ETV Bharat / state

खूंटी में अंचल कार्यालय के सामने धरना, अबुआ झारखंड पार्टी और संयुक्त पड़हा महासभा का संयुक्त प्रदर्शन

Tribals protest in Khunti. लोकसभा चुनाव से पहले खूंटी में आदिवासी संगठन अब गोलबंद हो रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार पर आदिवासियों की जमीन लूटने का आरोप लगाते हुए वे मुखर हैं. इसको लेकर अबुआ झारखंड पार्टी और संयुक्त पड़हा महासभा ने संयुक्त रूप से अंचल कार्यालय के सामने धरना दिया.

Tribal organisations protest in front of zonal office in Khunti
खूंटी में आदिवासी संगठन का धरना
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 13, 2024, 9:25 PM IST

खूंटी में आदिवासी संगठन का धरना-प्रदर्शन

खूंटीः जल, जंगल, जमीन को बचाने वाले संगठन आदिवासियों को गोलबंद करने में जुट गए हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय के कचहरी मैदान से बड़ी संख्या में भीड़ अबुआ झारखंड पार्टी और संयुक्त पड़हा महासभा ने संयुक्त रूप से खूंटी अंचल कार्यालय के समाने धरना प्रदर्शन किया.

अबुआ झारखंड पार्टी के अध्यक्ष रिलन होरो ने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन लूटने में लगी है. आदिवासियों के पास अपने जमीन का खाता खतियान उपलब्ध है. लेकिन ऑनलाइन एंट्री में किसी दूसरे की दूसरे के नाम से जमीन का रिकॉर्ड दर्ज है. ऐसे में आदिवासी अपनी जमीन से हाथ धो बैठेंगे. कई योजनाओं के नाम पर भी आदिवासी जमीनों को सरकार हड़पना चाहती है. कई बार ड्रोन सर्वे किया गया और लोगों को अपने खतियानी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार (यूसीसी) समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है. समान नागरिक संहिता लागू करने से आदिवासियों का सीएनटी एसपीटी एक्ट के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और जल, जंगल, जमीन में अधिकार भी नहीं रहेगा. ऐसे में आदिवासी समाज समान नागरिक संहिता और डीलिस्टिंग का विरोध करती है.

अबुआ झारखंड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सोमा मुंडा ने कहा कि कालामाटी से लेकर फूदी हुटार समेत आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में आदिवासियों की जमीन किसी दूसरे के नाम से हस्तांतरित की जा रही है. जमीन का हस्तांतरण बगैर जमीन मालिक की मर्जी से हो रहा है, इस तरह का खेल कैसे हो रहा है, यह अंचल अधिकारी को देखना होगा. अंचल अधिकारी इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करें और जमीन की खरीद बिक्री बगैर जमीन मालिक और ग्राम सभा की सहमति के ना हो.

अबुआ झारखंड पार्टी के लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि किसानों की जमीन ऑनलाइन पंजी-टू में कई गलतियां है, मूल खतियान के अनुसार उसमें सुधार किया जाए. किसानों की जमीन की ऑनलाइन रसीद को बिना परेशानी का किसानों का लगान रसीद निर्गत की जाए. झारखंड राज्य में जाति आधारित जनगणना कराई जाए, समान नागरिक कानून संहिता को रद्द किया जाए. किसानों की जमीन को अवैध रूप से खरीद बिक्री की गई जांच कर अभिलंब रद्द कर किसानों को वापस किया जाए, सरना कोड लागू किया जाए. वन क्षेत्र में बसे ग्रामीण किसानों को जमीन का पट्टा दिया जाए, झारखंड आंदोलनकारी को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए. वन संरक्षण अधिनियम 2023 को रद्द किया जाए. स्थानीय नीति अविलंब लागू किया जाए. वृहद झारखंड राज्य का गठन किया जाए. ईवीएम को हटाकर भारत में मतपत्र से चुनाव कराया जाए. इस धरना प्रदर्शन में अबुआ झारखंड पार्टी के अध्यक्ष रिलन होरो, कार्यकारी अध्यक्ष सोमा मुंडा, कोषाध्यक्ष संजय कुजूर, फिलिप होरो, फ्रैंकलिन धान समेत अन्य उपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें- डीलिस्टिंग के समर्थन में आदिवासियों ने खूंटी में दिया धरना, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जनजाति सूची से हटाने की मांग

इसे भी पढे़ं- कोडरमा में ढिबरा स्क्रैप मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन, आर-पार की लड़ाई का किया आह्वान

इसे भी पढे़ं- नल-जल योजना से वंचित बगोदर के गांव, अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने दिया धरना

खूंटी में आदिवासी संगठन का धरना-प्रदर्शन

खूंटीः जल, जंगल, जमीन को बचाने वाले संगठन आदिवासियों को गोलबंद करने में जुट गए हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय के कचहरी मैदान से बड़ी संख्या में भीड़ अबुआ झारखंड पार्टी और संयुक्त पड़हा महासभा ने संयुक्त रूप से खूंटी अंचल कार्यालय के समाने धरना प्रदर्शन किया.

अबुआ झारखंड पार्टी के अध्यक्ष रिलन होरो ने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन लूटने में लगी है. आदिवासियों के पास अपने जमीन का खाता खतियान उपलब्ध है. लेकिन ऑनलाइन एंट्री में किसी दूसरे की दूसरे के नाम से जमीन का रिकॉर्ड दर्ज है. ऐसे में आदिवासी अपनी जमीन से हाथ धो बैठेंगे. कई योजनाओं के नाम पर भी आदिवासी जमीनों को सरकार हड़पना चाहती है. कई बार ड्रोन सर्वे किया गया और लोगों को अपने खतियानी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार (यूसीसी) समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है. समान नागरिक संहिता लागू करने से आदिवासियों का सीएनटी एसपीटी एक्ट के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और जल, जंगल, जमीन में अधिकार भी नहीं रहेगा. ऐसे में आदिवासी समाज समान नागरिक संहिता और डीलिस्टिंग का विरोध करती है.

अबुआ झारखंड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सोमा मुंडा ने कहा कि कालामाटी से लेकर फूदी हुटार समेत आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में आदिवासियों की जमीन किसी दूसरे के नाम से हस्तांतरित की जा रही है. जमीन का हस्तांतरण बगैर जमीन मालिक की मर्जी से हो रहा है, इस तरह का खेल कैसे हो रहा है, यह अंचल अधिकारी को देखना होगा. अंचल अधिकारी इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करें और जमीन की खरीद बिक्री बगैर जमीन मालिक और ग्राम सभा की सहमति के ना हो.

अबुआ झारखंड पार्टी के लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि किसानों की जमीन ऑनलाइन पंजी-टू में कई गलतियां है, मूल खतियान के अनुसार उसमें सुधार किया जाए. किसानों की जमीन की ऑनलाइन रसीद को बिना परेशानी का किसानों का लगान रसीद निर्गत की जाए. झारखंड राज्य में जाति आधारित जनगणना कराई जाए, समान नागरिक कानून संहिता को रद्द किया जाए. किसानों की जमीन को अवैध रूप से खरीद बिक्री की गई जांच कर अभिलंब रद्द कर किसानों को वापस किया जाए, सरना कोड लागू किया जाए. वन क्षेत्र में बसे ग्रामीण किसानों को जमीन का पट्टा दिया जाए, झारखंड आंदोलनकारी को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए. वन संरक्षण अधिनियम 2023 को रद्द किया जाए. स्थानीय नीति अविलंब लागू किया जाए. वृहद झारखंड राज्य का गठन किया जाए. ईवीएम को हटाकर भारत में मतपत्र से चुनाव कराया जाए. इस धरना प्रदर्शन में अबुआ झारखंड पार्टी के अध्यक्ष रिलन होरो, कार्यकारी अध्यक्ष सोमा मुंडा, कोषाध्यक्ष संजय कुजूर, फिलिप होरो, फ्रैंकलिन धान समेत अन्य उपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें- डीलिस्टिंग के समर्थन में आदिवासियों ने खूंटी में दिया धरना, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जनजाति सूची से हटाने की मांग

इसे भी पढे़ं- कोडरमा में ढिबरा स्क्रैप मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन, आर-पार की लड़ाई का किया आह्वान

इसे भी पढे़ं- नल-जल योजना से वंचित बगोदर के गांव, अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने दिया धरना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.