लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने "ईटीवी भारत" से बातचीत करते हुए महाकुंभ को लेकर परिवहन निगम की तैयारी की जानकारी दी. इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस और स्मार्ट कार्ड, आरसी को लेकर भी बताया.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सरकार महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने जा रही है, इसलिए आज कैबिनेट के बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1000 करोड़ रुपए का बजट परिवहन विभाग को दिया है. इससे हम 3050 बसों का भुगतान करेंगे. सात हजार से ज्यादा बसें खरीदेंगे. इनमें साधारण, इलेक्ट्रिक, सीएनजी और एसी वॉल्वो बसें शामिल होंगी. महाकुंभ के मेला क्षेत्र में डीजल बसें नहीं भेजी जाएंगी. 11 अस्थाई डिपो का हम निर्माण कर रहे हैं, वहीं पर बसें खड़ी होंगी. मेला क्षेत्र में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों से श्रद्धालु जाएंगे. इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं होगा. ग्रीन कुंभ की तैयारी है. देश और दुनिया से लोग आएंगे, उन्हें अच्छी अनुभूति होगी.
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस बनवाने में दिक्कत को लेकर कहा कि यह बहुत डिमांड होती है कि ऑफलाइन कर दें. यह सही है कि शुरुआती दौर में कठिनाई हो रही है. जब कंप्यूटराइजेशन किया जाता है तो बहुत सारे लोगों को दिक्कत आती है, लेकिन हमारे कार्यालय से एक भी लाइसेंस नहीं बनता है. घर बैठे लोग लाइसेंस बना लेते हैं. लोग दफ्तर आएंगे तो आरोप लगने लगेंगे कि भ्रष्टाचार हो रहा है. भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए यह सबसे बड़ा माध्यम है कि ऑनलाइन सिस्टम डेवलप किया जाए. लोग घर बैठे लाइसेंस बनाएं. यही नहीं हमारी सेवाएं फेसलेस होंगी. कोई भी व्यक्ति हमारे दफ्तर नहीं आएगा तो कोई परेशानी नहीं होगी. घर बैठे सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी. 37 सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं. महीने भर में सभी 58 सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
स्मार्ट कार्ड आरसी की जगह अब पीवीसी कार्ड देने के प्लान पर मंत्री ने कहा कि अभी हमारी आरसी कागज पर मिलती है. जब तक गाड़ी रहती है तब तक आरसी की जरूरत पड़ती है. आरसी भीगे नहीं, ले जाने में परेशानी न हो इसलिए अब स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस, क्रेडिट कार्ड या एटीएम कार्ड की तरह पीवीसी कार्ड आरसी बन जाएगी. उसमें चिप होगी तो लोगों को कार्ड के रूप में आरसी कैरी करना आसान होगा.
परिवहन मंत्री ने कहा कि नौजवानों को रोजगार इजराइल में अच्छे से मिल रहा है. यहां पर कोई नौजवान अगर नौकरी कर रहा है तो 15, 20 या 30 हजार रुपए पाता है. वहां पर डेढ़ लाख रुपये पा रहा है. इसमें से वह अपने माता-पिता को घर पर भेज रहा है. वह पैसा यहीं प्रदेश में खर्च कर रहे हैं. उससे प्रदेश का ही विकास हो रहा है. हम लोग ज्यादा से ज्यादा रोजगार का सृजन कर रहे हैं. संसद में प्रियंका गांधी फिलीस्तीन के समर्थन वाला बैग लेकर आने पर कहा कि जो विदेशी मानसिकता से ग्रस्त हो, उसके बारे में क्या कह सकते हैं. यह उन्हीं से पूछिए.