जोधपुर. त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी मारवाड़ की बाड़मेर सीट जीतने के लिए भाजपा ने ताकत झोंक दी है. वजह है शिव से 26 साल के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी. जिनकी वजह से यह चुनाव पूरे देश में चर्चा में बना हुआ है. भाजपा के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को यहां से जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. यही कारण है कि जयपुर और दिल्ली का फोकस बाड़मेर पर बना हुआ है. जिसके चलते आने वाले एक सप्ताह तक यहां भाजपा के नेताओं के दौरे तय हो गए हैं. जल्द ही प्रधानमंत्री की सभा भी यहां हो रही है. सोमवार को बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सभा से इसकी शुरूआत हुई है. सोमवार को ही सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठकें लीं. मंगलवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सभाएं ली. भाजपा जाट, राजपूत, ओबीसी व अनुसूचित जाति को साधने के लिए नेताओं को मैदान में उतार रही है.
पीएम, रक्षा मंत्री आएंगे, राजपूत बेल्ट पर फोकस: कैलाश चौधरी की सीट निकालने के लिए भाजपा नेता लोगों को लामबंद करने में जुटे हैं. धीरेंद्र शास्त्री के मार्फत अध्यात्म और धर्मावलंबियों को साधा गया. एससी-एसटी मतदाताओं को एकजुट करने के लिए मंगलवार को सरकार का दलित चेहरा उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने चौहटन में सभाएं लीं. राजपूतों मतों को भाजपा के लिए एकजुट करने के लिए बुधवार को उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का दौरा होगा. गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजपूत बेल्ट में रहेंगे. शुक्रवार को प्रधानमंत्री बाड़मेर में रहेंगे.
सनी देओल व खली मांगेंगे वोट: भाजपा अपने पूर्व सांसद सनी देओल की सभा 13 अप्रैल को गुढामलानी में करवाएगी. 14 अप्रैल को रेसलर द ग्रेट खली पचपदरा में रोड शो व सभा करेंगे. 15 को पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बायतू में जाटों को संबोधित करेंगे. 16 अप्रैल को स्मृति ईरानी शिव में सभा करेंगी. इसके अलावा भी आने वाले दिनों के लिए नेताओं को यहां लाने की तैयारी चल रही है. भाजपा पूरे लोकसभा क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही है. जिससे माहौल बना रहे.
क्यों आई ऐसी नौबत?: भाजपा से कैलाश चौधरी दूसरी बार मैदान में हैं. कांग्रेस ने आएलपी नेता उमेदराम को पार्टी में शामिल कर चुनाव में उतारा है. उमेदाराम बायतू में विधानसभा का चुनाव बहुत कम अंतर से हारे थे. ऐसे में उनको लेकर खासकर जाटों में सिंपथी है. कैलाश चौधरी को लेकर लोगों में नराजगी भी बनी हुई है. जाट मतों का बंटवारा तय हो गया. इस बीच शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सीएम व अन्य नेताओं से मुलाकात के बाद भी निर्दलीय उतरने का ऐलान कर दिया. ऐसे में भाजपा को अपने परंपरागत राजपूत मतदाताओं के खोने का अंदेशा बना हुआ है. जिनके बूते ही पार्टी जीतती है. माना जा रहा है कि इस बार उनका झुकाव भाटी की तरफ है, जिसके चलते भाजपा नेता पशोपेश में हैं.