर्वे किया गया है. इसके बाद हम फाइनल करेंगे, जहां से कर्क रेखा गुजरती है."

सर्वे ऑफ इंडिया की 10 लोगों की टीम पहुंची

कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने इसे दमोह के लिए एक अहम पड़ाव बताया है. उन्होंने कहा कि दमोह जिला पुरातात्विक धरोहर की दृष्टि से काफी समृद्धशाली है. हमें इस बात के प्रमाण मिले थे कि दमोह से कर्क रेखा गुजरती है. इसके बाद हमने सर्वे आफ इंडिया से संपर्क किया था. करीब 10 लोगों की टीम तेंदूखेड़ा आई थी. करीब 3-4 घंटे तक उन्होंने सर्वे किया. दमोह के अभाना तेंदूखेड़ा तथा तेंदूखेड़ा से रहली मार्ग पर बगदरी में सर्वे किया है. फाइनल जगह पर पेंट करके उसे चिह्नांकित कर देंगे.

दमोह कलेक्टर के आग्रह पर सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंची (ETV BHARAT)

दमोह जिले में पर्यटन की संभावनाएं और बढ़ेंगी

बता दें कि दमोह जिला सिर्फ पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहरों से ही नहीं भरा पड़ा है. बल्कि पर्यटन और धर्म की दृष्टि से भी काफी समृद्धशाली है. दमोह जिला में बनने वाला रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. इसके अलावा यहां पर हजारों वर्ष पुराने ऐतिहासिक किले, चारों ओर सघन वन संपदा, कई तरह के वन्य प्राणी यहां पर अपनी आरामगाह बनाए हुए हैं. इसके अतिरिक्त उत्तर की ओर पन्ना टाइगर रिजर्व, पश्चिम की ओर नौरादेही अभयारण्य बसे हुए हैं. इसके अलावा कुंडलपुर एवं बांदकपुर जैसे विश्व प्रसिद्ध धर्मस्थल मौजूद हैं. इनके कारण यहां पर वर्षभर श्रद्धालुओं के अलावा लोगों का आना-जाना बना रहता है. अब कर्क रेखा मिलने के बाद यहां पर पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

MP Tropic of Cancer
दमोह जिले में सर्वे करती सर्वे ऑफ इंडिया की टीम (ETV BHARAT)

कर्क रेखा क्या है और कहां-कहां से गुजरती है

कर्क रेखा पृथ्वी के अक्षांशों में सबसे उत्तरी है, जहां दोपहर के समय सूर्य सीधे सिर के ऊपर दिखाई देता है. कर्क रेखा, उष्ण कटिबंध कहे जाने वाले क्षेत्र की उत्तरी सीमा बनाती है. ये भी बता दें कि कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच के स्थान को उष्णकटिबन्ध कहा जाता हैं. कर्क रेखा सूर्य की सीधी किरणों की सबसे उत्तरी स्थिति को चिह्नित करने वाली काल्पनिक रेखा है. कर्क रेखा भारत के 8 राज्यों गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम से होकर गुजरती है. वहीं, कर्क रेखा दुनिया के 16 देशों और तीन महाद्वीपों से होकर गुजरती है. इसे देख नहीं सकते लेकिन ये एक काल्पनिक रेखा होती है. लीबिया, नाइजर, सऊदी अरब, यूएई, भारत, बहामास और चीन से कर्क रेखा गुजरती है.

दमोह : पुरातात्विक, ऐतिहासिक धरोहरें दमोह जिले में भरपूर हैं. पर्यटन की भी बहुत संभावनाएं यहां हैं. अब पता चला है कि दमोह जिले के दो गांवों से कर्क रेखा भी गुजरी है. सर्वे ऑफ इंडिया से दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने संपर्क कर सर्वे करने के लिए आग्रह किया. इसके बाद टीम ने गुरुवार को दमोह जिले के दो गांवों को चिह्नित किया, जहां से कर्क रेखा गुजरती है. भारत सरकार के सर्वे ऑफ इंडिया में डिप्टी सर्वेयर जयप्रकाश पाटीदार ने बताया "दमोह के 2 ग्रामों के 4 स्थानों का सर्वे किया गया है. इसके बाद हम फाइनल करेंगे, जहां से कर्क रेखा गुजरती है."

सर्वे ऑफ इंडिया की 10 लोगों की टीम पहुंची

कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने इसे दमोह के लिए एक अहम पड़ाव बताया है. उन्होंने कहा कि दमोह जिला पुरातात्विक धरोहर की दृष्टि से काफी समृद्धशाली है. हमें इस बात के प्रमाण मिले थे कि दमोह से कर्क रेखा गुजरती है. इसके बाद हमने सर्वे आफ इंडिया से संपर्क किया था. करीब 10 लोगों की टीम तेंदूखेड़ा आई थी. करीब 3-4 घंटे तक उन्होंने सर्वे किया. दमोह के अभाना तेंदूखेड़ा तथा तेंदूखेड़ा से रहली मार्ग पर बगदरी में सर्वे किया है. फाइनल जगह पर पेंट करके उसे चिह्नांकित कर देंगे.

दमोह कलेक्टर के आग्रह पर सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंची (ETV BHARAT)

दमोह जिले में पर्यटन की संभावनाएं और बढ़ेंगी

बता दें कि दमोह जिला सिर्फ पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहरों से ही नहीं भरा पड़ा है. बल्कि पर्यटन और धर्म की दृष्टि से भी काफी समृद्धशाली है. दमोह जिला में बनने वाला रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. इसके अलावा यहां पर हजारों वर्ष पुराने ऐतिहासिक किले, चारों ओर सघन वन संपदा, कई तरह के वन्य प्राणी यहां पर अपनी आरामगाह बनाए हुए हैं. इसके अतिरिक्त उत्तर की ओर पन्ना टाइगर रिजर्व, पश्चिम की ओर नौरादेही अभयारण्य बसे हुए हैं. इसके अलावा कुंडलपुर एवं बांदकपुर जैसे विश्व प्रसिद्ध धर्मस्थल मौजूद हैं. इनके कारण यहां पर वर्षभर श्रद्धालुओं के अलावा लोगों का आना-जाना बना रहता है. अब कर्क रेखा मिलने के बाद यहां पर पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

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दमोह जिले में सर्वे करती सर्वे ऑफ इंडिया की टीम (ETV BHARAT)

कर्क रेखा क्या है और कहां-कहां से गुजरती है

कर्क रेखा पृथ्वी के अक्षांशों में सबसे उत्तरी है, जहां दोपहर के समय सूर्य सीधे सिर के ऊपर दिखाई देता है. कर्क रेखा, उष्ण कटिबंध कहे जाने वाले क्षेत्र की उत्तरी सीमा बनाती है. ये भी बता दें कि कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच के स्थान को उष्णकटिबन्ध कहा जाता हैं. कर्क रेखा सूर्य की सीधी किरणों की सबसे उत्तरी स्थिति को चिह्नित करने वाली काल्पनिक रेखा है. कर्क रेखा भारत के 8 राज्यों गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम से होकर गुजरती है. वहीं, कर्क रेखा दुनिया के 16 देशों और तीन महाद्वीपों से होकर गुजरती है. इसे देख नहीं सकते लेकिन ये एक काल्पनिक रेखा होती है. लीबिया, नाइजर, सऊदी अरब, यूएई, भारत, बहामास और चीन से कर्क रेखा गुजरती है.

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